बीकानेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यहां कहा कि राज्य की जनता से विनम्र शब्दों में आग्रह कर रहा हूं कि बार-बार आप सरकार बदल देते हो, हमें एक मौका और दे दो। जनता हवा में बह जाती है। कभी कर्मचारियों की हवा में तो कभी मोदी जी की हवा में और हम हार जाते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस सरकार रिपीट करवा दो ताकि राज्य में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हो। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी बन रही है, ईस्टर्न कैनाल परियोजना सहित बड़ी-बड़ी परियोजनाएं हम लाएंगे। प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोए, यह हमारी सोच है।
संभाग के तीन जिलों के दौरे पर निकले गहलोत बीकानेर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पद पर रहूं, राजस्थान का हूं, मारवाड़ का हूं, जोधपुर का हूं, उससे कैसे दूर हो सकता हूं, अंतिम सांस तक यहां के लोगों की सेवा करता रहूंगा। एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि बीजेपी के मंसूबे कांग्रेस पूरे नहीं होने देगी। बीजेपी का यही प्रयास रहता है कि सरकार किसी प्रकार से पांच साल पूरे नहीं करे। हॉर्स ट्रेडिंग कर ली लेकिन हमारे बंदे मजबूत हैं, बिल्कुल भी नहीं हिले और सरकार बच गयी। कांग्रेस सरकार अभी मजबूत है, हम पांच साल पूरे करेंंगे, छात्रों-युवाओं के लिए बजट पेश करेंगे। प्रदेशवासियों को दिल से अपील करता हूं देश का भविष्य अगली युवा पीढ़ी पर है। सीधा मुझे आप सुझाव भेजें ताकि हम वह योजनाएं लेकर आएं, जिससे सभी का भला हो और कांग्रेस मजबूत बनकर उभरे। वर्तमान देश के हालात चुनौतियों से भरे हैं, साम्प्रदायिकता में जो भी हो रहा है, वो अच्छा नहीं हो रहा।
गहलोत यह भी बोले कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार हिल गयी है। इस यात्रा ने कर्नाटक में प्रवेश किया है। सवा दो लाख लोग एकत्रित हुए। यात्रा में बीजेपी ने सोशल मीडिया का उपयोग करके चार-पांच दिन राहुल गांधी पर अटैक किया लेकिन कुछ नहीं हुआ और अब बीजेपी के पास कोई पॉइंट नहीं है। इस यात्रा से सब लोग खुश है और सोच रहे हैं कि अब जाकर मुकाबला बराबरी का होगा। साथ ही साथ कांग्रेस संगठन के चुनाव चल रहे हैं। देश को मैसेज दिया जा रहा है। यही माहौल बना है, जो आगे बढ़ता जाएगा। इस अवसर पर गहलोत के साथ शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी और मंत्री गोविंदराम मेघवाल भी मौजूद थे।
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नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। गहलोत ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद खुद इसकी जानकारी दी।
गहलोत ने कहा कि वह चाहते थे कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ें। इसके लिए उन्होंने खुद कोच्चि जाकर राहुल गांधी से अनुरोध किया था लेकिन जब वह नहीं माने तो ऐसे में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का मन बनाया था। अब राजस्थान में उपजे संकट के बाद वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
गहलोत ने कहा कि वह कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं। बीते दो दिनों में राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उससे वह बहुत दुखी हैं। इन घटनाओं के लिए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी भी मांगी है।
उल्लेखनीय है कि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या फिर पार्टी किसी और को मुख्यमंत्री बनाएगी। जब गहलोत से पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि इस फैसले पर अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का है। वह जो फैसला लेंगी सबको मान्य होगा।
नई दिल्ली। राजस्थान में राजनैतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास 10 जनपथ पहुंचे हैं। हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की लेकिन कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गहलोत से राज्य के राजनैतिक हालात को लेकर चर्चा के लिए सोनिया गांधी ने उन्हें तलब किया है।
राजनैतिक घमासान के पहले तक माना जा रहा था कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार हैं लेकिन अभी तक गहलोत के नामांकन की कोई सूचना नहीं है। जबकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजस्थान कांग्रेस को लेकर मीडिया में जो कुछ चल रहा है वह छोटी-मोटी घटनाएं हैं। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुशासन में हम सभी काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा था कि पूरे देश में अगर नेशनल पार्टी कोई है तो एकमात्र कांग्रेस पार्टी है और उसकी नेता सोनिया गांधी हैं। सोनिया के डिसिप्लिन में पूरे देश की कांग्रेस है।
कोच्चि। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। कोच्चि में संवाददाताओं से मुखातिब गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार का नेतृत्व करने के लिए उनके उत्तराधिकारी के संबंध में कोई भी फैसला कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी अजय माकन द्वारा लिया जाएगा।
गहलोत ने कहा, मैं (केरल से राजस्थान) लौटने के बाद तिथि तय करूंगा (नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए), लेकिन मैंने फैसला किया है कि मुझे चुनाव होगा। यह लोकतंत्र का सवाल है और आइए, हम एक नयी शुरुआत करें।
तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर के कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने की अटकलों पर गहलोत ने कहा कि ‘कांग्रेस के अन्य मित्र भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन पार्टी में एकता और सभी स्तरों पर संगठन को मजबूत करना सबसे ज्यादा मायने रखता है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस के कुछ मित्र हैं। अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, नतीजों के बाद हम सभी को कांग्रेस को ब्लॉक, गांव और जिला स्तर पर मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए और अपनी (कांग्रेस की) विचार प्रक्रिया को आधार बनाकर आगे बढऩा चाहिए, ताकि हम एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर सकें।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम आगे चल रहा है। दोनों जल्द ही चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भी भर सकते हैं। इस बीच शशि थरूर चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि, पार्टी अभी भी राहुल गांधी को मानने की पूरी कोशिश कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर शशि थरूर ने तैयारी शुरू कर दी है। वह पीसीसी डेलीगेट (वोटर) को कॉल कर अपना प्रस्तावक बनने की अपील भी कर रहे हैं। अध्यक्ष की उम्मीदवारी के लिए 10 प्रस्तावक होने चाहिए जो पीसीसी डेलीगेट होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस का कोई भी साधारण सदस्य लड़ सकता है। बस उसे दस पीसीसी मेंबर का समर्थन चाहिए। दस प्रस्तावकों के साथ कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना दावा ठोक सकता है। बस उसे फिजिकली नामांकन के लिए मौजूद रहना होगा। देश भर में कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव के जरिए 9 हजार पीसीसी डेलीगेट बनाए। ये ही कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव होने की स्थिति में वोट डालेंगे।
इससे पहले अशोक गहलोत ने मंगलवार रात विधायकों के साथ बड़ी बैठक की थी। इस बैठक में गहलोत ने साफ कर दिया कि वह राहुल को मनाने की आखिरी कोशिश करेंगे, अगर वह नहीं राजी हुए तो फिर गहलोत खुद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे। अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच रहे हैं और सोनिया गांधी के साथ मुलाकात करेंगे। वह केरल भी जाएंगे और राहुल गांधी के साथ मुलाकात करेंगे।