काठमांडू (नेपाल)। संसदीय चुनाव के बाद देश में पिछले करीब पंद्रह दिनों से चल रहे नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे कम्युनिस्ट नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोमवार को नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। भारत और चीन ने प्रचंड को प्रधानमंत्री बनने पर शुभकामनायें दी है।
नेपाल के संसदीय चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद भी नेपाली कांग्रेस संसदीय दल के नेता शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री नहीं बन सके हैं। उनके साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़े कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के नेता पुष्प कमल दहल ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। उन्होंने 275 सदस्यों के सदन में 165 सदस्यों का समर्थन जुटा कर अपनी नई सरकार के लिए भारी बहुमत का इंतजाम भी कर लिया है। इसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 सदस्य शामिल हैं। बहुमत का जुगाड़ होने के बाद सोमवार को नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने प्रचंड को नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिला दी है।
तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने प्रचंड को भारत और चीन ने बधाई दी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर पुष्प कमल दहल प्रचंड को बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध लोगों के बीच गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और गर्मजोशी पर आधारित हैं। उन्होंने इस दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए प्रचंड के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जाहिर की है। काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने भी प्रचंड की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति के तुरंत बाद ट्वीट कर उन्हें चीन की ओर से बधाई दी।
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