काबुल । चीन ने बुधवार को अफगानिस्तान में तालिबान शासन लागू होने के बाद नया राजदूत नियुक्त कर दिया है। चीन ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है जिसने काबुल में तालिबान के दो वर्ष के शासनकाल में राजदूत नियुक्त कर अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों का स्तर बढ़ाया है।
चीन के इस कदम पर तालिबान ने खुशी जताते हुए अन्य देशों से अफगानिस्तान के साथ ऐसे ही गर्मजोशी वाले संबंध कायम करने का अनुरोध किया है। वहीं चीन ने राजदूत नियुक्त करने के अपने कदम पर सफाई दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजदूत पद पर यह सामान्य नियुक्ति है। इससे अफगानिस्तान के साथ बातचीत और सहयोग में मदद मिलेगी।
चीन के झाओ जिंग ने बुधवार को प्रेसिडेंट पैलेस पहुंचकर तालिबान सरकार के कार्यकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद को राजदूत पद पर अपनी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए। तालिबान सरकार की ओर से आयोजित समारोह में चीनी राजदूत के दस्तावेज स्वीकार किए। इस मौके पर अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भी मौजूद थे। यह जानकारी तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने दी है।
अफगानिस्तान में चीन के पूर्व राजदूत वांग यू 2019 से काबुल में कार्य कर रहे थे और बीते अगस्त में ही उनका कार्यकाल पूरा हुआ था। पाकिस्तान और यूरोपीय यूनियन ने भी तालिबान के शासनकाल में काबुल स्थित अपने दूतावासों का नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ राजनयिक भेजे हैं लेकिन उन्हें राजदूत का पद न देकर चार्ज द अफेयर्स का ओहदा दिया है।
KABUL
काबुल। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के बाहर हुए बम धमाके में 20 लोगों की मौत हो गई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं। यह बम धमाका उस समय हुआ जब अफगान विदेश मंत्रालय में चीनी अधिकारियों के साथ तालिबान की अहम बैठक चल रही थी। अभी तक किसी आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मैं नहीं जानता कि इस धमाके में कितने लोग मारे गए या जख्मी हुए हैं। लेकिन मैंने देखा कि एक शख्स ने खुद को उड़ा लिया है। यह बम धमाका उस हमले के ठीक तीन दिन बाद हुआ है, जब बम ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 8 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। यह हमला काबुल मिलिट्री एयरपोर्ट के बाहर हुआ था। संघर्षरत तालिबान में बीते कुछ महीनों में कई आतंकी हमले हुए। इनमें से कुछ हमलों में इस्लामिक स्टेट की भूमिका रही है। यही नहीं चीनी नागरिक के मालिकाना हक वाले एक होटल को भी निशाना बनाते हुए हमला किया गया था।
काबुल (अफगानिस्तान )। राजधानी काबुल में बुधवार को कई धमाके हुए। इन तेज़ धमाकों से समूचा काबुल गूंज उठा, जिससे लोग दहशत में आ गए । धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इसे कई किमी दूर तक सुना जा सकता था। हालांकि, धमाकों के पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है। साथ ही अभी तक इसमें हताहतों के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है।
इन धमाकों को लेकर तालिबान के अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले रविवार को काबुल सैन्य हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए थे और आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी तक्कुर ने कहा कि विस्फोट में काबुल में सैन्य हवाईअड्डे के मुख्य द्वार के करीब लोग घायल हुए हैं। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा संबंधी घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले महीने काबुल के मध्य में एक चीनी स्वामित्व वाले होटल को निशाना बनाया गया था।
बता दें कि 15 अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा से जुड़े सशस्त्र समूहों ने जातीय हजारा, अफगान शिया, सूफियों और अन्य को निशाना बनाकर बमबारी की, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए अथवा घायल हुए थे।
काबुल। अफगानिस्तान में बम धमाके थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी काबुल के एक शिक्षण संस्थान में हुए हमले का दर्द अभी कम नहीं हुआ था, कि सोमवार को फिर एक जोरदार धमाका हुआ। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से दावा किया गया है कि शुक्रवार को हुए आत्मघाती हमले में कुल 53 लोगों की जान गयी थी, जिनमें से 46 बच्चियां व महिलाएं थीं।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी काबुल में शाहिद माजरी रोड पर पुल- ए- सुख्ता इलाके के पास भीषण बम धमाका हुआ है। यह धमाका हजारा समुदाय की बहुलता वाले इलाके में हुआ है। धमाका सोमवार दोपहर दो बजे के आसपास हुआ। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के अधिकारियों ने अभी तक विस्फोट पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के अफगानिस्तान स्थित मिशन ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बीते शुक्रवार को काज एजुकेशन सेंटर पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट में कुल 53 लोगों की जान जाने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि मरने वाले 53 लोगों में से 46 बच्चियां व महिलाएं हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को अफगानिस्तान राजधानी काबुल के शिया इलाके के एक शिक्षण संस्थान पर जबर्दस्त आत्मघाती आतंकी हमला किया गया। काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान के मुताबिक पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बर्ची इलाके में स्थित काज एजुकेशन सेंटर में मौजूद विद्यार्थी विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा दे रहे थे, तभी स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े सात बजे आत्मघाती धमाका हुआ। शिक्षण संस्थान के आसपास बड़ी संख्या में हजारा समुदाय के लोग रहते हैं, जिन्हें मुस्लिम होते हुए भी अल्पसंख्यक माना जाता है।
अचानक हुए धमाकों के बाद वहां अफरातफरी मच गयी थी। पूरा शिक्षण संस्थान परिसर चीखों से गूंज उठा था। घटना की तस्वीरों और वीडियो में लहूलुहान पीड़ितों को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा जा सकता था। धमाके के दौरान कक्षाओं में बच्चे मौजूद थे। तमाम शिक्षक बच्चों के शव उठाते देखे गए। धमाका इतना जोरदार था कि कई बच्चों के शव क्षत-विक्षत हो गए थे। भारी संख्या में हमले से प्रभावित लोगों को अली जिन्ना अस्पताल सहित आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि घायलों में तमाम की हालत गंभीर है, इसलिए मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
काबुल । काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी के वजीर मोहम्मद अकबर खान इलाके में हुए एक विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए। यह विस्फोट बीती शाम में हुआ। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई।
जादरान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, वजीर अकबर खान मस्जिद के सामने विस्फोटकों वाली एक कार में विस्फोट हो गया और दुर्भाग्य से जुमे की नमाज अदा करने के बाद मस्जिद से बाहर आ रहे हमारे नमाजियों को निशाना बनाया गया।