नई दिल्ली । दीपवाली को राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद कथित रूप से खूब पटाखे फोड़े गए। इस वजह से दिल्ली में हवा खराब स्तर पर पहुंच गई। रात में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 दर्ज किया गया। यह बेहद खराब स्तर होता है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार दिल्ली का कुल एक्यूआई 323 पर था।
अलग-अलग क्षेत्रों में दिल्ली विश्वविद्यालय का एक्यूआई 365 और हवाईअड्डा क्षेत्र का 354 था। मथुरा रोड पर 322 और गुरुग्राम का एक्यूआई 342 था। नोएडा का 305, ग्रेटर नोएडा का 274, फरीदाबाद का 254 और गाजियाबाद 300 एक्यूआई था।
इस बीच दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने ‘रेड लाइट ऑन और गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इसका मतलब ट्रैफिक लाइट अगर लाल हो तो वाहनों को बंद कर लिया जाए।
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- खड़ी गाड़ियों में आगजनी के बाद दमकल की गाड़ियों ने स्थिति पर काबू पाया
वडोदरा। शहर के पानीगेट क्षेत्र में रात एक बजे के आसपास जमकर पथराव और आगजनी की गई। पटाखा फोड़ने के मुद्दे पर दो गुटों में भिड़ंत के बाद हंगामा कर रहे लोगों ने पहले स्ट्रीट लाइट बुझा दी और फिर अंधेरे में एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। सड़कों पर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई। पुलिस उपायुक्त पर पेट्रोल बम फेंका गया, लेकिन हमले में वे बाल-बाल बच गए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अभी तक 19 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
वडोदरा शहर के पानी गेट क्षेत्र में दिवाली की रात करीब एक बजे अचानक स्ट्रीट लाइट बंद करके पूरे क्षेत्र में अंधेरा कर दिया गया। इसके बाद पटाखा फोड़ने के मुद्दे पर दो गुटों के बीच पथराव शुरू हो गया। सड़क पर पार्क की गई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। घटना को साम्प्रदयिक रंग देने की कोशिश की गई। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। हंगामा को काबू करने पुलिस उपायुक्त जोन-3 यशपाल जगाणिया भी मौके पर थे। इसी बीच एक गली से उन पर पेट्रोल बम फेंका गया। इसमें वे बाल बाल बच गए।
पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों के खदेड़ना शुरू किया। घटनास्थल पर पहुंची दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। पुलिस ने हंगामे पर उतारु भीड़ में से 19 लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक पटाखे फोड़ने को लेकर दोनों गुट में विवाद हुआ। देखते-देखते मामला दो गुटों के बीच तनाव का कारण बन गया। लोगों ने स्ट्रीट लाइट बंद कर एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस पूरे क्षेत्र को छावनी में बदल कर हंगामा करने वालों की शिनाख्त कर उन्हें पकड़ने की कार्रवाई में जुट गई है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी सांसद मनोज तिवारी की राजधानी दिल्ली में पटाखों पर बैन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। तिवारी ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री पर रोक के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल, दिल्ली की आप सरकार ने 7 सितंबर को राजधानी में तत्काल प्रभाव से 1 जनवरी 2023 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
वकील शशांक शेखर झा द्वारा शुक्रवार को तत्काल सुनवाई के लिए मनोज तिवारी की याचिका का उल्लेख करने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह इस मुद्दे पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। सीजेआई ललित ने कहा कि सूची 10 अक्टूबर को, दीवाली से पहले है।
सभी राज्यों में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक की मांग
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को आगामी त्योहारी सीजन के दौरान जायज पटाखों की बिक्री, खरीद और फोडऩे के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की है। तिवारी ने सभी राज्यों को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि वे पटाखों की बिक्री या उपयोग करने वाले आम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें।
याचिका में 2021 के फैसले का भी किया जिक्र
वकील अश्विनी कुमार दुबे और शशांक शेखर झा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, जीवन के अधिकार के नाम पर, धर्म की स्वतंत्रता को छीना नहीं जा सकता है और एक संतुलन बनाना होगा जैसा कि इस अदालत के 29 अक्टूबर, 2021 के फैसले के माध्यम से किया गया है।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पटाखों के उपयोग पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और केवल वे आतिशबाजी जिनमें बेरियम लवण होते हैं, प्रतिबंधित हैं।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए जाते हैं, जबकि यह स्पष्ट किया है कि पटाखों पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और लोग अपना त्योहार मनाने के लिए जायज पटाखों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि कई राज्य सरकारों और उच्च न्यायालयों ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट के रुख के विपरीत आदेश पारित किए और पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने दीपावली के जश्न की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए और एफआईआर दर्ज की और कर्फ्यू लगा दिया।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने आम नागरिकों के खिलाफ 210 एफआईआर दर्ज कीं और पुलिस ने पटाखे फोडऩे के आरोप में 143 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि 125 एफआईआर दर्ज की और 138 लोगों को (पटाखे) बेचने के आरोप में 28 सितंबर, 2021 से 4 नवंबर, 2021 के बीच गिरफ्तार किया था।