बलिया । अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि जैसे-जैसे करीब आ रही है, हर कोई अपने-अपने तरीके से तैयारी में जुट गया है। 22 जनवरी को दीपावली जैसे माहौल होने के आसार हैं। जिसे लेकर मिट्टी के दीयों की जबरदस्त बिक्री होने वाली है।
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और उद्घाटन 22 जनवरी को जैसे ही होगा, लोग घरों को दीयों की रोशनी से जगमग करेंगे। इसका अंदाजा कुम्हारों और मिट्टी के दीये बेचने वाले दुकानदारों को भी है। शायद यही वजह है कि टाउन हॉल रोड के रहने वाले कुंजय कुमार भी पूरी तैयारी में हैं। कुंजय कुमार टाउन हॉल के पास ही चौक में मिट्टी के दीये बेचते हैं। अभी औसतन रोज एक हजार मिट्टी के दीये बेचेते हैं।
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और उद्घाटन 22 जनवरी को जैसे ही होगा, लोग घरों को दीयों की रोशनी से जगमग करेंगे। इसका अंदाजा कुम्हारों और मिट्टी के दीये बेचने वाले दुकानदारों को भी है। शायद यही वजह है कि टाउन हॉल रोड के रहने वाले कुंजय कुमार भी पूरी तैयारी में हैं। कुंजय कुमार टाउन हॉल के पास ही चौक में मिट्टी के दीये बेचते हैं। अभी औसतन रोज एक हजार मिट्टी के दीये बेचेते हैं।
उन्होंने बताया कि हमें मालूम है कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 को यहां भी लोग दीपावली मनाएंगे। अभी से लोग मिट्टी के दीये खरीदने लगे हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को लेकर हमने चुनार व आजमगढ़ से दीये मंगाए हैं। स्थानीय कुम्हार डिमांड के अनुसार दीयों की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे। कुंजय कुमार बताते हैं कि माहौल तो ऐसा बन रहा है कि दीपावली से भी अधिक दीयों की मांग रहेगी।
DEEPAWALI
नई दिल्ली । दीपावली पर देशभर के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का व्यापार हुआ, जो एक रिकॉर्ड है। इस वर्ष ग्राहकों ने भारतीय सामानों की जमकर खरीदारी की। मोदी सरकार की मुहिम ‘वोकल फॉर लोकल’ का असर इस फेस्टिव शॉपिंग पर दिखाई दिया। इस बार चीन को दीपावली पर्व पर करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का बड़ा नुक़सान हुआ है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सोमवार को एक संयुक्त बयान में यह बात कही। खंडेलवाल ने कहा कि इस साल दीपावली के त्योहारी सीजन में देशभर के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रिकॉर्ड कारोबार हुआ है। कैट महामंत्री ने बताया कि सभी त्योहारों पर ग्राहकों द्वारा जमकर भारतीय वस्तुओं की खरीदारी की गई। उन्होंने कहा कि अभी गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह त्योहार शेष है, जिनमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है।
कैट महामंत्री ने कहा कि इस बार चीन को दीपावली पर्व पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के व्यापार का नुक़सान हुआ है। खंडेलवाल ने कहा कि पहले दीपावली त्योहार पर चीन से बनी वस्तुओं को लगभग 70 फीसदी भारतीय बाजार मिल जाता था, जो इस बार बिलकुल नहीं मिला। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी व्यापारी ने इस वर्ष चीन से दीपावली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई आयात नहीं किया। यह साफ तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का ही असर है।
खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के दीपावली त्योहार के व्यापार में लगभग 13 फीसदी खाद्य एवं किराना में, 9 फीसदी ज्वैलरी में, 12 फीसदी वस्त्र एवं गारमेंट, 4 फीसदी ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3 फीसदी घर की साज-सज्जा, 6 फीसदी कॉस्मेटिक्स, 8 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 फीसदी पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 फीसदी बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 फीसदी कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8 फीसदी गिफ्ट आइटम्स, 4 फीसदी फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20 फीसदी ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने तथा शेष अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए।
कैट महामंत्री ने कहा कि कैट ने भी इस वर्ष दीपावली पर “भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान चलाया था, जो बेहद सफल रहा। इस अभियान को देशभर में ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि देशभर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाज़ार इस बार दीपावली पर मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दीपावली त्योहारों पर लोकल बनी वस्तुएं ख़रीदने का आह्वान किया था, जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया। देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई, जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दीपावली पर्व के जरिए देश एवं दुनिया को दिखाई गई।
वाशिंगटन । अमेरिका में भी भारतीयों ने धूमधाम से दीपावली का त्योहार मनाया। व्हाइट हाउस में दीवाली पर भारतीय अमेरिकियों को शानदार पार्टी दी गई। अब तक के सबसे बड़े दीवाली उत्सव की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडन ने की। व्हाइट हाउस ट्विटर हैंडल से समारोह की तस्वीर जारी की गई है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्वागत समारोह में कहा कि हम भारतीय अमेरिकियों की मेजबानी करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम दीवाली उत्सव को खुशी का हिस्सा बनाने के लिए आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी मौजूद रहीं।
इस बीच जिल बाइडन ने कहा कि एशिया के लोगों खासकर भारतीयों की वजह से ही अमेरिका तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभी को दीपपर्व की बधाई देते हुए कहा कि बाइडन सरकार हमेशा उनके हित में काम जारी रखेगी। जिल ने कहा कि मैं आभारी हूं कि आज इस दीवाली के कारण दृढ़ता और विश्वास के साथ, प्यार के साथ आपको इस घर तक लाया गया है।
राष्ट्रपति बाइडन ने दीवाली उत्सव को आनंदमय बनाने के लिए अमेरिका में एशियाई अमेरिकी समुदाय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सब अब अमेरिकी संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम आधिकारिक तौर पर व्हाइट हाउस में दीवाली रिसेप्शन की मेजबानी करते हैं, हम सम्मानित महसूस करते हैं।
कार्यक्रम में मौजूद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी दीवाली समारोह के अवसर पर लोगों को रोशनी के पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस लोगों का घर है और हमारे राष्ट्रपति और प्रथम महिला ने सबके साथ दीवाली मनाकर इस जगह को और बेहतर बना दिया है।
वाशिंगटन। दुनिया भर में बसे भारतवंशी दिवाली के उल्लास में डूबे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जश्न के मूड में हैं तो टेक्सास के गवर्नर ने विशेष दिवाली पार्टी दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी दुनिया भर के हिन्दुओं को दिवाली की शुभकामनाएं दी हैं।
दुनिया भर में बसे भारतवंशी दिवाली के जश्न में डूबे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, फ्रांस सहित विभिन्न देशों में दिवाली का उल्लास सिर चढ़ कर बोल रहा है। कोरोना महामारी के बाद अप्रवासी भारतीय दो साल बाद दिवाली मना पा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर पाकिस्तान के हिन्दुओं सहित दुनिया भर के हिन्दुओं को दिवाली की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने प्रकाश पर्व पर लोगों को बधाई देते हुए कल्याण की कामना की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन अपने सरकारी निवास व्हाइट हाउस में भारतीय-अमेरिकियों के साथ दिवाली मनाने की तैयारी में हैं। वे जश्न के मूड में हैं और इसके लिए खूब तैयारियां की गयी हैं। टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने ऑस्टिन स्थित अपने सरकारी आवास पर भारतवंशियों के साथ दिवाली मनाई। एबॉट और प्रथम महिला सेसिलिया एबॉट ने पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनी थी। उन्होंने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं का अभिवादन किया और दीप जलाए। उन्होंने टेक्सास और अन्य राज्यों में रहने वाले भारतीय अमेरिकियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं।
एबॉट ने विभिन्न क्षेत्रों में भारतवंशियों की उपलब्धियों और टेक्सास की समृद्धि में शामिल होने के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकी टेक्सास की अर्थव्यवस्था के विकास में सच्चे भागीदार हैं और वे टेक्सास के मूल्यों को बढ़ा रहे हैं। शिक्षा, उद्यमिता, आर्थिक उन्नति और करुणा जैसे साझा मूल्यों की बढ़ती समानता भारत, टेक्सास और भारतीय अमेरिकियों के समुदायों को एक-दूसरे के करीब लाती रहेगी।
कैलिफोर्निया के बाद टेक्सास दूसरा ऐसा अमेरिकी शहर है, जहां सबसे ज्यादा भारतवंशी रहते हैं। कार्यक्रम में टेक्सास के तमाम सामुदायिक संगठनों के प्रमुख, ह्यूस्टन में भारतीय महावाणिज्यदूत असीम महाजन, टेक्सास आर्थिक विकास निगम के उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल और टेक्सास मेडिकल बोर्ड के डॉ. सतीश नायक शामिल हुए।
नई दिल्ली । रौशनी के त्यौहार दीपावली की झलक दिल्ली स्थित महान सूफी संत हजरत निमामुद्दीन औलिया की दरगाह पर अलग ही देखने को मिलती है। हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के मौके पर महबूब-ए-इलाही के दर पर दिल्ली और आसपास के हिंदू श्रद्धालुओं ने दरगाह में हाजिरी दी और दिए जलाए। इसके साथ ही उन्होंने हजरत निजामुद्दीन औलिया के मजार के बाहर स्थित सेहन में रंगोली बनाई। इस मौके पर उन्होंने उनके मजार पर जाकर चादर और गुलपोशी की रस्म भी अदा की।
दरगाह के चीफ इंचार्ज काशिफ निजामी का कहना है कि हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह राष्ट्रीय एकता और हिंदू

Diwali Celebrations at Dargah Nizamuddin
मुस्लिम सद्भाव की जीती जागती मिसाल है। यहां पर सभी धर्मों के मानने वाले लोगों को पूरा मान-सम्मान और आदर-सत्कार दिया जाता है। यही वजह है कि बड़ी तादाद में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर हिंदू और दूसरे धर्मों के श्रद्धालु अपनी अकीदत पेश करने के लिए आते हैं। दिवाली पर भी यहां पर हिंदू श्रद्धालुओं के जरिए चिरागां किया जाने की पुरानी परंपरा है।
हर साल यहां पर बड़ी तादाद में हिंदू श्रद्धालु दरगाह प्रांगण में आकर दीये वगैरह जलाते हैं और रंगोली बनाते हैं। दरगाह पर गुलपोशी और चादर भी चढ़ाते हैं। इस तरह के आयोजनों से हिंदू मुस्लिम एकता और आपसी भाईचारे और मेलजोल की परंपरा को काफी बढ़ावा मिलता है। दरगाह के सज्जादानशीन और खादिम इत्यादि भी इस तरह के आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। ख्वाजा के मानने वालों में बड़ी तादाद हिंदू श्रद्धालुओं की भी है और सज्जादगान हिंदू श्रद्धालुओं का यहां पूरे सम्मान के साथ उनका स्वागत करते हैं।
वाराणसी। दीपावली पर्व पर सोमवार को मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम, माता जानकी की आरती उतारकर मानवीय एकता का संदेश दिया। विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर लमही में आयोजित कार्यक्रम में फाउण्डेशन की नेशनल सदर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में जुटीं हिन्दू–मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम प्रार्थना एवं श्रीराम आरती का गायन किया।
सजावटी थाली में मिट्टी के दीपक से प्रभु राम की आरती उतारी। प्रभु श्रीराम के नाम का उद्घोष किया। इस दौरान नाजनीन अंसारी ने कहा कि नफरत और हिंसा से नहीं, त्याग और प्रेम से देश बनता है, यही भगवान राम की शिक्षा है।नाजनीन अंसारी ने कहा कि धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते हैं, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान राम। जब तक हमारे पूर्वज भगवान राम के नाम से जुड़े थे तब तक दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। अब लोग शक की दृष्टि से देखते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो हमारा सम्मान बना रहेगा। नाजनीन ने कहा कि ईरान में मुस्लिम महिलाएं हिजाब से मुक्ति का आन्दोलन चला रही हैं और उन्हें गोलियों से भुना जा रहा है, रूस और यूक्रेन युद्ध ग्रस्त है और भारत में जिहाद के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही है। ऐसे में काशी की मुस्लिम महिलाओं ने विश्व को मानवीय एकता और शांति का संदेश देने के लिए सृष्टि संचालक भगवान श्रीराम एवं जगत जननी माता जानकी की आरती उतारी। मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम और जगत माता जानकी से गुहार लगाई। महिलाओं ने ईरान की मुस्लिम महिलाओं को हिजाब की गुलामी से मुक्ति मिले। ईरान के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, मुस्लिम बेटियों को जीने का अधिकार मिले,आदि विश्वेश्वर मन्दिर परिसर औरंगजेब के कलंक से मुक्त हो और स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग पर शीघ्र पूजा अर्चना शुरू हो,रूस और यूक्रेन की जंग खत्म हो दुनियां रामराज्य की ओर बढ़े। भारत भूखंड में रहने वाले सभी भारतीय मूल के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, भारत भूखण्ड के लोग अपने पूर्वजों, परम्पराओं, मातृभूमि और पूर्वजों के भगवान से जुड़कर अपने जड़ों से जुड़ें।
कार्यक्रम में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव ने कहा कि पाकिस्तान में लोग बेचैन हैं, अपनी पुरानी जाति की तलाश कर रहे हैं। नफरत और हिंसा पर बना देश टूट जाएगा और जल्द ही अपने पुराने देश में वापसी करेगा। मुस्लिम महिलाओं की राम आरती विश्व को राम पथ पर चलने का संदेश दे रही है। कार्यक्रम में नजमा परवीन, नगीना, नाजिया, शबनम, शबीना, तहमीना, नजराना, नगीना, शम्सुननिशा, नाजमा, सैमुननिशा, मुन्नी, जुबैदा, शहजादी, अजमती, रबीना, रूखसाना, हदीसुन, रशीदा, शहीदुन, अर्चना भारतवंशी, डाॅ. मृदुला जायसवाल, इली भारतवंशी आदि ने भागीदारी की।
नई दिल्ली । घरेलू शेयर बाजार में इस साल दिवाली के दिन यानी 24 अक्टूबर को शाम 6:15 बजे से लेकर शाम 7:15 बजे के बीच मुहूर्त ट्रेडिंग की जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे प्री ओपनिंग सेशन शुरू होगा और 6:08 पर समाप्त हो जाएगा। मुहूर्त ट्रेडिंग में मैचिंग का समय शाम 6:08 से 6:15 बजे तक का होगा। हालांकि कॉल ऑप्शन में ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:45 बजे खत्म हो जाएगा।
शेयर बाजार की परंपरा के मुताबिक दिवाली के दिन सामान्य दिनों की तरह दिन के वक्त ट्रेडिंग नहीं की जाएगी, लेकिन शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए स्टॉक एक्सचेंज विशेष रूप से एक घंटे के लिए खोले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि दिवाली के दिन शेयर बाजार में भी छुट्टी होती है। अन्य दिनों की तरह सुबह 9.15 बजे से शेयरों की खरीद बिक्री नहीं की जाती है। लेकिन शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग के तहत 1 घंटे के लिए शेयरों का न केवल सौदा होता है, बल्कि मूहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान ही शेयर बाजार में की गई सभी लिवाली और बिकवाली का सेटलमेंट भी किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक दिवाली के दिन कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र 6:15 बजे से शुरू होगा और शाम 7:15 बजे खत्म हो जाएगा। इसमें ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:25 बजे तक उपलब्ध होगा।इसी तरह करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए भी मुहूर्त ट्रेडिंग का समय शाम 6:15 बजे से 7:15 बजे तक का तय किया गया है। करंसी डेरिवेटिव्स और आईआरडी में भी ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:25 तक ही उपलब्ध रहेगा। क्रॉस करेंसी डेरिवेटिव्स में भी ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:25 तक ही उपलब्ध होगा। ट्रेड कैंसिल करने का अनुरोध शाम 7:30 बजे तक किया जा सकेगा। सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सेगमेंट में भी दिवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक होगी।
बेगूसराय। 24 अक्टूबर को मनाए जाने वाले दीपों के पर्व दीपावली की सारी तैयारी अंतिम चरण में चुकी है। आधुनिकता के इस दौर में लोगों ने घरों की साफ-सफाई कर उसे विभिन्न आकर्षक रंगों से रंग कर सजा लिया है। डिजिटल जमाने में विभिन्न प्रकार के रंगीन बल्बों से आकर्षक डेकोरेशन किए गए हैं।
लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की प्रतिमा के अलावे नए-नए किस्म की प्रतिमाएं खरीदी जा रही है। दीपावली के उमंग पर आधुनिकता का रंग पूरी तरह से हावी हो गया है, लेकिन आज भी बिहार के लोग ”हुक्का पाती” को लोग नहीं भूले हैं। ग्रामीण बाजार से लेकर शहरों तक मिट्टी के बने रंग-बिरंगे दीप के साथ-साथ हुक्का पाती बनाने के लिए संठी (पटसन के पौधे से सन निकालने के बाद बचा हुआ लकड़ी जैसा हिस्सा) की दुकानें सज गई है।
शहर में ”हुक्का पाती” का प्रचलन भले ही धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन गांव में आज भी इसका जोश-खरोस जारी है। दीप जलाने के बाद दिवाली की रात हर घर के दरवाजे पर लोग हुक्का-पाती को जलाकर घुमाते और भांजते हैं, इसके साथ ही दिपावली मना लिए जाने का रिवाज पूरा होता है। संठी को मिलाकर कम से कम पांच जगहों पर बांध दिया जाता है। दिवाली की देर शाम में घर के सभी सदस्य लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने के बाद पूजा घर के दीप से हुक्का पाती में आग सुलगाते हैं।
घर के मुख्य दरवाजे पर रखे गए दीप में लगाते हुए ”लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर, लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर” कहते हुए मुख्य द्वार से बाहर निकलते हैं दीप में उसे प्रज्जवलित कर तीन और पांच बार घर के बाहर लाकर बुझाया जाता है। उसके बाद अंतिम बार घर के सभी पुरुष सदस्य उसे हाथ में लेकर अपने पूरे परिसर का भ्रमण करते हैं और लकड़ी जब छोटी बच जाती है तो पांच बार उसे लांघ कर बुझा दिया जाता है।
परंपरा एवं संस्कृति के जानकार रामेश्वर सिंह कहते हैं कि हुक्का-पाती की पारंपरिकता और मान्यता अपने पितरों और पूर्वजों को सम्मान देने से जुड़ी है और यह सदियों से चली आ रही है। इसके तहत दक्षिण दिशा में हुक्का-पाती को जलाकर हम पितरों को प्रकाश दिखाने की परंपरा श्रद्धा के साथ निभाते हैं। इस परिपाटी से घर में हमेशा लक्ष्मी-गणेश का निवास होता है। पहले गांव-गांव में संठी की खेती होती थी और दीपावली के समय मुफ्त में लोग उसे बांटते थे। लेकिन अब एक और जहां खेती कम हो गई है, वहीं बांटने वाले भी समाप्त हो गए हैं और संठी बाजारों में बिक रहा है।
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन इस बार देशभर के व्यापारियों के लिए बड़े कारोबार का अवसर लेकर आ रहा है। दीपावली पर त्योहारी खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिए करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की तरलता का बाजार में आने की संभावना कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जताई है।
कैट ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है। दरअसल, दो साल के बाद इस वर्ष दीपावली का उत्सव बिना किसी कोरोना प्रतिबंध के मनाया जाएगा, जो उपभोक्ताओं को दीपावली की खरीदारी करने के लिए देश के हर शहर में वाणिज्यिक बाजारों में आने के लिए प्रेरित कर रहा है। दीपावली का त्योहारी खरीदारी नवरात्रि के दिन से शुरू हो चुका है और तुलसी विवाह के दिन 5 नवंबर तक चलेगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार के डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी और रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने की घोषणा से बाजार में नकद प्रवाह को गति मिलेगी। खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के मुताबक दीपावली उत्सव के कारोबार में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज करने की उम्मीद है। दीपावली से संबंधित यात्राओं एवं अनु सेवाओं के उपयोग पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने की उम्मीद है।
खंडेलवाल ने कहा कि दीपावली त्योहार के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी तरह की वस्तुओं के करीब 5 करोड़ रुपये के उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दीपावली की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने कहा कि इस साल दीपावली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर है, जिससे चीन को देश के व्यापारियों एवं उपभाटों ने करीब 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका दिया है।
कारोबारियों के संगठन कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने विभिन्न राज्यों के 25 शहरों में एक सर्वेक्षण किया, जिसमें बाजारों में उपभोक्ताओं की प्रवृत्ति के सामान खरीदने में उनकी पसंद के मुख्य बिंदु थे। सर्वेक्षण में माल की खरीद पर ग्राहकों के बदलते व्यवहार से यह साफ जाहिर होता है कि भारतीय सामान की मांग ज्यादा है, जबकि उपभोक्ता कोई चीनी सामान नहीं खरीद रहे हैं। कैट देश के जिन 25 शहरों को वितरण शहर कहता है, उनमें नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू, पुणे, कानपुर, वाराणसी, रांची और भुवनेश्वर शामिल हैं।खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देशभर के व्यापारियों से इस दीपावली को अपनी दीपावली भारतीय दीपावली के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
अहमदाबाद। बदलती परिस्थितियों में इलेक्ट्रिक गाड़ियाें पर लोगों का भरोसा बढने से इसकी मांग हजारों से लाखों तक पहुंच चुकी है। केन्द्र सरकार भी पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण की दृष्टिकोण से और डीजल-पेट्रोल की खपत कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। सेमीकंडक्टर की कमी से जहां ऑटो मार्केट में अस्थिरता आ गई थी। अब चिप की उपलब्धता बढ़ने लगी है। इससे मार्केट में एकाएक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग में इजाफा हाे रहा है।
देशभर में पन्द्रह हजार से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व कर रहे फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का मानना है कि अनिश्चित मानसून, मुद्रास्फीति का दबाव, चीन-ताइवान की तनातनी के चलते चुनौतियों से भरा समय है, लेकिन अब ऑटो सेक्टर को यह त्योहारी सीजन अच्छी निकलने के आसार है और ऑटोमोबाइल बिक्री में इजाफा होने लगा है। स्थानीय ऑटो इंडस्ट्रीज प्रबंधकों का कहना है कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता होने से वाहनों के निर्माण एवं उसकी सप्लाई में सुधार होगा, लेकिन मुद्रास्फीति और ब्याज दर उनके प्रोडक्शन को प्रभावित करेगा। इस संबंध में ऑटोमोबाइल डीलर निकाय अध्यक्ष मुकेश गुलाटी मानते हैं कि इन चार-पांच महीनों में औसतन तीन से चार लाख अधिक वाहनों का उत्पादन बढ़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर लोगों का भरोसा बढ़ने पर इसकी मांग बढ़ने लगी है।
बताया गया कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता बढ़ने के साथ मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और किआ जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों के वाहनों की बिक्री में एकाएक तेजी बढ़ी। हुंडई ,टोयोटा और स्कोडा जैसी वाहन कंपनियों की बिक्री भी अगस्त के पश्चात से ही अच्छी हो रही है।
ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता अब बढ़ने लगी है। पर्यावरण, ध्वनि प्रदूषण की बंदिशों के साथ पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में संख्या में इजाफा हुआ है। केन्द्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर, चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।