नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक को व्यक्तिगत हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि लंबे अरसे से जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों की समय से पहले रिहाई के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वो राज्य के सभी जेलों में जाकर ऐसे कैदियों का पता लगाए जिनकी समय से पहले रिहाई हो सकती है। सितंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बिना कैदी की तरफ से आवेदन मिले भी रिहाई पर विचार किया जा सकता है।
कोर्ट ने राज्य के जेल महानिदेशक को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत हलफनामा में ये बताएं कि रशीदुल जफर बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक क्या कदम उठा रहे हैं। कोर्ट ने ये भी बताने का निर्देश दिया है कि वो हर जिले में समय पूर्व रिहा हो सकने वाले कैदियों की संख्या बताएं। कोर्ट ने राज्य सरकार के अगस्त, 2018 के उस नीति का जिक्र किया, जिसमें उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को हर गणतंत्र दिवस के दिन समय पूर्व रिहा करने का प्रावधान किया गया है। इस नीति में समय पूर्व रिहा होने वाले कैदियों का वर्गीकरण किया गया है।
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