देहरादून । उत्तराखंड के हल्द्वानी में दंगा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा से मंगलवार सुबह पांच बजे से कर्फ्यू हटा दिया गया। कर्फ्यू लगाने से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लोगों का जीवन ठहर सा गया था। कर्फ्यू हटने के बाद अब आम जनजीवन पटरी पर लौटेगा।
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बीती आठ फरवरी को बनभूलपुरा क्षेत्र में घटित घटना के दृष्टिगत कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा-144 के अंतर्गत हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। इस आदेश में कहा है कि बाद में बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू में ढील भी दी गई। वर्तमान परिस्थितियों में अब बनभूलपुरा में कर्फ्यू की जरूरत नहीं है, इसलिए धारा-144 के अंतर्गत निर्गत कर्फ्यू आदेश 20 फरवरी को प्रातः पांच बजे से समाप्त किया जाता है।
शांति बनाए रखने की अपील-
कर्फ्यू हटने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है। कहा कि किसी के बहकावे में न आएं। माहौल खराब न करें। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने से बचें।
यह था मामला-
आठ फरवरी का वो खतरनाक मंजर कोई शायद ही भूल पाएगा। उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में अवैध रूप से निर्मित मदरसे को ढहाने के बाद बीती आठ फरवरी को इलाके में हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम के कर्मियों व पुलिस पर पथराव किया था और पेट्रोल बम फेंके थे। इस कारण कई पुलिसकर्मियों को एक थाने में शरण लेनी पड़ी थी, जिसे भीड़ ने बाद में आग के हवाले कर दिया था। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और पुलिस एवं पत्रकारों सहित 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। दो अन्य युवकों की मौत का कारण अलग था। इसका खुलासा पुलिस ने कर दिया है।
HALDWANI
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा और उसमें जान-माल की क्षति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस घटना के लिए खुफिया तंत्र की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया है।
मायावती ने एक्स पोस्ट में कहा कि अगर सरकार, प्रशासन एवं खुफिया तंत्र सतर्क होता तो इस घटना को रोका जा सकता था। सरकार इसकी उच्चस्तरीय जांच कराए और अमन-चैन भी कायम करे। इसी तरह उत्तराखंड से लगे उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भी आए दिन किसी ना किसी मुद्दे को लेकर यहां तनाव की स्थिति बनी रहती है जिसे समय रहते सरकार को नियंत्रित कर लेना चाहिए ताकि यहां भी शांति व्यवस्था बनी रहे।
उत्तराखंड : हल्द्वानी के बनभूलपुरा में बवाल के बाद लगा कर्फ्यू, उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश
मुख्य सचिव , पुलिस महानिदेशक के साथ की हालात की समीक्षा, उपद्रवियों-अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश
देहरादून । उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने के बाद हुए बवाल और हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने के साथ ही उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस बलों को गोली मारने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर इसकी समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाये जाने के दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों-कार्मिकों पर हुए हमले और क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। सुरक्षा कारणों से विकास खंड,हल्द्वानी के समस्त प्रकार के कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय बंद रहेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को सायं मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी निरंतर क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रयासरत रहें।
उधर, नैनीताल के जिलाधिकारी ने दूरभाष पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अशान्ति वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया है और स्थिति को सामान्य बनाये रखने के लिये उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये हैं।
आज दोपहर बाद हल्द्वानी के थाना बनभूलपुरा क्षेत्र के अंतर्गत मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और नमाज स्थल को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया, तो इस कार्रवाई के विरोध में बड़ी संख्या में अराजक तत्वों ने अतिक्रमण हटाओ अभियान टीम पर पथराव कर दिया। इसमें कई अधिकारी-कर्मी, पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए। इससे वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
इस हमले का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस को आंसू गैस भी छोड़नी पड़ी। इस पर पुलिस बलों ने उपद्रवियों-अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की और हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह से मुस्तैद है। इस कार्रवाई के दौरान पथराव करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है और उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।
एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद मीणा, थाना बनभूलपुरा एसओ नीरज भाकुनी,एसओ मुखानी एसओ प्रमोद पाठक,कालाढूंगी एसओ नंदन सिंह रावत समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
नैनीताल के जिलाधिकारी ने हल्द्वानी के अशान्ति वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगा दिया है और स्थिति को सामान्य बनाये रखने के लिये उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये हैं।
समस्त विद्यालय बंद रहेंगे-
खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी विकास खंड के हरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि हल्द्वानी के समस्त प्रकार के विद्यालय कक्षा 1 से 12 तक संचालित ( राज0, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई, आंगनबाड़ी केंद्र सहित) कल दिनांक 9 फरवरी 2024 को सुरक्षात्मक कारणों से अनिवार्य रूप से बंद रहेंगे। समस्त प्रकार के विद्यालय उपरोक्त निर्देश का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
हल्द्वानी। ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस ने क्षेत्र में हुए एक ब्लाइंड मर्डर का नौ दिन बाद खुलासा कर दिया है। एसएसपी नैनीताल प्रहलाद मीणा ने बीते दिनों हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में ब्लाइंड मर्डर केस का प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए बताया कि अमित की हत्या उसके मौसेरे भाई ने की गई थी। वारदात के बाद वह मौके से फरार हो गया था, जिसको पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।
हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी क्षेत्र में कत्था फैक्टरी के पास पिता की दुकान संभाल रहे 30 वर्षीय अमित कश्यप पुत्र सुमेर कश्यप पर 26 नवंबर को अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर लहूलुहान कर दिया था। इसके बाद आरोपित मौके से फरार हो गए थे। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने आनन-फानन में बेहद गंभीर अवस्था में घायल युवक को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया था। उसकी बेहद नाजुक हालत को देखते हुए युवक को वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन गंभीर रूप से घायल अमित की मौत हो गई थी।
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत की कार रात को हल्द्वानी से काशीपुर जाते समय डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में रावत को हल्की चोट आई है। उन्हें उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह सूचना हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर दी है।
रावत ने कहा है कि यह हादसा बाजपुर में हुआ। कोई चिंता की आवश्यकता नहीं है। वह और उनके सहयोगी बिल्कुल ठीक हैं। उधर, सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उन्हें काशीपुर के अस्पताल केवीआर में भर्ती कराया। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत बताई जा रही है। इस घटना में कार क्षतिग्रस्त हो गई है।
पुलिस के अनुसार हरीश रावत मंगलवार रात अपनी कार से कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हल्द्वानी से काशीपुर जा रहे थे। रात करीब 12ः05 बजे बाजपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास एक लोडर वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। इस घटना में आगे की सीट पर बैठे हरीश रावत घायल हो गए।एसएसपी के निर्देश पर सीओ बाजपुर भूपेंद्र सिंह भंडारी मौके पर पहुंचे। सीओ भंडारी ने बताया कि हरीश रावत को काशीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नैनीताल । कई लोगों को फर्श से अर्श पर पहुंचाने वाले बाबा नीब करौरी के नैनीताल जनपद स्थित कैंची धाम में गुरुवार को वार्षिक स्थापना दिवस मेले पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।
यहां की स्थिति यह है कि करीब 8-10 किलोमीटर पूर्व ही भवाली और खैरना में वाहन रोक दिए जाने के बावजूद कैंची धाम में करीब 5 किलोमीटर लंबी श्रद्धालुओं की पैदल कतारें लगी हुई हैं। फिर भी जून माह की तपती धूप में श्रद्धालु भूख-प्यास की भी परवाह किए बिना कैंची धाम में बाबा नीब करौरी की जीवंत सी कंबल ओढ़े प्रतिमा के दर्शन और माल पूवों का प्रसाद ग्रहण करने एक-एक कदम, कई तो बिन जूते-चप्पलों के भी आगे बढ़ रहे हैं।
कैंची धाम में ताजा स्थिति यह है कि अभी कैंची धाम में भवाली की ओर तीन किलोमीटर और खैरना की ओर दो किलोमीटर के करीब श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई हैं। यह स्थिति तब है, जबकि भवाली और खैरना में चार पहिया के साथ ही दो पहिया वाहनों को भी पूरी तरह से रोक दिया गया है। नैनीताल की ओर से जाने वाले वाहनों को भवाली के नए बन रहे नैनी बैंड वाले बाइपास पर और भीमताल की ओर से जा रहे वाहनों को रामलीला मैदान में रोका जा रहा है। यहां से वाहनों को कैंची से करीब दो किलोमीटर पहले तक शटल टैक्सियों से ले जाया जा रहा है। भवाली और कैंची धाम शटल टैक्सी का किराया 40 रुपये प्रति व्यक्ति और क्वारब से 100 रुपये लिया जा रहा है।
हल्द्वानी। उत्तराखंड की धामी सरकार में मजार जिहाद के खिलाफ वन विभाग और प्रशासन सख्त हो गया है। रविवार को 20 मजारों को फिर ध्वस्त किया गया। मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि अवैध मजारों और वन भूमि में अतिक्रमण को हटाने में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि ये कब्जेधारी का कारोबार देवभूमि में नहीं चलेगा।
नैनीताल जिले की तराई पश्चिम में वन विभाग के बुलडोजरों ने भारी फोर्स के साथ नंथनपीर की एक साथ 14 मजारों को ध्वस्त कर दिया। डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि दो दिन पहले मजार खादिम को नोटिस दिया गया था, ये सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थीं। उन्होंने बताया कि यह अभियान जारी रहेगा। हल्द्वानी की चीड़ डिपो की मजार भी आज ध्वस्त कर दी गई।
देहरादून जिले में हरबर्टपुर में पुलिस प्रशासन ने आज अपना अभियान तेज करते हुए पहलवान पीर की दो मजारें ध्वस्त कर दीं जबकि दो मजारें भूरे शाह की गिरा दीं गईं। पछुवा देहरादून ने कुल पांच मजारें आज हटाईं। मुख्यमंत्री का इस अभियान के लिए नियुक्त अधिकारी डा. पराग धकाते ने बताया कि अभी तक कुल 324 मजारें वन और राजस्व की भूमि से हटाई गई हैं। उन्होंने बताया कि ये अभियान मुख्यमंत्री धामी के दिशा निर्देश पर चल रहा है और 84 हेक्टेयर वन भूमि भी अतिक्रमण मुक्त की गई है। मुख्यमंत्री इस अभियान की समीक्षा कर रहें है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जो इस अभियान में लापरवाही बरतेंगे, उन पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से 4 हजार झुग्गियां हटाने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगायी
नई दिल्ली । हल्द्वानी में रेलवे लाइन पर चार हजार झुग्गियों को हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया और 7 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 50 हजार लोगों को सात दिनों के अंदर हटाना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की वकील ने कहा है कि इस मामले में कुछ लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है। इसमें एक मानवीय पहलू शामिल है। किसी को इस स्थिति और समस्याओं का मूल्यांकन करना चाहिए। आप यह सुनिश्चित कीजिए कि वहां आगे से कोई अतिक्रमण न हो। जस्टिस कौल ने कहा है कि हमें इस मामले को सुलझाने के लिए व्यावहारिक रुख अपनाना होगा।
रेलवे की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह रातों-रात नहीं किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन हुआ है। यह मामला अवैध खनन से शुरू हुआ था। याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि भूमि का बड़ा हिस्सा राज्य सरकार का है। रेलवे के पास भूमि कम है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है, उसे आप कैसे डील करेंगे। लोग 50-60 साल से रह रहे हैं, इसलिए कोई तो पुनर्वास की योजना होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आप विकास के लिए हटा रहे हैं। आप सिर्फ अतिक्रमण हटा रहे हैं। तब रेलवे ने कहा कि ये रातों-रात नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रेलवे की जमीन खाली करने का आदेश दिया था। इससे 4365 परिवार प्रभावित होंगे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस क्षेत्र को खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया जाना था। याचिका दायर करने वालों में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोग शामिल हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी करते हुए कहा था कि अतिक्रमण हटाए बिना पुनर्वास की किसी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी। इस मामले में रेलवे ने अखबार में भी नोटिस प्रकाशित करा दिया है।