Listening to Music While Study Good or Bad? स्टडी करने के साथ म्यूजिक सुनना… क्या ये दोनों काम एक साथ किए जा सकते हैं? यह सवाल कई स्टूडेंट्स पूछते हैं. सवाल अच्छा है! दरअसल म्यूजिक में गजब की शक्ति है. यह हमारे दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. म्यूजिक इंसान के मूड को बेहतर बनाता है. लेकिन क्या इससे पढ़ाई में मदद मिलती है. या फिर यह हमें भटकाता यानि विचलित करता है, जिससे पढ़ाई में बाधा आती है. कई स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में किताबें पढ़ने और रिपोर्ट लिखने के दौरान हेडफोन लगाकर म्यूजिक (Study and Music) सुनते हैं. स्टडी के दौरान म्यूजिक सुनना आपके लिए फायदेमंद है या नहीं? जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़िए. इसके बाद आप अपने नतीजे पर पहुंच सकते हैं और अपने लिए सही स्ट्रैटजी (Study Tips) तय कर सकते हैं.
मूड पर गहरा प्रभाव डालता है म्यूजिक
म्यूजिक इंसान के मन को आनंदित करता है, आशावादी बनाता है और एनर्जी लेवल बढ़ाता है. इससे व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है. म्यूजिक चिंता के स्तर को कम करने के अलावा स्टूडेंट्स में विश्वास के साथ एग्जाम का सामना करने की क्षमता भी डेवलप कर सकता है. यह उदासी, इन्सोमनिया यानी नींद न आना (Insomnia), चिंता और एकाग्रता की कमी के लिए एक नेचुरल थेरपी है. पसंदीदा म्यूजिक ब्रेन के ‘फील गुड हार्मोन’ डोपामाइन (Dopamine) के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे आप अच्छा महसूस करने लगते हैं.
स्टडी में मददगार साबित हो सकता है म्यूजिक
शायद आपने मोजार्ट (Mozart) म्यूजिक के सकारात्मक प्रभावों के बारे में सुना होगा. रिसर्च बताते हैं कि मोजार्ट संगीत सुनने से इंटेलिजेंस और टेस्ट स्कोर में सुधार होता है. क्लासिकल म्यूजिक सुनने वाले स्टूडेंट्स स्टडी में बेहतर परफॉर्म करते हैं. एक अन्य रिसर्च में कहा गया कि मोजार्ट हमारे दिमाग के कुछ हिस्सों को प्रेरित करते हैं जिससे स्टूडेंट्स की मैथमेटिकल एबिलिटी बढ़ जाती है. हालांकि, बाद के कुछ रिसर्च में मोजार्ट इफेक्ट थ्योरी (Mozart effect theory) को खारिज करते हुए कहा गया कि इसका वास्तव में मैथ्स से कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि यह इंसान को बेहतर मूड में रखता है.
Success Tips: सफलता में मूड का खास रोल
किसी व्यक्ति की सफलता-असफलता के खेल में मूड बड़ी भूमिका निभाता है. बेहतर मूड में होने का मतलब है कि अधिक कठोर प्रयास करना और चुनौतीपूर्ण कार्यों में जुटे रहना. स्टडी के दौरान स्टूडेंट्स अपनी वर्किंग मेमोरी (working memory) का इस्तेमाल करते हैं. इस समय वे एक साथ कई सूचनाओं को अपने दिमाग में स्टोर करते हैं और उन्हें अपने हिसाब से डाइजेस्ट करते हैं. इसका मतलब है- म्यूजिक से अच्छा मूड बनता है और इससे मेमोरी पावर, फोकस और लॉजिकल पावर में सुधार होता है. इन सभी बातों पर व्यक्ति की सफलता निर्भर करती है.
म्यूजिक मन को डिस्ट्रैक्ट भी कर सकता है
कुछ परिस्थितियों में म्यूजिक इंसान को डिस्ट्रैक्ट भी कर सकता है. स्टडी के दौरान स्टूडेंट्स अपनी वर्किंग मेमोरी का उपयोग करते हैं. कुछ रिसर्च बताते हैं कि जब बैकग्राउंड म्यूजिक बज रहा होता है, खास तौर पर गायन के साथ म्यूजिक, तो हमारी वर्किंग मेमोरी खराब हो जाती है. जब स्टूडेंट्स गीत के बोल के साथ संगीत सुनते हैं, तो किसी कठिन टॉपिक को समझने में मुश्किल आती है. म्यूजिक उन लोगों को अधिक डिस्ट्रैक्ट करता है जो इंट्रोवर्ट (Introvert) होते हैं.
तो क्या करें? स्टडी टाइम में म्यूजिक सुनें या नहीं
यह स्टूडेंट और म्यूजिक के टाइप पर निर्भर करता है. म्यूजिक का अध्ययन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ सकता है. अगर कुछ खास बातों का ख्याल रखा जाए तो स्टडी के दौरान म्यूजिक सुनने से फायदा हो सकता है. इसलिए अपने बारे में किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले इन बातों को जानें-
मोजार्ट, विवाल्डी, बीथोवेन, डेबसी, जोहान सेबेस्टियन बाच (Johann Sebastian Bach), फ़्रेडरिक चॉपिन (Frédéric Chopin), जोसेफ हैडन आदि के म्यूजिक माइंड को रिलैक्स करते हैं.
स्टडी के दौरान फ़ास्ट व लाउड म्यूजिक से कॉम्प्रीहेंशन पावर यानि समझने की शक्ति में कमी आती है.
हिप-हॉप (hip-hop) म्यूजिक में शब्दों को रैप किया जाता है, इसमें पढ़ाई के दौरान ध्यान भटक सकता है.
अगर आप इंट्रोवर्ट है तो स्टडी के दौरान म्यूजिक न सुने.
अगर कोई म्यूजिक आपको अच्छे मूड में रखता है, तो स्टडी के दौरान सुन सकते हैं.
म्यूजिक बहुत अधिक लाउड और फ़ास्ट नहीं होना चाहिए.
पढ़ाई के दौरान म्यूजिक सुनना स्टूडेंट की आदत और सब्जेक्ट पर निर्भर करता है.
रीजनिंग (Reasoning) सॉल्व करते समय धीमा संगीत सुना जा सकता है.
लैंग्वेज या कठिन टॉपिक समझने के लिए म्यूजिक ठीक नहीं है.
मैथ्स सॉल्व करने व फोकस बढ़ाने के लिए अनुकूल बैकग्राउंड म्यूजिक सुन सकते हैं.