सोमनाथ। दिवाली के बाद देवदिवाली यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुजरात में कई जगहों पर परंपरागत मेले लगते हैं। ऐसा ही एक मेला सोमनाथ में कार्तिक पूर्णिमा का मेला है। कार्तिक पूर्णिमा के मेले में एकादशी से चतुदर्शी तक रोज रात 11 बजे तक मंदिर खुला रहेगा। वहीं कार्तिक पूर्णिमा की रात 1 बजे तक मंदिर खुला रहेगा। इसकी खास वजह है जिसमें मान्यता है कि इस मध्य रात्रि को सोमनाथ मंदिर के आद्यस्थापक चंद्रदेव अपनी शीतलता इस द्वादशज्योतिर्लिंग पर बरसाते हैं।
वर्ष 1955 से लगातार हो रहे इस मेले के दौरान लाखों लोग प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ का दर्शन करने आते हैं। सोमनाथ का पारंपरिक कार्तिक पूर्णिमा का मेला त्रिवेणी संगम के समीप गोलोकधाम स्थित हेलीपैड मैदान पर पांच दिन तक चलेगा। इसमें विभिन्न खाद्य स्टॉल, बच्चों के लिए खिलौने और 3डी प्रोजेक्टर शो/चंद्रयान-3, चकडोल, टोराटोरा, ब्रेकडांस जैसी सवारी सहित अन्य बिक्री स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र बने हैं। मेले में इंडेक्स-सी सेक्शन के हस्तशिल्प और गृह उद्योग, जेल कैदियों के भजिया स्टाल, सेल्फी प्वाइंट, पंचदेव मंदिर, सोमनाथ एट 70 प्रदर्शनी, सूचना विभाग की स्टालों के साथ-साथ हर दिन प्रसिद्ध कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मेले दौरान सोमनाथ मंदिर रात 11 बजे तक और पूर्णिमा की रात यह रात 1 बजे तक खुला रहेगा।
गिर सोमनाथ जिले के कलक्टर एचके वढवाणिया ने एक दिन पूर्व बुधवार को मेले का उद्घाटन किया था। जिला कलक्टर वढवाणिया एवं जिला विकास अधिकारी रवीन्द्र खताले ने सोमनाथ एट 70 की फोटो प्रदर्शनी एवं सोमनाथ के विरासत स्थलों का अवलोकन किया।
महाआरती और विशेष पूजा
यहां पूर्णिमा की रात विशेष महापूजा का आयोजन और आरती की जाएगी। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के आद्यस्थापक चंद्रदेव कार्तिक पूर्णिमा की मध्य रात्रि को सोमनाथ ज्यातिर्लिंग शिखर पर आते हैं और अपना शीतल प्रकाश बरसाते हैं। इसे अमृत वर्षा योग कहा जाता है।
सुरक्षा व पार्किंग की तमाम व्यवस्था
मेले में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है। पूरे मैदान में सीसीटीवी और पर्याप्त पार्किंग सुविधा, विद्युत आपूर्ति के लिए 4 बड़ी क्षमता के स्टैंडबाय जनरेटर, माइक से जनसंचार की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अग्निशामक यंत्र और स्टैंडबाय फायर टीमों को भी तैनात किया गया है। मेला कार्यालय एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम मंच पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किया गया है। मेले में सुरक्षा एवं निगरानी के लिए पुलिस वॉच टावर, पुलिस नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की गई है।