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Shari Baloch: कराची यूनिवर्सिटी में खुद को बम उड़ाने वाली शारी बलोच कौन और कितनी पढ़ी-लिखी थी? एक साथ उड़ाई चीन-पाकिस्तान की नींद

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पाकिस्तान की कराची यूनिवर्सिटी में आत्मघाती हमले (Karachi University Blast) को अंजाम देने वाली महिला की पहचान शारी बलोच (BLA Suicide Bomber Shari Baloch) के तौर पर हुई है. इस धमाके में तीन चीनी नागरिकों समेत चार लोगों की मौत हो गई है. महिला ने खुद को चीनी भाषा केंद्र के पास उस वक्त उड़ा लिया, जहां वहां से एक चीनी वैन गुजर रही थी. हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है. उसने कहा कि ये हमला उसकी पहली महिला फिदायीन ने किया है. बीएलए ने शारी बलोच (Chinese Killed in Karachi Blast) की तस्वीर भी जारी की है. वहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियों का कहना है कि शारी ने 2021 में दो महीने के लिए ईरान और अफगानिस्तान में बिजनेस ट्रिप की थी.

इस हमले के बाद से पाकिस्तान भी हैरानी में है. क्योंकि शारी बलोच काफी पढ़ी लिखी थी और उसके परिवार का बैकग्राउंड भी अच्छा है. पति डेंटिस्ट है, जबकि पिता सरकारी कर्मचारी रहे हैं. कराची के पुलिस प्रमुख गुलाम नबी मेमन ने पाकिस्तानी चैनल से बातचीत में कहा है, ‘हमें जानकारी मिली है कि महिला आत्मघाती हमलावर शायद यूनिवर्सिटी की छात्रा थी.’ इस हमले की एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है, जिसमें महिला हमलावर को काले रंग के बुर्के में देखा गया है. वह बम फटने से पहले एक बैग के साथ वैन के पास खड़ी थी.

बीएलए की पहली महिला आत्मघाती हमलावर

बीएलए का दावा है कि शारी संगठन की पहली महिला आत्मघाती हमलावर थी और इस हमले ने ‘बलूच प्रतिरोध के इतिहास में एक और अध्याय जोड़ दिया है.’ पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि हमलावर ने दोपहर 12:10 बजे ट्विटर पर अपने दोस्तों को गुडबाय कहा था. शारी के पति ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है. उसकी पहचान हबीतन बाशिर बलोच के तौर पर हुई है. उसने एक अज्ञात स्थान से ट्वीट कर जानकारी दी है कि उसके दो बच्चे हैं. अफगानिस्तान के पत्रकार बाशिर अहमद ग्वाख ने हबीतन के ट्वीट को शेयर किया है.

पति ने शारी बलोच के काम पर जताई खुशी

शारी बलोच के पति ने ट्वीट में लिखा है, ‘शारी जान, तुम्हारे निस्वार्थ काम से मैं अवाक हो गया हूं लेकिन मैं गर्व से झूम भी रहा हूं. महरोच और मीर हसन अब खुद पर गर्व करने वाले इंसानों की तरह बड़े होंगे, कि उनकी मां कितनी महान महिला थी. तुम हमारी जिदंगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहोगी.’ हबीतन एक डेंटिस्ट होने के साथ ही लेक्चरार भी है. ग्वाख ने आगे शारी को लेकर भी जानकारी दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ’30 साल की शारी ने दो साल पहले समूह ज्वाइन किया था और खुद को ‘अपनी कुर्बानी देने के मिशन’ के लिए समर्पित कर दिया था. उसके पास जूलॉजी में मास्टर्स की डिग्री थी और वो स्कूल में शिक्षिका के तौर पर पढ़ाते हुए खुद भी एमफिल की पढ़ाई कर रही थी.’

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