कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया ने यहाँ एकदिवसीय मैच में वेस्ट इंडीज को बेहद बुरी तरह से हरा दिया। कैनबरा में कंगारू टीम ने वेस्टइंडीज को तीसरे और आखिरी वनडे मैच में सिर्फ 41 गेंदों यानी 6.5 ओवरों में ही हरा दिया। वेस्टइंडीज पहले बैटिंग करने उतरी थी और सिर्फ 24.1 ओवरों में सभी विकेट खोकर 86 रन ही बना सकी। स्मिथ की कप्तानी वाली टीम ने 6.5 ओवरों में ही लक्ष्य हासिल करते हुए 8 विकेट की ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
कप्तान स्टीव स्मिथ के टॉस जीतने और पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला करने के बाद बार्टलेट ने शुरुआती सफलता हासिल की। उन्होंने वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज केजोर्न ओटले को 8 रन पर पैड पर फंसाया। इसके बाद तो विकेटों की झड़ी लग गई। कैनबरा में सिर्फ 15 रनों के भीतर 6 विकेट गंवाने वाली मेहमान टीम 24.1 ओवर में 86 रन पर सिमट गई।
जेवियर बार्टलेट की कातिलाना गेंदबाजी नहीं झेल पाए कैरेबियाई
क्वींसलैंड के तेज गेंदबाज जेवियर बार्टलेट ने कमाल की बॉलिंग की और 4 विकेट लिए। वेस्टइंडीज की हालत इतनी खराब थी कि उसकी ओर से सिर्फ 3 ही बल्लेबाजों ने दहाई का आंकड़ा पार किया। वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना दूसरा सबसे कम और कुल मिलाकर पांचवां सबसे कम स्कोर किया।
ऑस्ट्रेलिया की गेंदों के लिहाज से सबसे तेज जीतमेजबान टीम को 87 रन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल 6.5 ओवर ही लगे। सलामी बल्लेबाज जेक फ्रेजर-मैकगर्क (18 गेंदों पर 41) और जोश इंगलिस (16 गेंदों पर नाबाद 35) ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा दीं। यह पुरुषों के एकदिवसीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया का सबसे तेज सफल रन चेज था।इससे पहले उसने 2004 में संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ 47 गेंदों में लक्ष्य हासिल किया था। ऑस्ट्रेलिया ने अब लगातार 12 वनडे मैच जीत लिए हैं और टीम का ध्यान वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज पर है, जो शुक्रवार शाम से होबार्ट में शुरू हो रही है।
CANBARA
दुनिया के तमाम देशों को कोरोना वैक्सीन देने से मजबूत़ हुई भारत की वैश्विक छवि : हरिवंश नारायण सिंह
- राष्ट्रमंडल अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति
- सीएसपीओसी में राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने कोविडकाल में भारत के प्रयासों की दी जानकारी
कैनबरा । राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में चल रहे राष्ट्रमंडल अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (सीएसपीओसी) में कोविड के दौरान भारत की संसद के उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
दरअसल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सीएसपीओसी में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। सम्मेलन में उपसभापति ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारतीय संसद के उठाए गए कदमों का सिंहावलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित टीकों की “वैक्सीन मैत्री” के रूप में दुनियाभर के विभिन्न देशों में आपूर्ति करने से भारत की वैश्विक छवि मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत की संसद ने कोविड महामारी से निपटने के लिए नवीन प्रथाओं को भी अपनाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद ने वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपनी नीतिगत पहल में सरकार का समर्थन किया। भारतीय संसद के दोनों सदन इस अवसर पर एक साथ खड़े रहे और उन्होंने शीर्ष विधायी निकाय द्वारा महामारी के दौरान अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरणों के माध्यम से संसद सदस्यों की भागीदारी और जनता से जुड़ाव में वृद्धि की है। इसके फलस्वरूप वे संसद की गतिविधियों को नागरिकों के करीब लाए हैं।
सम्मेलन में हरिवंश ने कहा कि साइबर स्पेस इको-सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए साइबर अपराध, साइबर आतंकवाद और ऐसी अन्य समस्याओं से निपटने के लिए सहयोग की आवश्यकता है।
भारत के मूल दर्शन, वसुधैव कुटुम्बकम पर प्रकाश डालते हुए हरिवंश ने कहा कि भारत निश्चित रूप से स्थायी वैश्विक शांति और साझा समृद्धि के लिए आगे बढ़ने के लिए वैश्विक समाज के साथ चलेगा।
इस सम्मेलन में उपसभापति के साथ लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी भी भाग ले रहे है। इस सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रमंडल देशों में संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों को एक मंच पर लाना है। इस तरह का पिछला सम्मेलन जनवरी 2020 में कनाडा में आयोजित हुआ था और अगला सम्मेलन 2024 में युगांडा में प्रस्तावित है।