West Bengal Assembly: गुरुवार, 1 अगस्त को पश्चिम बंगाल विधानसभा में TMC द्वारा नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा की मांग सम्बंधित एक प्रस्ताव पेश किया जिसे पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से देश में भारतीय दंड विधान (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लागू किए गए नए कानूनों की समीक्षा करने की मांग की गयी है जिसपर BJP सदस्यों ने अपना विरोध जताया है और इस प्रस्ताव की आलोचना हुए तर्क दिया कि,’ यह सदन के समय की बर्बादी है, क्योंकि नये कानून पहले ही लागू हो चुके हैं…. बंगाल के कानून मंत्री मोलॉय घटक ने चर्चा के दौरान कहा कि इन तीन नए कानूनों के खिलाफ कई सवाल उठाए जा रहे हैं।’
भाजपा के सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों के इस दावे को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया कि नये कानून “कठोर और जनविरोधी” हैं। इस दौरान राज्य के कानून मंत्री मलय घटक और तृणमूल कांग्रेस के अन्य सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर दो दिवसीय चर्चा के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नए कानून को 1 जुलाई से किया गया था लागू
इस प्रस्ताव के अंतर्गत केंद्र से अनुरोध किया गया है कि,’ वह सुशासन के हित में न्यायविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के आम सहमति वाले विचारों को विकसित करने और मौलिक अधिकारों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की रक्षा के लिए नये कानूनों की समीक्षा करे।’ बता दे कि केंद्र के द्वारा जो तीन नये आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह एक जुलाई से पूरे देश में लागू किया गया है
ममता बनर्जी से संसद में विधेयक पारित होने से पहले ली गई थी राय- शुभेंदु अधिकारी
बता दे कि, इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि,” संसद में विधेयक पारित होने से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित हितधारकों की राय ली गई थी… उन्होंने कहा कि, बनर्जी ने नवंबर 2023 में इस मामले पर केंद्र सरकार को पत्र के माध्यम से अपनी राय, सुझाव और आपत्तियां भेजी थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि नये कानूनों को लागू करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए और सभी हितधारकों से परामर्श किया जाना चाहिए।”
ममता बनर्जी के पत्र का गृहमंत्री ने दिसंबर 2023 के दूसरे हफ्ते में दिया था जवाब
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि,” केंद्रीय गृह मंत्री ने दिसंबर 2023 के दूसरे सप्ताह में बनर्जी के पत्र का जवाब दिया था, केंद्र सरकार ने संविधान में दी गई समवर्ती सूची के तहत निहित शक्तियों के तहत तीन कानून बनाए और इस तरह प्रस्ताव और इस पर चर्चा का मतलब विधानसभा का बहुमूल्य समय बर्बाद करना था।”