हैदराबाद। तेलंगाना में प्रथम वर्ष की एक मेडिकल की छात्रा धारावती प्रीति ने द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे एस ए सैफ की प्रताड़ना के चलते चार दिन पहले आत्महत्या का प्रयास किया था। जिसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां आज रात 9.10 मिनट पर उसने दम तोड़ दिया। प्रीति के परिजनों ने अस्पताल के निकट विरोध प्रदर्शन किया और शव ले जाने से इनकार किया है।
प्रीति के पिता मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार से आग्रह है कि उनकी बेटी के मृत्यु पर सिटिंग जज से घटना की तत्काल जांच हो और राज्य सरकार अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी जिन्होंने पीड़ित को परेशान किया उनको तुरंत निलंबित किए जाए।
इस बीच कई छात्र संगठन अस्पताल के निकट पहुंचे और प्रदर्शन किया। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए कई छात्र संगठन के नेताओं को हिरासत में लिया है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण है।
प्रीति वारंगल में काकतिया मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया की छात्रा है, जिसने अपने डॉ सैफ द्वारा की जा रही रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या की। वारंगल पुलिस आयुक्त ए वी रंगनाथ ने पत्रकारों से कहा कि सैफ को लड़की के आत्महत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया है। सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि “यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की को निशाना बनाकर उत्पीड़न किया जा रहा था।
प्रीति 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे बेहोशी की हालत में पाया। उसे उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।
यह लव जिहाद का स्पष्ट मामला : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने आरोप लगाया कि यह लव जिहाद का स्पष्ट मामला है, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग प्यार के नाम पर हिंदू लड़कियों को निशाना बना रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है, इसके लिए उन्हें विदेशों से मोटी रकम मिल रही है। उन्होंने सिटिंग जज से घटना की तत्काल जांच कराने की मांग की।
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केंद्र सरकार यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के दाखिले पर छह हफ्ते में फैसला करे : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली । यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के दाखिले की मांग पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि सरकार ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी को छात्रों पर फैसला लेने में कुछ समय लगेगा। उसके बाद जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र से कहा कि वो छह हफ्ते में निर्णय ले।
सुनवाई के दौरान छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है, कम से कम पहले और दूसरे साल के छात्रों पर फैसला लेना चाहिए। दिसंबर 2022 में कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि इस मसले पर विशेषज्ञों की कमेटी गठित करे जो छात्रों की समस्याओं का समाधान कर सके। कोर्ट ने कहा था कि ये जब देश में डॉक्टरों की जरुरत है वैसी परिस्थिति में ये छात्र राष्ट्रीय संसाधन हो सकते हैं।
कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का दूसरे देशों में दाखिला आसान करने के लिए 16 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार को पोर्टल बनाने का सुझाव दिया था। इसके पहले केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि ये छात्र या तो नीट में कम अंक के चलते वहां गए थे, या सस्ती पढ़ाई के लिए। इन छात्रों का भारत मे दाखिला कानूनन संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा था कि यूक्रेन के कॉलेज से सहमति ले दूसरे देश में डिग्री पूरी करें।
सुनवाई के दौरान 5 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि विदेश मंत्रालय यह विषय देख रहा है। हो सकता है कि छात्रों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाया जाए। 26 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सरकार को तय करना है कि क्या भारत के कॉलेजों में इतनी जगह है और क्या नियमों के तहत इन्हें भारत में दाखिला दिया जा सकता है।
पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह ने दायर याचिका में कहा है कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रवेश नियमों में छूट देकर सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के लिए वहां के कॉलेज और यूनिवर्सिटी से समन्वय कर उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
जबलपुर (मध्य प्रदेश)। भेड़ाघाट से तिलवारा जाने वाले मार्ग पर बुधवार की रात दिल्ली जैसा दर्दनाक हादसा हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग -34 पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। बाइक एक मेडिकल छात्र चला रहा था। ट्रक की टक्कर से छात्र दूर जाकर गिरा, वहीं पीछे बैठी मेडिकल छात्रा ट्रक में फंस गई। ट्रक चालक ने भागने के लिए ट्रक की रफ्तार बढ़ा दी और युवती ट्रक के साथ करीब 50 मीटर तक घिसटती रही। इस घटना में युवती की मौके पर ही मौत हो गई और उसका शव बुरी तरह से क्षत विक्षत हो गया। वहीं घायल छात्र को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ट्रक चालक की तलाश कर रही है। इस घटना से नाराज मेडिकल छात्र बड़ी संख्या में अस्पताल में जमा हो गए और देर रात तक हंगामा चलता रहा।
इस संबंध में गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि शहडोल निवासी रूबी ठाकुर व रीवा निवासी सौरभ ओझा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र थे। बुधवार रात सौरभ और रूबी तिलवारा घाट की ओर गए थे। रात लगभग दस बजे दोनों भेड़ाघाट बाइपास चौराहे से तिलवारा की तरफ जाने वाली वाली सर्विस लेन से होकर लौट रहे थे। इसी सडक पर एक ट्रक भोपाल से नागपुर की तरफ जा रहा था। सौरभ और रूबी की बाइक चौराहे के पास पहुंची ही थी कि तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर के साथ ही सौरभ बाइक के साथ ही दूर जाकर गिरा।
उन्होंंने बताया कि रूबी दूसरी किनारे की तरफ गिरी और उसका शरीर ट्रक में फंस गया। ट्रक चालक ने घटना के बाद वाहन को तेजी से भगाने का प्रयास किया। जिस वजह से रूबी ट्रक में फंसी रही और करीब पचास मीटर तक घिसटती रही। उसका शरीर पूरी तरह से क्षत विक्षत हो गया। शरीर से अधिक मात्रा में खून बह गया और सिर व पूरे शरीर में गंभीर चोटें आने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सड़क पर लगभग 50 मीटर तक मांस के लोथड़े और खून पड़ा हुआ था।