लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में वीजा एप्लीकेशन सेंटर का उदघाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वीजा और पासपोर्ट के लिए पहले बहुत परेशानी होती थी। इस सेंटर के उद्घाटन से वीजा के लिए लोगों को दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। वीजा अप्लाई करने की सुविधा अब से राज्य में उपलब्ध होगी।
योगी ने कहा कि लखनऊ में वीजा केंद्र खुलने से प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक वीजा इसके माध्यम से बनाये जा सकेंगे। उत्तर प्रदेश जो देश की आबादी का सबसे बड़ा प्रदेश है, यहां से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेश के लोगों को भी यहां सुविधा मिलेगी। इस केंद्र के शुभारंभ होने से ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, पुर्तगाल, स्विजरलैंड, नीदरलैंड, क्रोएशिया, इटली, सऊदी अरब, हंगरी, जर्मनी की यात्रा करने के संबंध में सुविधा उपलब्ध हो पाएगी और ये केंद्र प्रतिवर्ष एक लाख 20 हजार वीजा आवेदनों का निस्तारण करने की अकेले क्षमता रखती है। यह उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए और खास तौर पर जो उत्तर प्रदेश की अतिथि देवो भव की एक परंपरा रही है उसको आगे बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा।
योगी ने कहा कि पिछले पांच-छह वर्षों के दौरान मोदी के नेतृत्व में जो काम हुआ है उसकी वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है। संकट के समय विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए जो प्रयास भारत सरकार ने किये हैं वह सराहनीय हैं।
आलमबाग बस स्टैंड पर खुला वीजा केंद्र
लखनऊ के आलमबाग बस स्टैंड टर्मिनल के फर्स्ट फ्लोर पर वीजा केंद्र खोला गया है। इससे न सिर्फ लखनऊ को ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश को इसका फायदा मिलेगा। डॉ.दिलीप अग्निहोत्री ने बताया कि वीजा केंद्र खोलने की मांग गोमतीनगर जनकल्याण समिति की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से की गई थी। वीजा केंद्र खुलने से गोमतीनगर जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों और समिति के सदस्यों ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।
AUSTRIA
वियना। साइप्रस और ऑस्ट्रिया की यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूरोपीय देशों को नसीहत दी । उन्होंने साफ कहा है कि यूरोपीय देशों को डगमगाती विश्व व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए के लिए जागना होगा। उन्होंने यूरोप को नई विश्व व्यवस्था के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जंग और चीन की चुनौती के मसलों पर भी सलाह दी।
ऑस्ट्रिया यात्रा समाप्त करने से पहले एक ऑस्ट्रियाई अखबार डाई प्रेसे को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि यूरोप को हिली हुई विश्व व्यवस्था को समझने के लिए एक वेक-अप कॉल की जरूरत है। यूरोपीय लोगों को यह समझना होगा कि जीवन के कठोर पहलुओं का ध्यान रखने का जिम्मा हमेशा दूसरों का ही नहीं होता है, खुद भी जागना पड़ता है। दुनिया में यदि एक ही शक्ति का वर्चस्व कायम हो जाएगा, तो कोई भी क्षेत्र स्थिर नहीं होगा।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप अंतरराष्ट्रीय समस्याओं से दूर रहकर सिर्फ अपने क्षेत्र में विकास करना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय समस्याओं से दूरी बनाए रखने की हर संभव कोशिश भी करता है। यूरोप ने व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया, बहुपक्षवाद पर जोर दिया। जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर अपनी शर्तों पर दुनिया को आकार देने के लिए आर्थिक ताकत का इस्तेमाल किया। यह स्थिति दुनिया के लिए अच्छी नहीं है।
वियना । भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को खरी खरी सुनाई। एस. जयशंकर ने दोनों देशों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चीन ने समझौते तोड़े हैं और पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा बना हुआ है।
ऑस्ट्रिया यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर स्केलेनबर्ग से द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत की। जयशंकर ने ऑस्ट्रिया में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों के साथ भी वार्ता की। इस दौरान उन्होंने चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चीन ने नियंत्रण रेखा की स्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की, इसीलिए भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट युग है, इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों की तस्वीरें साफ दिखती हैं। इनसे इनकार नहीं किया जा सकता। चीन के साथ भारत का समझौता है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सेना तैनात नहीं करेंगे, लेकिन चीन ने इस समझौते का पालन नहीं किया। इस कारण दोनों देशों के बीच अभी तनावपूर्ण स्थिति है। इसी तरह दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा को एकतरफा नहीं बदलने का समझौता है, इसके बाद भी चीन ने ऐसा करने की कोशिश की। जयशंकर ने कहा कि भारत ने सैन्य दबाव झेला, इसका कोई औचित्य नहीं है।
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी भर्ती शिविर व अड्डे चला रहा है। ये सब वह दिनदहाड़े कर रहा है। ऐसे में यह कैसे माना जा सकता है कि एक संप्रभु देश, जो अपनी सरजमीं का नियंत्रण करता है, उसे इसकी जानकारी नहीं है? इन अड्डों में आतंकियों को खासतौर से सेना और युद्ध की रणनीति का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए जयशंकर ने कहा कि यह वही देश है, जिसने मुंबई पर आतंकी हमला किया। होटलों में ठहरे विदेशी पर्यटकों को मार दिया गया। वह रोजाना सीमा पार से आतंकवादी भेजता है।
- जापान में 17 की जान गई, मैक्सिको के कई शहर अंधेरे में
- ऑस्ट्रिया में बर्फ की चादर में दबे लोग, विमान सेवाएं हुई ठप
वाशिंगटन । अमेरिका में आए जानलेवा बर्फीला तूफान अब दुनिया के अन्य देशों तक कहर बरपा रहा है। अमेरिका के बाद कनाडा, मैक्सिको, जापान और ऑस्ट्रिया तक बर्फीला तूफान जानलेवा और मुसीबत भरा साबित हो रहा है। अमेरिका में अब तक 60 लोगों की जान जा चुकी है और जापान में हिमपात की चपेट में आकर 17 लोग मारे गए हैं। मैक्सिको के कई शहरों की बिजली गुल है और ऑस्ट्रिया में बर्फ की मोटी चादर में कई लोग दब गए हैं।
अमेरिका में बर्फीले तूफान से देश के करीब 20 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। न्यूयॉर्क और मोटाना जैसे शहर का तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे तक पहुंच गया है। अमेरिकी अधिकारी इसे सदी का भयावह तूफान बता रहे हैं। अमेरिका के लाखों घरों की बिजली गुल है, आवाजाही ठप है और चारों ओर बर्फ जमा है। आइओवा, विस्कोन्सिन, मिनेसोटा और मिशिगन में भी हालात खराब हैं। बफैलो सिटी में दृश्यता शून्य तक पहुंच चुकी है और एरी झील जम गयी है। न्यूयॉर्क के गवर्नर कैथी होचुल ने राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात कर उनसे मदद की गुहार लगाई है। पश्चिमी न्यूयॉर्क के इलाके 30 से 40 इंच मोटी बर्फ से ढके रहे। तूफान की वजह से सिएटल तक बिजली गुल रही। अटलांटा, शिकागो, डेनेवर, डेट्रॉयट और न्यूयॉर्क तक हवाई अड्डों का बुरा हाल है और हवाई यातायात ठप पड़ा हुआ है। खराब मौसम के कारण 15 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द की गयी हैं।
अमेरिका के अलावा आसपास के देश भी बर्फीले तूफान का दंश झेलने को विवश हैं। कनाडा में भी लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। यहां चार लोगों की जान जा चुकी है। मैक्सिको में तूफान कहर बरपा रहा है। यहां मरीजों तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रही है। मैक्सिको के कई शहरों में बिजली गुल है। जापान में भारी हिमपात के कारण राजमार्गों पर सैकड़ों वाहन फंसे हैं। हिमपात के कारण 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 90 से ज्यादा घायल हैं। जापान में घायलों में से कई छतों से बर्फ हटाते वक्त गिर गए या छतों से फिसलने वाली बर्फ की मोटी चादर के ढेर के नीचे दब गए। इस कारण भी वहां मृतक संख्या बढ़ रही है।
जापान में बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों से बर्फ हटाने के दौरान सावधानी बरतने और अकेले काम न करने की सलाह दी गयी है। उधर ऑस्ट्रिया में हिमस्खलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जुएर्स कस्बे के पास लोगों के बर्फ में दबे होने की आशंका है। पश्चिमी ऑस्ट्रिया में आए हिमस्खलन से खतरे को स्थानीय पर्वतीय बचाव सेवा ने ‘उच्च’ श्रेणी में रखा है। हिमस्खलन 2,700 मीटर ऊंचे पर्वत पर जुएर्स और लेच एम अर्लबर्ग के बीच हुआ, जहां दबे लोगों को बचाने में 200 बचावकर्मी लगाए गए हैं। ऑस्ट्रिया में इस कारण विमान सेवाएं भी ठप हो गयी हैं।