टोक्यो । उत्तर कोरिया की जासूसी सेटेलाइट लॉन्च करने के बाद दक्षिण कोरिया और जापान ने आपातकालीन चेतावनी जारी की है। दोनों देशों ने आशंका जताई है कि इस सेटेलाइट के कक्षा में स्थापित होने के बाद संभावित खतरा बढ़ गया है।
जापान ने जे-अलर्ट प्रसारण प्रणाली पर चेतावनी जारी करते कहा कि उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल दागी है जो ओकिनावा के दक्षिणी प्रांत के निवासियों के लिए खतरा हो सकता है।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के कार्यालय के अनुसार, टोक्यो ने सेटेलाइट को मार गिराने की तैयारी में जवाबी उपाय तैनात कर दिए हैं। ओकिनावा के मियाको, इशिगाकी और योनागुनी द्वीपों पर पीएसी-3 जमीन आधारित मिसाइल-रक्षा बैटरियां भेजी हैं और समुद्री आत्मरक्षा बल एजिस विध्वंसक को भी तैनात किया गया है, जो एसएम-3 इंटरसेप्टर से लैस है।
मालूम हो कि इस साल जासूसी सेटेलाइट लांच करने का उत्तर कोरिया का यह तीसरा प्रयास है। इससे पहले मई और अगस्त में वह दो प्रयासों में विफल हो चुका है। मंगलवार सुबह को उत्तर कोरिया ने जापान के तटरक्षक को सूचित करते कहा था वह 22 और 30 नवंबर के बीच किसी भी समय सेटेलाइट लॉन्च कर सकता है।
NORTH KOREA
प्योंग्यांग/टोक्यो/मॉस्को । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात में दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती का संकल्प लिया गया है। इस मुलाकात के बीच ही उत्तर कोरिया ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल दागकर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मॉस्को पहुंचे हैं। यहां पहुंचने पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया। पिछले चार सालों में यह किम जोंग उन की पहली रूस यात्रा है। किम जोंग उन ने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के संबंधों के रणनितिक महत्व को प्रदर्शित करता है। उनकी यह यात्रा उत्तर कोरिया और इसकी कम्युनिस्ट वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) के संबंधों के रणनीतिक महत्व को प्राथमिकता देने के लिए है।
किम जोंग उन की रूस यात्रा के बीच उत्तर कोरिया ने एक और मिसाइल दागी है। जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। फिलहाल, इस मिसाइल के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। जापान के तटरक्षकों ने बताया कि उत्तर कोरिया की तरफ से दो मिसाइलें दागी गईं, जो समुद्र में जाकर गिरीं। इससे पहले भी उत्तर कोरिया कई बैलिस्टिक मिसाइल दाग चुका है। उत्तर कोरिया ने वर्ष 2017 में परमाणु मिसाइल कार्यक्रम पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए इस साल कई मिसाइलें दागी हैं। वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से लगभग 100 मिसाइलें दागी जा चुकी हैं।
सियोल । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मंगलवार को पहुंच गए। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में यह घटनाक्रम सुर्खियों में है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दक्षिण कोरियाई सेना की प्रेस ब्रीफिंग के हवाले से कहा गया है कि किम जोंग उन की रूस के राष्ट्रपति से एकांत में मुलाकात होनी है। किम रविवार दोपहर राजधानी प्योंगयांग से एक स्पेशल ट्रेन से रूस के लिए रवाना हुए थे। उनके साथ सैन्य अधिकारी भी रूस पहुंचे हैं। यह ट्रेन मंगलवार तड़के रूस में दाखिल हुई। एक रिपोर्ट्स में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए उत्तर कोरिया से हथियारों की मदद मांग सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किम के प्रतिनिधिमंडल में उनके विदेश मंत्री चोए सन हुई, कोरियाई पीपुल्स आर्मी मार्शल री प्योंग चोल और पाक जोंग चोन समेत शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल हैं। किम और पुतिन की मुलाकात पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में होनी है।2019 में भी किम के साथ पुतिन की पहली मुलाकात इसी जगह पर हुई थी। कोविड-19 महामारी के बाद किम की यह पहली विदेश यात्रा है।
सियोल । उत्तर कोरिया ने अपनी नवनिर्मित सामरिक पनडुब्बी का अनावरण किया है। यह पानी के भीतर परमाणु हमला करने में सक्षम है। इस मौके पर राष्ट्रपति किम जोंग-उन ने उत्तर कोरिया के परमाणु निरोध को और मजबूत करने का संकल्प लिया। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बुधवार को आयोजित पनडुब्बी के अनावरण समारोह में उत्तर कोरिया कई नेताओं ने भाग लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पनडुब्बी को हीरो किम कुन ओके नाम दिया गया है। किम ने कहा है कि यह हमारी हमारी शक्ति का प्रतीक है। इस देखकर दुश्मनों की रूह कांप जाएगी। उन्होंने यह संकेत दिया कि इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी परमाणु संचालित पनडुब्बियों का मुकाबला करना है। यह पनडुब्बी 10 मिसाइल ट्यूब से सुसज्जित है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पुतिन से मिलने रूस जाएंगे , हथियार सौदों पर बातचीत होगी
प्योंग्यांग/ मॉस्को । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के लिए रूस जायेंगे। पुतिन और उन की मुलाकात में दोनों देशों के बीच हथियार सौदों पर बातचीत होगी।
जानकारी के मुताबिक यूक्रेन पर रूसी हमला हुए डेढ़ साल से अधिक होने के बाद रूस को हथियारों की जरूरत महसूस हो रही है। उत्तर कोरिया लगातार आधुनिक हथियार बनाकर अमेरिका सहित पश्चिमी जगत को चुनौती दे रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद रूस को भी अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से मोर्चा संभालना पड़ रहा है। ऐसे में रूस और उत्तर कोरिया की निकटता बढ़ने की बात कही जा रही है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस महीने मुलाकात हो सकती है। दावा किया गया है कि यह मुलाकात रूस में होगी और पुतिन व उन के बीच होने वाली बैठक में हथियार सौदे को लेकर बातचीत होगी। इस रिपोर्ट का दावा है कि इस मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया की ओर से रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए हथियारों की आपूर्ति शुरू की जा सकती है। माना जा रहा है कि रूस, उत्तर कोरिया से लंबी दूरी की मिसाइलें खरीद सकता है। उत्तर कोरिया भी इस समझौते को लेकर उत्सुक है। यही वजह है कि आम तौर पर देश से बाहर न निकलने वाले उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन रूस के दौरे की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिका उत्तर कोरिया से रूस को हथियारों की आपूर्ति को लेकर पहले से चिंतित है। अमेरिका ने पिछले सप्ताह ही रूस को उत्तर कोरिया से गुप्त बातचीत को लेकर चेतावनी दी थी। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता एड्रियन वाटसन ने कहा कि हम पहले ही सार्वजनिक रूप से चेतावनी दे चुके हैं कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच हथियारों के समझौते को लेकर बातचीत हो रही है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने पिछले साल भी रूस को रॉकेट और मिसाइल की आपूर्ति की है, जिनका इस्तेमाल वैगनर ग्रुप द्वारा किया गया था। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु ने भी पिछले महीने उत्तर कोरिया का दौरा किया था। पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जापान ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने वाला कोई भी समझौता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन माना जाएगा।
उत्तर कोरिया ने फिर दागीं दो बैलिस्टिक मिसाइल, वाशिंगटन, जापान और सियोल को कराया अपनी ताकत का अहसास
सियोल । उत्तर कोरिया ने बुधवार तड़के पूर्व की ओर दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। उत्तर कोरिया ने यह कदम उठाकर वाशिंगटन, जापान और दक्षिण कोरिया को संकेत दिया है कि उसे कमजोर न समझा जाए।
जापान और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने कहा है कि चार दशक में पहली बार अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी के दक्षिण कोरिया के बंदरगाह पर पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद उत्तरी कोरिया ने यह हरकत की है।
सियोल ने कहा है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया सुरक्षा वार्ता के उद्घाटन सत्र के एक दिन बाद उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर में दो कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह वार्ता सियोल से 320 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व बुसान में प्रमुख नौसैनिक अड्डे पर हुई।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि यह मिसाइलें सुनान क्षेत्र से सुबह 3:30 बजे से 3:46 बजे (स्थानीय समयानुसार) दागी गईं। मिसाइलों ने समुद्र में गिरने से पहले लगभग 550 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भरी।
प्योंगयांग । उत्तर कोरिया ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल दागकर दुनिया को चुनौती दी है। यह इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किया गया 12वां प्रक्षेपण है। दक्षिण कोरिया और जापान ने मिसाइल दागे जाने की पुष्टि की है।
दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा, उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से पूर्वी सागर की ओर एक अनिर्दिष्ट बैलिस्टिक मिसाइल दागी। उत्तर कोरिया के पिछले प्रक्षेपण के बमुश्किल एक महीने बाद हुए इस प्रक्षेपण की सूचना जापान की सेना ने भी दी है। दक्षिण कोरिया की सेना के संयुक्त प्रमुख ने घोषणा की है कि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण का पता लगाया है। उन्होंने इस प्रक्षेपण के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है। जापानी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी जानकारी दी कि मिसाइल को उड़ान भरते देखा गया। इससे पहले उत्तर कोरिया ने 15 जून को बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी।
वैसे माना जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी जासूसी विमान के अभियानों के खिलाफ उत्तर कोरिया के आरोपों के कारण उत्पन्न तनाव के बीच प्योंगयांग ने बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। यह प्रक्षेपण उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर कड़ी शिकायत करने और अमेरिकी जासूसी विमानों पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का आरोप लगाने के बाद हुआ है। प्योंगयांग ने अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संचालित क्रूज मिसाइल पनडुब्बी की हाल ही में दक्षिण कोरिया की यात्रा की भी निंदा की थी। उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर आठ बार अवैध रूप से उसके आर्थिक क्षेत्र में उड़ान भरने का आरोप लगाया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उत्तर कोरिया ने 2023 में अपनी पहली ठोस-ईंधन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था और एक नए प्रक्षेपण वाहन पर अपने पहले जासूसी उपग्रह को लॉन्च करने का प्रयास किया था।
प्योंगयांग । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग एक और आदेश दुनिया में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है। किम जोंग के ऐसे ही एक फितूरी आदेश ने अब एक बार फिर दो लाख लोगों को घरों में कैद कर दिया है। दरअसल, एक सैनिक के पास से गायब 653 गोलियां ढूंढने के लिए एक पूरे हेसन शहर में लॉकडाउन लगा दिया गया है।
उत्तर कोरिया के उत्तरी इलाके रियांग के हेसन शहर से बीते सात मार्च को कोरियाई पीपुल्स आर्मी की सातवीं बटालियन वापस लौटी थी। इस बटालियन को 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत में चीन सीमा पर तैनात किया गया था। कोराना संकट समाप्त होने के बाद सेना को वापस बुलाया गया। बटालियन की वापसी के दौरान एक सैनिक के पास से 653 गोलियां गायब हो गयी थीं। शुरुआत में जवान खुद इसे तलाशने में जुटे थे, लेकिन न मिलने पर अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
बंदूक की 653 गोलियां ढूंढने के लिए अब पूरे शहर में लॉकडाउन लगाकर सील कर दिया गया है। पुलिस और सेना घर-घर तलाशी शुरू कर रही है। सरकार का सख्त आदेश है कि जब तक सारी गोलियां नहीं मिल जाती हैं, तब तक शहर में लॉकडाउन लगा रहेगा। इस कारण शहर के दो लाख लोग घरों में कैद हो गए हैं। उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
मान नहीं रहा उत्तर कोरिया, ने फिर दागी बैलिस्टिक मिसाइल, जापान ने भी पुष्टि कर आपातकालीन चेतावनी जारी की
प्योंगयांग । दक्षिण कोरिया और अमेरिका का साझा सैन्य अभ्यास उत्तर कोरिया को रास नहीं आ रहा है। उत्तर कोरिया इसको चुनौती की तरह देख रहा है। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर पूर्वी सागर की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। दक्षिण कोरिया के साथ जापान ने भी यह मिसाइल दागे जाने की पुष्टि कर आपातकालीन चेतावनी जारी की है।
इस समय दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास चल रहा है। पिछले सप्ताह शुरू हुआ यह सैन्य अभ्यास तीन अप्रैल को समाप्त होने वाला है। उत्तर कोरिया इस सैन्य अभ्यास का खुल कर विरोध कर रहा है। यह सैन्य अभ्यास शुरू होते ही उत्तर कोरिया कई मिसाइल प्रक्षेपित कर चुका है। इनमें पानी के नीचे परमाणु सक्षम हमले वाले ड्रोन का परीक्षण भी शामिल है।
अब एक बार फिर उत्तर कोरिया ने मिसाइल दाग कर दक्षिण कोरिया के साथ-साथ अमेरिका को भी चुनौती दी है। दक्षिण कोरिया की सेना के मुताबिक उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि सेना मिसाइल की उड़ान दूरी और अन्य विवरणों का विश्लेषण कर रही है।
इस बीच जापान के प्रधान मंत्री कार्यालय ने भी मिसाइल दागे जाने की पुष्टि कर आपातकालीन चेतावनी जारी की है। जापान के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की है। अधिक जानकारी आना बाकी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने हवाई जहाजों सहित विभिन्न रक्षा प्रणालियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अधिकाधिक सूचनाएं जुटाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही जनता को भी समयबद्ध ढंग से सूचनाएं मुहैया कराने को कहा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अधिकारियों को सभी सावधानियां बरतने और किसी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दिये हैं।
प्योंग्यांग । उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास का विरोध कर रहा है। अभ्यास शुरू होते ही उत्तर कोरिया ने जवाबी कार्रवाई की और अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए चार मिसाइलें फायर की हैं। इनमें पनडुब्बी से दो क्रूज मिसाइल और दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल शामिल है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 13 मार्च से संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू हुआ है। 23 मार्च तक होने वाले सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ से भी गुहार की है। उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने बयान जारी कर कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास और सहयोगियों की बयानबाजी ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को “बेहद खतरनाक स्तर” पर धकेल दिया है। इसलिए इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
इस बीच उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण भी तेज कर दिये हैं। सैन्य अभ्यास शुरू होते ही लगातार चार मिसाइल दाग कर उत्तर कोरिया ने जवाबी कार्रवाई की है। दक्षिण कोरिया ने इन परीक्षणों को उकसावे वाला करार दिया है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिमी तटीय शहर जांगयोन से प्रक्षेपित की गई मिसाइलों ने देश के पूर्वी तट के पास समुद्र में गिरने से पहले उत्तर कोरिया से ऊंची उड़ान भरी थी। मिसाइलों ने लगभग 620 किलोमीटर की दूरी तय की। रिपोर्ट की गई उड़ान दूरी से पता चलता है कि मिसाइल परीक्षण दक्षिण कोरिया को निशाना बनाने को लेकर किये गए हैं। उन्होंने इन परीक्षणों को एक गंभीर उकसावे वाला बताया और कहा कि यह कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता को कमजोर करता है।
इस बीच अमेरिकी सेना की ओर से यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा कि मंगलवार के परीक्षण से उसके सहयोगियों को तत्काल खतरा नहीं है। लेकिन उत्तर कोरिया के हालिया परीक्षण उसके गैरकानूनी हथियार कार्यक्रमों के अस्थिर करने वाले प्रभाव को उजागर करते हैं।
साथ ही यह भी कहा गया कि दक्षिण कोरिया और जापान के लिए अमेरिकी सुरक्षा जारी रहेगी। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि अधिकारी अभी भी उत्तर कोरियाई प्रक्षेपणों का विवरण एकत्र कर रहे हैं और जापानी जल में नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।