लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सहयुक्त महाविद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए जल्द ही एकेडमिक ऑडिट कराया जाएगा। इससे उनकी शैक्षिक स्थिति का मूल्यांकन होगा। विश्वविद्यालय परिसर में विभागों का एकेडमिक आडिट कराने की जिम्मेदारी डीन एकेडमिक की होगी। वहीं, कॉलेजों में यह आडिट डीन कॉलेज डेवलपमेंट सेल (सीडीसी) के नेतृत्व में होगा। हाल ही में हुई कॉलेजों की बैठक में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इसके निर्देश दिए थे।
लखनऊ के साथ सीतापुर, हरदोई, रायबरेली और लखीमपुर खीरी के कॉलेज जुडऩे से अब लखनऊ विश्वविद्यालय के पास यह संख्या 530 के आसपास पहुंच गई है। अब विश्वविद्यालय जल्द ही अपने विभागों के साथ-साथ इन सभी कॉलेजों का एकेडमिक आडिट कराने की तैयारी कर रहा है। हर शैक्षिक संस्थान के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। इसलिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने एकेडमिक आडिट के लिए फार्म तैयार हो गया है।
किसी भी विभाग से लेकर कॉलेजों में एकेडमिक आडिट के लिए कई चीजों का मूल्यांकन होता है। कितने विद्यार्थी हैं, वर्ष पर कितनी कक्षाएं हुईं, लाइब्रेरी की स्थिति, विद्यार्थियों की उपस्थिति, परिणाम से लेकर शैक्षिक गतिविधियों में शिक्षकों की उपलब्धि आदि कई बिंदुओं का आकलन किया जाता है। रिपोर्ट आने के बाद सुधार के लिए सुझाव भी दिए जाएंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय नैक मूल्यांकन के लिए एकेडमिक आडिट कराना जरूरी है। इसकी तैयारी की जा रही है। फार्म तैयार हो गया है। कॉलेजों को भी बता दिया गया है। कॉलेजों में डीन सीडीसी व विश्वविद्यालय में डीन एकेडमिक इसे कराएंगे। इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाएगी। जहां भी कमी होगी, उसे दूर करने के सुझाव दिए जाएंगे।