नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नदी जलमार्ग को भारत का नया सामर्थ्य बताते हुए कहा कि गंगा नदी पर क्रूज सेवा की शुरुआत ऐतिहासिक क्षण है। इससे भारत में पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज-एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और वाराणसी में टेंट सिटी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को लोहड़ी की शुभकामनाएं देकर की। उन्होंने आने वाले दिनों में उत्तरायण, मकर संक्रान्ति, भोगी, बिहू, पोंगल पर्वों के लिए भी लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने आधुनिक अवतार में एक अत्यधिक विकसित परिवहन प्रणाली के लिए अपनी जलमार्ग की विरासत से जुड़ी ताकत को मजबूती दे रहा है।
पिछली सरकारों पर नदी जलमार्गों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में सिर्फ 5 राष्ट्रीय जलमार्ग भारत में थे। आज 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का काम हो रहा है। इनमें से लगभग दो दर्जन जलमार्गों पर सेवाएं चल रही हैं। गंगा पर बन रहा राष्ट्रीय जलमार्ग पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी विकसित भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हम इस पर मिशन मोड से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं सभी पर्यटकों के लिए सुखद यात्रा की कामना करता हूं और आशा करता हूं कि हमारी नदियां और जल शक्ति व्यापार और पर्यटन को बहुत जरूरी बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नदी जलमार्ग भारत का नया सामर्थ्य बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलमार्ग पर्यावरण की रक्षा के लिए भी अच्छा है और पैसे की भी बचत करते हैं। भारत में सौ से ज्यादा नदियां और नदी धाराएं हैं, जो लोगों और सामान के ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल की जा सकती है। यह वाटर-वे, भारत में पोर्ट-लेड-डेवलपमेंट को भी बढ़ाने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर क्रूज सेवा की शुरुआत एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पर्यटन के नए युग का सूत्रपात करेगा। आज दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज- गंगा विलास काशी और डिब्रूगढ़ के बीच यात्रा पर निकल पड़ा है। इससे पूर्वी भारत के कई पर्यटन स्थलों को फायदा होने वाला है। उन्होंने कहा, “आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे बड़ी नदी जल यात्रा ‘गंगा विलास’ क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं। नदी जलमार्गों को मनाने के महान पर्व के साक्षी बनना हम सभी के लिए प्रसन्नता की बात है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में गंगा पार बनी अद्भुत टेंट सिटी से वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है। उन्होंने कहा कि गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से इस महान भारत भूमि की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित और प्रेरित किया है।
एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज पर मोदी ने विदेशी पर्यटकों से कहा कि भारत को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता, इसे केवल दिल से अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “ मैं अपने सभी विदेशी मित्रों को बताना चाहूंगा कि भारत में वह सब कुछ है, जिसकी आप कल्पना कर सकते हैं। इसमें भी बहुत कुछ है जो आपकी कल्पना से परे है।”
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अपने सभी पर्यटक मित्रों का स्वागत करता है। क्रूज़ टूरिज्म का यह नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो यह आकर्षण होगा ही। देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वे भी अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रूज हर किसी को आध्यात्मिकता को संजोने, पर्यटन का आनंद लेने और भारत में नदियों की व्यवस्था को समझने से लेकर हर चीज का सही अनुभव कराने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह क्रूज 25 अलग-अलग नदियों से होकर गुजरेगा और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं, उनके लिए भी ये बेहतरीन अवसर है। यानी भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का यह दशक, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है। इस दशक में भारत के लोग आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देखने जा रहे हैं, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी। यह क्रूज विभिन्न नदी प्रणालियों से होकर गुजरते हुए जिसकी खुशी का एहसास कराएगा। यह पर्यटकों को भारत के बहुमूल्य और प्रसिद्ध व्यंजनों का अनुभव भी करने देगा।
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गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) को गुवाहाटी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से उपहार में मिलीं एक सौ नई कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) बसों को हरी झंडी दिखा रवाना किया। उन्होंने शहर के पहले सीएनजी ईंधन का भी उद्घाटन किया।
गुवाहाटी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन बसों को खरीदा है, जो एयर कंडीशनिंग, आग का पता लगाने, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आदि से लैस हैं और एएसटीसी द्वारा संचालित की जाएंगी। इस मौके पर एक जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएनजी से चलने वाली बसों का शुभारंभ और शहर के पहले सीएनजी ईंधन स्टेशन का उद्घाटन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के क्रमिक में एक निर्णायक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के ऐसे स्रोतों के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन असम सहित दुनिया के कई हिस्सों में जलवायु असंतुलन पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की दिशा में सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए और एक दीर्घकालिक और स्थायी समाधान निकालना चाहिए। स्वच्छ और हरित ऊर्जा जैसे सीएनजी को जोड़ने से समस्या का समाधान हो सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि मार्च 2023 तक, पूरब भारती शहर में कम से कम 5 सीएनजी स्टेशनों का संचालन करेगी और कुछ वर्षों में, ऐसे ईंधन स्टेशनों की कुल संख्या 50 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों जैसे ऑटोरिक्शा, वैन को भी धीरे-धीरे सीएनजी के दायरे में लाया जाएगा, जैसा कि दिल्ली में होता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जब एक बार इसकी पूर्ति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा तो सीएनजी से चलने वाले निजी वाहनों को भी अनुमति देने की संभावना तलाशी जाएगी। पूरबा भारती शहर के घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) भी उपलब्ध कराएगी और गुवाहाटी में सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक ढांचागत कार्य वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
उन्होंने कहा कि सीएनजी बेचने के लिए गैस राज्य के बाहर से लाई जा रही है, मुख्यमंत्री ने गैस-ग्रिड परियोजना को लागू करने में उनकी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी मानसिकता को श्रेय दिया, जिसके बिना असम में सीएनजी स्टेशन का शुभारंभ संभव नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने राज्य के परिवहन विभाग और एएसटीसी प्रशासन से अपील की कि वह एक सौ नई सीएनजी बसों का उपयोग खुद को लाभ कमाने वाले और कुशल संगठन के रूप में बदलने के अवसर के रूप में करें और कई परिहार्य और अपरिहार्य कारणों से वर्षों से चली आ रही सुस्त छवि को दूर करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एएसटीसी अपने दैनिक कामकाज में कॉर्पोरेट घरानों के कार्य नैतिकता को शामिल करेगा। समारोह में असम कैबिनेट के मंत्री अशोक सिंघल, बिमल बोरा और परिमल शुक्लबैद्य सहित सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
कोलकाता। वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाए जाने और मेट्रो की सात परियोजनाओं के शुभारंभ के लिए जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हावड़ा स्टेशन पहुंचीं, तब अजीबोगरीब स्थिति बन गई। उन्हें देखकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाने लगे, जिसकी वजह से वह असहज नजर आईं। हालांकि उन्होंने कुछ कहा नहीं लेकिन उनके चेहरे से साफ झलक रहा था कि वह बेहद गुस्से में थीं।
इसके बाद जब वह हावड़ा स्टेशन पर पहुंचीं तो उनके स्वागत के लिए वहां पहले से मौजूद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यपाल सीवी आनंद बोस, सांसद सह मंत्री सुभाष सरकार, निशिथ प्रमाणिक, जॉन बार्ला के साथ नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी खड़े हो गए। मंच पर ही ममता बनर्जी के लिए बीच में कुर्सी रखी गई थी लेकिन वह उस पर नहीं बैठीं। वह सीधे मंच के नीचे शेड में जा पहुंचीं, जहां उनकी पार्टी के सांसद, मंत्री और विधायक बैठे हुए थे। वहीं से ममता बनर्जी ने अपना संबोधन भी किया।
दावा किया जा रहा है कि विरोध जताने के लिए ममता बनर्जी ने मंच का बहिष्कार किया। इसकी दो वजहें हो सकती हैं। एक जय श्रीराम के नारेबाजी और दूसरी मंच पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने ममता को नंदीग्राम में 2021 के बहुचर्चित चुनाव में हराकर लगातार उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। लंबे समय से दोनों एक-दूसरे के साथ मंच साझा करने से परहेज कर रहे हैं।
इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी ममता बनर्जी जब उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा गई थीं, वहां भी उन्हें देखकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे।
पटना। वंदे भारत एक्सप्रेस का अब बिहार में भी परिचालन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 दिसम्बर को हावड़ा रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार अत्याधुनिक सेमी हाई स्पीड ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है। हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलने वाली यह ट्रेन रास्ते में तीन स्टेशन- बारसोई, मालदा, बोलपुर आदि स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में रुकेगी। इसमें बिहार में किशनगंज और बारसोई दो प्रमुख स्टेशन शामिल हैं, जहां वंदे भारत का ठहराव होगा। वंदे भारत के बारसोई में ठहराव होने से बिहार के सीमांचल के इलाकों के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों को बड़ा लाभ होगा।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सुबह छह बजे हावड़ा स्टेशन से रवाना होगी और दोपहर डेढ़ बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। एक घंटे रुकने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस दोपहर करीब ढाई बजे न्यू जलपाईगुड़ी से रवाना होगी और रात 10 बजे कोलकाता पहुंचेगी। पूर्वी रेलवे की समयसारिणी के अनुसार ट्रेन एक सप्ताह में छह दिन चलेगी।