प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी है। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेवारत सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने केंद्र सरकार के लापता कर्मचारियों के लिए परिवार पेंशन नियमों में छूट दी है।
पहले के नियम के अनुसार, किसी कर्मचारी के लापता होने पर उसके परिजनों को पारिवारिक पेंशन नहीं मिलती थी। जब तक लापता व्यक्ति को सरकार के कानून के अनुसार मृत घोषित नहीं कर दिया जाता या जब से वह लापता हुआ है। तब से सात साल हो जाने तक पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा। नए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, उन सभी मामलों में जहां एनपीएस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया एक सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान लापता हो जाता है, तो पारिवारिक पेंशन का लाभ लापता सरकारी कर्मचारी के परिवार को तुरंत भुगतान किया जाएगा।
यदि वह फिर से उपस्थित होता है तथा सेवा फिर से शुरू करता है, तो उसके लापता होने की अवधि के बीच के समय के दौरान परिवार पेंशन के रूप में भुगतान की गई राशि को तदनुसार उसके वेतन से काटा जा सकता है। इस संबंध में पेंशन विभाग के नए कार्यालय ज्ञापन का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे विशेष रूप से उन क्षेत्रों में बड़ी राहत मिलेगी।
जहां सरकारी कर्मचारियों के लापता होने की घटनाएं अधिक देखने में आती हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अपहरण के मामले सामने आए हैं और इसलिए उनमें विश्वास जगाने तथा उनके और उनके परिवार के हितों की रक्षा के लिए पेंशन नियमों में बदलाव किया गया है।
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने तलाकशुदा बेटियों और दिव्यांगों के लिए पारिवारिक पेंशन के प्रावधान में छूट, फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी की शुरुआत, बुजुर्ग पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में आसानी के लिए मोबाइल ऐप, इलेक्ट्रॉनिक पेंशन पे ऑर्डर, पेंशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डाक विभाग से सहायता आदि सहित कई क्रांतिकारी सुधार किए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मृतक सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चे को पारिवारिक पेंशन के विस्तार देने जैसे कदम या एक मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चों के लिए पारिवारिक पेंशन परिलब्धियों में एक बड़ी वृद्धि न केवल पेंशन सुधार है बल्कि ये व्यापक प्रभाव वाले सामाजिक सुधार हैं।