गुवाहाटी। डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सीडीपीओ नियुक्त किए जा रहे हैं। पॉक्सो अधिनियम में बताया गया है कि कैसे इसे लागू किया जाएगा। 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को पकड़ा नहीं जा सकता है। पति बच नहीं सकता है। 14 साल की जेल होगी। असम में वर्ष 2026 तक बाल विवाह बंद हो जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा सोमवार को असम विधानसभा में बजट सत्र के सातवें दिन विधानसभा सदस्य कमलाक्षा डे पुरकायस्थ के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। सदन में कमलाक्ष दे पुरकायस्थ ने सवाल किया कि वर्ष 2006 का बाल विवाह निवारण अधिनियम इतने लंबे समय तक क्यों नहीं लागू हो सका, पॉक्सो अधिनियम क्यों लगाया गया। डॉ. सरमा ने कहा कि हाई कोर्ट ने पॉक्सो मामले में हमारी आलोचना नहीं की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें लगता है कि बाल विवाह के मामले में 90 प्रतिशत सजा होगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि, “हम वर्ष 2026 तक बाल विवाह को पूरी तरह से रोक देंगे। हम बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित करेंगे। हम हर बाल विवाह मामले में वकील देंगे। हम हर तीन महीने में छापे मारेंगे। हम बाल विवाह को पूरी तरह से रोक देंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल में एक ही बेंच पर रोज बैठने वाली लड़की को लगता है कि उसके साथ पढ़ने वाली लड़की स्कूल नहीं आती है और उसे पता चले कि उसकी शादी हो गयी है तो वह इसकी जानकारी गुपचुप तरीके से सरकार को बता सकती है।’’
मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में कहा, ‘सेंगा, बाघबर में 23 साल की लड़कियां दो बच्चों को गोद में लेकर बैठकों में आती हैं, जबकि हैंडिक कॉलेज में 23 वर्ष की उम्र में बच्चियां पोस्ट ग्रेजुएट करती हैं। इस कुरीति को बंद होना होगा।’
Dr. Himanta Biswa Sarma
गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) को गुवाहाटी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से उपहार में मिलीं एक सौ नई कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) बसों को हरी झंडी दिखा रवाना किया। उन्होंने शहर के पहले सीएनजी ईंधन का भी उद्घाटन किया।
गुवाहाटी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन बसों को खरीदा है, जो एयर कंडीशनिंग, आग का पता लगाने, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आदि से लैस हैं और एएसटीसी द्वारा संचालित की जाएंगी। इस मौके पर एक जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएनजी से चलने वाली बसों का शुभारंभ और शहर के पहले सीएनजी ईंधन स्टेशन का उद्घाटन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के क्रमिक में एक निर्णायक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के ऐसे स्रोतों के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन असम सहित दुनिया के कई हिस्सों में जलवायु असंतुलन पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की दिशा में सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए और एक दीर्घकालिक और स्थायी समाधान निकालना चाहिए। स्वच्छ और हरित ऊर्जा जैसे सीएनजी को जोड़ने से समस्या का समाधान हो सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि मार्च 2023 तक, पूरब भारती शहर में कम से कम 5 सीएनजी स्टेशनों का संचालन करेगी और कुछ वर्षों में, ऐसे ईंधन स्टेशनों की कुल संख्या 50 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों जैसे ऑटोरिक्शा, वैन को भी धीरे-धीरे सीएनजी के दायरे में लाया जाएगा, जैसा कि दिल्ली में होता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जब एक बार इसकी पूर्ति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा तो सीएनजी से चलने वाले निजी वाहनों को भी अनुमति देने की संभावना तलाशी जाएगी। पूरबा भारती शहर के घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) भी उपलब्ध कराएगी और गुवाहाटी में सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक ढांचागत कार्य वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
उन्होंने कहा कि सीएनजी बेचने के लिए गैस राज्य के बाहर से लाई जा रही है, मुख्यमंत्री ने गैस-ग्रिड परियोजना को लागू करने में उनकी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी मानसिकता को श्रेय दिया, जिसके बिना असम में सीएनजी स्टेशन का शुभारंभ संभव नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने राज्य के परिवहन विभाग और एएसटीसी प्रशासन से अपील की कि वह एक सौ नई सीएनजी बसों का उपयोग खुद को लाभ कमाने वाले और कुशल संगठन के रूप में बदलने के अवसर के रूप में करें और कई परिहार्य और अपरिहार्य कारणों से वर्षों से चली आ रही सुस्त छवि को दूर करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एएसटीसी अपने दैनिक कामकाज में कॉर्पोरेट घरानों के कार्य नैतिकता को शामिल करेगा। समारोह में असम कैबिनेट के मंत्री अशोक सिंघल, बिमल बोरा और परिमल शुक्लबैद्य सहित सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।