पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को महाअष्टमी के दिन राजधानी के अगमकुआं स्थित शीतला माता मंदिर, पटना सिटी स्थित बड़ी पटनदेवी मंदिर एवं छोटी पटनदेवी मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की।
पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधिवत पूजा करायी। मुख्यमंत्री ने मां शीतला देवी, मां बड़ी पटनदेवी एवं मां छोटी पटनदेवी से राज्य की सुख, शांति, समृद्धि एवं प्रगति की कामना की।
नीतीश कुमार ने मारूफगंज स्थित श्री श्री बड़ी देवी जी तथा श्री श्री दलहट्टा देवी जी जाकर मां भगवती दुर्गा की भी पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री को मारूफगंज मारवाड़ी सेवा समिति द्वारा अंगवस्त्र, पाग एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।
पूजा अर्चना के दौरान वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
पूजा अर्चना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग महाअष्टमी के दिन दर्शन करने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं और पूजा अर्चना कर देश एवं पूरी दुनिया की सुख, शांति एवं खुशहाली की कामना करते हैं।
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मीरजापुर। शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का महागौरी के स्वरूप में दर्शन पूजन कर पुण्य की कामना की।
मां के दर्शन के लिए देश के अन्य प्रांतों के श्रद्धालु रविवार की मध्य रात में ही विंध्य धाम पहुंच गए थे। भोर में गंगा स्नान कर श्रद्धालु मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही मां के दर्शन पूजन में जुट गए। विंध्य धाम में दर्शन-पूजन कर भक्तों ने मंदिर परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं का विधि-विधान से पूजन किया। वहीं, बड़ी संख्या में भक्त हवन कुंड पर पहुंचकर आहुति छोड़ी। इसके बाद अष्टभुजा एवं काली खोह मंदिरों में दर्शन-पूजन कर भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा भी की। श्रद्धालुओं की भीड़ से विंध्यधाम की गलियां पटी रहीं। पुलिस के साथ तीर्थ पुरोहित भी श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन कराने में जुटे रहें। सुबह जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई।
त्रिकोण मार्ग पर रही सुरक्षा व्यवस्था
रविवार की रात महानिशा पूजा होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु विंध्याचल धाम पहुंचे थे। मां विंध्यवासिनी, मां काली व मां अष्टभुजा के दर्शन के बाद शिवपुर स्थित रामेश्वरम मंदिर और तारा मंदिर में दर्शन-पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा पूरी की। त्रिकोण मार्ग पर सुरक्षा के पुलिस ने पुख्ता व्यवस्था रही।
वाराणसी। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन गुरुवार को दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा दरबार में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। भोर से ही मातारानी के दरबार में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे। सुबह से दोपहर तक दर्शन पूजन के लिए दर्शनार्थियों की लम्बी कतार मुख्य सड़क पर लगी रही। श्रद्धालुओं के चलते मंदिर परिसर के आसपास मेले जैसा नजारा बना हुआ है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण अंचल से भी भारी संख्या में श्रद्धालुगण देवी मंदिरों में देखें जा रहे हैं।
मुख्य पुजारी के देखरेख में रात तीन बजे के बाद मां के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया। नूतन वस्त्र धारण करा कर पुष्प मााला, गहनों से उनका भव्य श्रृंगार किया गया। भोग लगाने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंगला आरती करके भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया गया। मंदिर का कपाट खुलते ही कतारबद्ध श्रद्धालु दरबार में अपनी बारी आने पर मत्था टेकते रहे। महिलाओं ने माता रानी को नारियल चुनरी और सिंदूर अर्पित कर संतति वृद्धि, श्री समृद्धि, अखण्ड सौभाग्य की अर्जी लगाई। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के दौरान मां का गगनभेदी जयकारा लगाते रहे।
माना जाता है कि कुष्माण्डा की उपासना से अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की प्राप्ति होती है। माता रानी ने कूष्मांड़ा स्वरूप असुरों के अत्याचार से देव ऋषियों को मुक्ति दिलाने के लिए धारण किया था। देवी कुष्मांडा स्वरूप में अवतरित हुई थी। आदिशक्ति के इस स्वरूप के दर्शन-पूजन से जीवन की सारी भव बाधा, और दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही भवसागर की दुर्गति को भी नहीं भोगना पड़ता है। मां की आठ भुजाएं हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा है। मां कुष्माण्डा विश्व की पालनकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं। मान्यता है कि पुष्प धूप दीप आदि श्री सूक्त का पाठ करते हुए आराधना करने से प्रसन्न होकर सभी पापों से मुक्ति दिलाती हैं। देवी मां ने इसी मंदिर में साक्षात प्रकट होकर विकट दानवों को मारने के बाद विश्राम किया था।
काशी में मान्यता है कि काशी नरेश की पुत्री शशिकला के स्वयंवर में सुदर्शन की रक्षा के लिए मां दुर्गाकुंड से प्रकट हुई थीं। काशी नरेश सुबाहू को देवी का वरदान प्राप्त था। उन्होंने ही प्रार्थना कर मां को यही विराजमान होने का अनुरोध किया। तभी से मां दुर्गा यहां विराजमान हैं। माना जाता है कि देवी ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। सृष्टि की उत्पत्ति करने के कारण इन्हें आदिशक्ति भी कहा जाता है।
मीरजापुर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस सोमवार को मां विन्ध्यवासिनी के दर्शन हेतु भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। भोर के चार बजे मंगला आरती के साथ ही श्रद्धालुओं के जयकारों के घोष से समूचा विन्ध्यधाम गुंजायमान हो उठा। प्रथम दिवस दर्शनार्थियों के आंकड़ों का आकलन भोर में ही लगभग डेढ़ लाख रहा। देर शाम तक तकरीबन 5 लाख से ज्यादा भक्तों के दर्शन पूजन का अनुमान लगाया जा रहा है।
मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग रही है। समूचा क्षेत्र मां विंध्यवासिनी के जय जय कार से गूंज रहा है। विंध्याचल शारदीय नवरात्र मेले में देश के विभिन्न राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली सहित अन्य राज्य एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लाखों की संख्या में भक्त उमड़े हुए थे। सड़क मार्ग से लेकर रेलवे मार्ग से भक्तों के आने का तांता लगा हुआ है। बड़ी संख्या में भक्त 01 दिन पहले से ही मां विंध्यवासिनी के दरबार में उमड़ पड़े थे। इस बार जिला प्रशासन ने मेले को काफी गम्भीरता से लिया इसका अंदाजा इसी बात से लिया जा सकता है कि मण्डलायुक्त योगेश्वरराम मिश्र सहित जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र जहां दर्शनार्थियों के साथ काफी वक्त बिताया है, वही सभी अधिकारी खुद लगातार पूरे मेला क्षेत्र में भ्रमणशील नजर आए हैं। जिलाधिकारी भ्रमण के दौरान मन्दिर से लेकर गंगा घाटों तक ड्यूटी पर तैनात पुलिस, प्रशासन के लोगों के साथ साथ सफाई कर्मचारियों का भी उत्साह वर्धन करती दिखी।
भ्रमण के दौरान दीवान घाट पर दर्शनार्थी महिलाओं से संवाद भी किया। उन्होंने साफ सफाई व प्रकाश व्यवस्था पर विशेष दिशा निर्देश जारी किया। घाटों पर तैनात पुलिसकर्मियों को हिदायत देते हुए डीएम ने कहा कि पानी के अंदर लगे बैरिकेटिंग के बाहर कोई भी स्नानार्थी न जाने पाए, गंगा का जलस्तर का गहरा है दुर्घटना घट सकती है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने प्रात: पांच बजे से अपने मातहतों संग पूरे उत्साह व उमंग के साथ मेला क्षेत्र में उपस्थित श्रद्धालुओं की सुरक्षा में डटे रहे। वे स्वयं अपने हाथों में ध्वनियंत्र लेकर जय माता दी का उद्घोष लगाने के साथ साथ श्रद्धालुओं को जागरूक करने का कार्य किया। मन्दिर पर कतारों में जाकर उन्हें सुविधा के साथ दर्शन की व्यवस्था भी करते रहे। वृद्ध, दिव्यांगों को कप्तान के निर्देश पर पुलिस बल के लोग सहारा देकर दर्शन पूजन कराते भी देखे गए। एडीएम शिवप्रताप शुक्ला, एडीएम नमामि गंगे अमरेंद्र वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह इत्यादि प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र में अनवरत भ्रमण कर मेला व्यवस्था की जानकारी लेते रहे।