हरिद्वार। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि शनिवार की रात्रि होने वाला चंद्रग्रहण इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण होगा। कल 28 अक्टूबर और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को संपूर्ण भारत में ये चंद्रग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ होगा तथा 2 बजकर 24 मिनट पर मध्य रात्रि में समाप्त हो जाएगा। ग्रहण का समय 1 घंटा 19 मिनट होगा।
उन्होंने बताया कि ग्रहण अश्विनी नक्षत्र तथा मेष राशि पर होगा। इसका प्रभाव सभी राशियों पर होगा। मेष, वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मीन वालों को कष्ट तथा मिथुन, सिंह, तुला, मकर, कुंभ वालों को लाभ होगा। विशेष रूप से मेष राशि वाले जातक इस ग्रहण के प्रभाव से प्रभावित होंगे।
सूतक 4 बजकर 5 मिनट से
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण का सूतक 4 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ हो जायेगा। सूतक काल आरम्भ होते ही सभी शिवालय, देवालय बंद रहेंगे। गंगा जी की आरती भी सूतक काल से पूर्व हो जाएगी। इस ग्रहण में चंद्रमा के जप, शिव की पूजा, तंत्र साधना विशेष फलीभूत होती है। ग्रहण का असर ईरान, सिंध, चीन, मध्य पूर्व के देशों में ज्यादा होगा, साथ ही डॉक्टर्स, नौकरी पेशा, व्यापारी वर्ग के लिए इस ग्रहण का प्रभाव कुछ परेशान उत्पन्न करने वाला होगा। तेल का भाव बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने बताया कि ग्रहण काल में भगवन नाम कीर्तन, जप, छाया पात्र के दान का विशेष महत्व है।