लंदन। लीसेस्टर में इस महीने के शुरुआती दिनों में हिन्दुओं और मुसलमानो के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद इंग्लैंड का कई हिस्सों में दोनों समुदायों में टकराव की ख़बरें आ रही हैं। इंगलैंड में हिंदू मंदिर निशाने पर हैं। यहां स्मिथविक शहर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बुधवार सुबह एक मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया। लोगों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। इसके पहले लीसेस्टर शहर में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच झड़पें हुईं। यहां तनाव अभी भी बना हुआ है।
स्मिथविक शहर में हुए प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें करीब 200 लोग मुस्लिम स्पॉन लेन स्थित दुर्गा भवन हिंदू मंदिर की ओर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। ऑफिसर्स ने लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोग मंदिर की दीवारों पर चढ़ने लगे।
ब्रिटेन के पूर्वी इंग्लैंड के शहर लीसेस्टर में दंगों के बाद हिंदू और मुसलमान समुदाय के नेताओं ने मंगलवार को एक साथ सद्भावना अपील की है। वहीं पुलिस ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। शहर के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युमन दास ने नगर की एक मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ एक बयान पढ़ा, जिसमें वीकेंड पर हुई हिंसा पर ‘दुख’ जताया गया है। समुदाय के नेताओं ने मांग की है कि ‘घृणा भड़काने वाले’ लीसेस्टर को छोड़ दें और उकसाने की कार्रवाई और हिंसा को तत्काल बंद किया जाए।
बयान में कहा गया है, ‘हमारे बीच द्वेष बोने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हमारा संदेश साफ है- हम आपको कामयाब नहीं होने देंगे। हम सभी से मस्जिदों और मंदिरों समेत धार्मिक स्थलों की समान रूप से पवित्रता का सम्मान करने को कहते हैं।’ बयान के मुताबिक, उकसावे की हरकतें बंद की जाएं, चाहे वे तेज आवाज में संगीत बजाना हो, झंडे लगाना हो, अपमानजक नारे लगाना हो या हमले करना हो। उसमें कहा गया है, ‘यह स्वीकार्य नहीं है, न ही हमारे धर्म यह कहते हैं।’ बयान में कहा गया है, ‘हम एक मजबूत परिवार हैं, जो भी चिंता है, उसे हल करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। हमें शहर में बाहर से आए लोगों की मदद की जरूरत नहीं है। लीसेस्टर में ऐसी विदेशी चरमपंथी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है, जो विभाजन पैदा करती हो।’
बयान में कहा गया है कि शहर में आधी सदी से हिंदू और मुसलमान मिलकर रहते आए हैं। ब्रिटेन की पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उपद्रव की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल गश्त कर रहे हैं। लीसेस्टर पुलिस ने कहा कि 20 वर्षीय एक शख्स ने शहर में झड़प के दौरान हथियार रखने का गुनाह कबूल किया है, जिसके बाद उसे 10 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। स्थानीय निवासी अमोस नोरोन्हा को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लीसेस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाए गए। लीसेस्टरशायर पुलिस के ‘टेम्परेरी चीफ कांस्टेबल’ रॉब निक्सन ने कहा कि यह कार्रवाई दिखाती है कि संगीन अपराध किया गया था और उसे जेल में रहना होगा। उन्होंने कहा, ‘हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ निक्सन के मुताबिक, पुलिस बल तैनात हैं और सूचनाओं और रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है, साथ ही लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘हम आपको सुरक्षित रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए काम कर रहे हैं। जिन्होंने हमारे समुदायों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें इंसाफ के दायरे में लाया जाएगा।’ पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने के आखिर में एशिया कप के तहत दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंदू-मुस्लिम समूहों में झड़प हो गई थी। पुलिस ने इसे ‘गंभीर उपद्रव’ बताया है। पुलिस ने बताया कि शहर के पूर्वी हिस्से में पुलिस की गश्त जारी है, ताकि उपद्रव की कोई घटना न हो। उन्होंने बताया कि शहर में उपद्रव के सिलसिले में कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ लोग बर्मिंघम समेत दूसरे नगरों के हैं।
पुलिस ने कहा कि उसने आसपास के इलाकों से पुलिस बलों को बुलाया है। इलाके में शांति बहाल करने के लिए लोगों को तितर बितर करने और लोगों को रोक कर उनकी तलाशी लेने के अधिकारों का इस्तेमाल किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि एक मंदिर का झंडा उतारा जा रहा है और कांच की बोतलें फेंकी जा रही हैं। भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को जारी बयान में कहा, ‘हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धार्मिक परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं।’
हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच झड़पों की शुरुआत 28 अगस्त को दुबई में भारत के खिलाफ खेले गए एशिया कप मैच में पाकिस्तान की हार के बाद हुई थी। इसके बाद से ही शांति से प्रदर्शनों की अपील की जा रही है। सोशल मीडिया पर इसके लिए पोस्टर जारी किए गए हैं। बर्मिंघम वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्मिथविक में ‘अपना मुस्लिम’ नाम के एक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दुर्गा भवन मंदिर के बाहर ‘शांतिपूर्ण विरोध’ का आह्वान किया गया था।
6 सितंबर को लीसेस्टर शहर के बेलग्रेव इलाके के मेल्टन रोड पर हिंसा हुई थी। यहां गुस्साए पाकिस्तानी मुसलमानों ने हिंदुओं पर हमला कर दिया था। उस समय पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में ले लिया था। लीसेस्टर पुलिस के चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने बताया था कि लोग मंदिर के ऊपर लगे झंडे उतार रहे थे। एक वायरल वीडियो में एक शख्स लीसेस्टर के मेल्टन रोड पर धार्मिक इमारत के बाहर लगे झंडे को हटाते हुए भी दिखाई दिया था। लीसेस्टर शहर के बेलग्रेव इलाके में हुई हिंसा में शामिल अधिकतर लोगों ने मास्क और हुड पहन रखी थी।
लीसेस्टर पुलिस ने डिस्पर्सल ऑर्डर जारी किया है। इसके तहत किसी को भी रोका जा सकता है और पूछताछ की जा सकती है। 16 साल से कम उम्र के लोगों से घरों में रहने के लिए कहा गया है। अब तक पुलिस ने इस मामले में 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन के मुताबिक, पुलिस का अभियान अभी जारी रहेगा। कुछ हिंदू समूहों का दावा है कि मुस्लिमों की बड़ी आबादी वाले शहर बर्मिंघम से कुछ ग्रुप लीसेस्टर से आ रहे हैं। मुस्लिम समुदाय ने भी हमले के आरोप लगाए हैं। एक्टिविस्ट माजिद फ्रीमैन के मुताबिक, हिंदूवादी समूहों ने मस्जिद के बाहर नारे लगाए और सड़क पर मौजूद समुदाय के लोगों पर हमले किए। आरोप है कि भीड़ ने मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में धार्मिक नारे लगाए।
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