वाशिंगटन । भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने विदेशी पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा बढ़ाने की मांग की है। यदि उनकी मांग मानी गयी तो इसका फायदा भारतीय पेशेवरों को मिल सकता है।
अमेरिका हर साल 85 हजार एच-1बी वीजा जारी करता है, जिनमें से 20 हजार वीजा अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों को दिये जाते हैं। एच-1बी वीजा एक अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों को अमेरिका बुलाकर काम कराने की सुविधा देता है। वित्तीय वर्ष 2024 में होमलैंड सिक्योरिटी की बजट मांग पर अमेरिकी संसद में चर्चा के दौरान भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने आव्रजन के लिए कानूनी रास्ते भी बढ़ाने की मांग की है।
यूएस होमलैंड सिक्योरिटी के मंत्री एलेजांदरो मेयरकास से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका कोआव्रजन के लिए कानूनी रास्तों में विस्तार करने की जरूरत है। साथ ही एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है। थानेदार ने कहा कि आव्रजन व्यवस्था की असफलता के चलते ही अमेरिका की सीमाओं पर चुनौती बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं को सुरक्षित करना बेहद जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय पेशेवरों में एच-1बी वीजा की सबसे ज्यादा मांग है। ऐसे में यदि अमेरिकी सांसद की मांग को मानकर एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ाई जाती है तो इसका फायदा भारतीयों को मिल सकता है।
AMERICAN MP
वाशिंगटन । भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध 21वीं सदी को परिभाषित कर सकते हैं। सांसद खन्ना ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख का जिक्र करते हुए यह बात कही। दरअसल लेख में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भारत के उदय को देखेगी।
इस पर खन्ना ने ट्वीट किया- ‘अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी को परिभाषित कर सकते हैं।’ खन्ना ने कहा कि प्रमुख अमेरिकी अखबार ने भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और विरोधाभासों के बारे में काफी ‘खूबसूरती से लिखा है।’ सांसद ने कहा कि लेख का उपसंहार इस उम्मीद को रेखांकित करते हुए किया गया है कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने जिस बहुलवाद की कामना की थी वह अक्षुण्ण रहे।
उल्लेखनीय है 13 सितंबर 1976 को पेंसिलवेनिया के फिलाडेल्फिया में जन्मे रो का असल नाम रोहित खन्ना है। उनके माता-पिता पंजाब से अमेरिका जाकर बस गए थे। रो के पिता केमिकल इंजीनियर थे और आईआईटी से पासआउट रहे और फिर मिशिगन की यूनिवर्सिटी तक पहुंचे। उनकी मां स्कूल टीचर रही हैं। रो के नाना ने भारत की आजादी में बड़ी भूमिका अदा की और लाला लाजपत राय के साथ काम किया था। रो खन्ना ने 1998 में शिकागो यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री हासिल की है।
इस लेख में भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर की टिप्पणी का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था अभी भी बहुत कुछ पश्चिम की ओर झुकी हुई है। लेख में कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से भारत ने रूसी आक्रमण की निंदा करने के अमेरिकी और यूरोपीय दबाव को संयुक्त राष्ट्र में खारिज कर दिया।