लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दलहन व तिलहन की खरीद प्रारंभ कर दी है। दलहन (मूंग व उड़द) तथा तिलहन (मूंगफली व तिल) की यह खरीद 24 जनवरी तक चलेगी। सरकार ने किसानों से क्रय केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण कराने को कहा है। सरकार तीन कार्य दिवस में आधार से लिंक खाते में किसानों को भुगतान करेगी। उड़द, मूंग, मूंगफली व तिल उत्पादक जनपदों में पीसीएफ, पीसीयू व जेफेड द्वारा संचालित क्रय केंद्रों यह खरीद होगी।
2,96,400 मीट्रिक टन उड़द खरीद का लक्ष्य
योगी सरकार ने दलहन व तिलहन फसलों के लिए खरीद का लक्ष्य तय किया है। उड़द के लिए 2,96,400 मीट्रिक टन, मूंगफली के लिए 27,148 मीट्रिक टन, तिल के लिए 15,538 मीट्रिक टन व मूंग के लिए 3240 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8635 रुपये प्रति कुंतल, मूंग का 8558 रुपये प्रति कुंतल, उड़द का 6950 रुपये प्रति कुंतल व मूंगफली का 6377 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है।
तीन दिन में किसानों को भुगतान करेगी सरकार
दलहन व तिलहन खरीद के लिए सरकार तीन कार्य दिवस में किसानों का भुगतान करेगी। भुगतान के लिए किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। पंजीकरण के समय किसानों को आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। किसानों का ध्यान देना होगा कि पंजीकरण उसी मोबाइल नंबर से कराना होगा, जिससे आधार व बैंक से लिंक्ड होगा। साथ ही आधार और बैंक पासबुक में नाम, पिता के नाम व मोबाइल नंबर भी समान होने चाहिए। ऐसा होने से पारदर्शिता पूर्वक समयावधि में योगी सरकार किसानों को भुगतान करेगी।
प्रदेश में मूंग, उड़द, मूंगफली व तिल के उत्पादक जिले
मूंग: झांसी, ललितपुर, उन्नाव, हमीरपुर व महोबा
तिल: झांसी, बांदा, हरदोई, हमीरपुर, महोबा, जालौन, फतेहपुर, सीतापुर, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर व रायबरेली
मूंगफली: झांसी, महोबा, हरदोई, ललितपुर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, उन्नाव, मैनपुरी, सहारनपुर, गोरखपुर, कन्नौज, मीरजापुर, बहराइच, देवरिया, संतकबीरनगर, फर्रुखाबाद, रायबरेली, बांदा व महराजगंज
उड़द के उत्पाद जिले ललितपुर, बदायूं, बरेली, उन्नाव, झांसी, शाहजहांपुर, हरदोई, संभल, महोबा, सीतापुर, हमीरपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, रायबरेली, फतेहपुर, जालौन, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, लखनऊ, अमरोहा, कानपुर नगर- देहात, बांदा, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, औरैया, बिजनौर, रामपुर, अमेठी, वाराणसी व सोनभद्र हैं।
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली आधार और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित नकली दस्तावेज तैयार कर लोगों के बैंक खाते खुलवाने का काम किया करते थे।
अपराध शाखा ने सोमवार को जानकारी दी है कि दिल्ली पुलिस की उत्तरी जोन अपराध शाखा टीम को जानकारी मिली कि जहांगीरपुरी स्थित एक कैफे में फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं, जिसके आधार पर बैंक में अलग-अलग नामों से खाते खोले जाते हैं। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल जमीन और पैसों से जुड़े फ्रॉड में किया जाता है।
सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रंगे हाथ कैफे संचालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपितों ने इस बात को स्वीकार किया है कि वह उन व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं, जिनका आधार कार्ड अभी तक जारी नहीं हुआ है। पहले आधार कार्ड बनाते हैं, इसके बाद आधार कार्ड के जरिए दूसरे लोगों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर देते हैं।
पुलिस के अनुसार आरोपित अबतक करीब 100 से अधिक लोगों के बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवा चुका है। आरोपितों के पास से पुलिस ने 27 आधार कार्ड, 34 पैन कार्ड, 4 वोटर कार्ड,15 ब्लैंक चिप कार्ड आदि बरामद किये हैं।
देहरादून। फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनाने वाले केंद्र का आधार सेंटर का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। इस आधार सेंटर में धड़ल्ले से देशी-विदेशी नागरिकों के आधार व मतदाता पहचान पत्र बन रहे थे। नेपाली नागरिकों को भी गढ़वाल का नागरिक बना दिया गया।
एसटीएफ ने इस कॉमन सर्विस सेंटर से तीन लोगों को गिरफ्तार कर 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लेमिनेशन कवर कार्ड, 28 वोटर आईडी कार्ड, 78 आधार कार्ड, 17 पेनकार्ड, 7 आयुष्मान कार्ड, एक स्टेंप, स्टेंप पैड व 12500 रुपये नकद के साथ इलेक्ट्रिक सामान बरामद किया है।
मंगलवार को जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि थाना ऋशिकेष क्षेत्र में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा एक ऐसे आधार सेन्टर का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो अवैध तरीके से बगैर किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के लोगों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड व अन्य पहचान पत्र बना रहे थे । ऐसे लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिनके फर्जी वोटर कार्ड व आधार कार्ड बनाये गये हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ द्वारा बताया गया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि ऋषिकेश, देहरादून स्थित एक जन सेवा संस्थान द्वारा रुपये लेकर फर्जी कागजो के आधार पर अन्य देश/राज्य के निवासियों को उत्तराखण्ड का निवासी दिखाते हुए हजारों रुपये लेकर फर्जी आधार कार्ड, फर्जी वोटर आई कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाये जा रहे हैं, जो कि किसी भी व्यक्ति द्वारा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए, मोबाइल सिम क्रय करने या अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिये प्रयोग किये जा सकते हैं।
उक्त सूचना को एसटीएफ द्वारा गंभीरता से लेते हुए गोपनीय जांच शुरू की गई तो जानकारी करने पर पता चला कि फर्जी आधार और अन्य आईडी एक व्यक्ति लक्ष्मण सैनी द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बनाए जाते हैं, जो कि अपनी दुकान में सीएससी सेन्टर चलाता है।
इस सूचना को पुख्ता करने के लिए एसटीएफ एक योजना बनाई जिसके लिए कुछ दिन पूर्व एक नेपाली नागरिक दिलबहादुर (काल्पनिक नाम) को तैयार किया गया तथा उस नेपाली नागरिक को सीएससी, एपेटाईड सेन्टर, एम्स रोड, ऋषिकेश आधार कार्ड बनवाने भेजा गया, जहां पर सीएससी सेन्टर का मालिक लक्ष्मण कुमार सैनी 10 हजार रुपये में दिलबहादुर नेपाली नागरिक का फर्जी आधार कार्ड और फर्जी वोटर आईडी कार्ड किसी भी भारतीय/उत्तराखण्ड के वैध दस्तावेज के बिना बनाने के लिये तैयार हो गया, जिसके लिए एडवान्स में 3000 रुपये ले लिये।
केंद्र संचालक ने 24 फरवरी 2022 को वोटर आई कार्ड और कुछ दिनों बाद आधार कार्ड देने का वादा किया। फिर 26 दिसम्बर 2022 को एसटीएफ द्वारा उक्त सीएससी सेन्टर में नेपाली नागरिक दिल बहादुर को भेजा गया तो अभियुक्त लक्ष्मण सैनी द्वारा पौड़ी के किसी गांव का वोटर कार्ड बना दिया गया था और आधार कार्ड के लिए फॉर्म भर दिया गया। एसटीएफ द्वारा अचानक छापा मारकर उक्त आधार सेंटर में लक्ष्मण सिंह सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी नि0 मीरानगर मार्ग गली नं0. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून के साथ दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया जो इस गैर कानूनी कार्य में अभियुक्त लक्ष्मण सैनी के साथ काम कर रहे थे। पूछताछ में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है जिसकी गहराई से छानबीन की जा रही है।
आरोपितों में लक्ष्मण सैनी, बाबू सैनी, भारत सिंह उर्फ भरदे दमई का नाम शामिल है। गिरफ्तार करने वाली एसटीएफ टीम में सीओ अंकुश मिश्रा, निरीक्षक यशपाल बिष्ट, उप निरीक्षक विपिन बहुगुणा,नरोत्तम बिष्ट, हेड कांस्टेबल देवेंद्र ममगाईं आदि के नाम शामिल है।