सप्ताह के आखिरी दिन बाजार (Share market updates) भारी गिरावट के साथ खुला. सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है और यह 54801 के स्तर पर है, जबकि निफ्टी 277 अंकों की गिरावट के साथ 16405 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. दरअसल बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) ने साल 2022 के लिए महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया जो पहले 5.75 फीसदी था. महंगाई में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण अमेरिकी बाजार में 5 फीसदी की भयंकर गिरावट दर्ज की गई. गुरुवार को IT हेवीवेड इंडेक्स नैसडैक 5 फीसदी, S&P 500 3.56 फीसदी, डाउ जोन्स 3.12 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ.
आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे आने वाले हैं. इसके अलावा टाटा पावर, केनरा बैंक, फेडरल बैंक के भी नतीजे आएंगे. एशियाई बाजार पर अमेरिकी वॉल स्ट्रीट में गिरावट का असर दिख रहा है और हैंगसेंग में 2.7 फीसदी, NIKKEI में 0.10 फीसदी और कोस्पी में 1.45 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. SGX निफ्टी में 1.4 फीसदी की भारी गिरावट देखी जा रही है.
निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर हुआ
शेयर बाजार पर अभी कई तरह के सेंटिमेंट का असर दिख रहा है. महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध, चीन में कोरोना के नए मामले और लॉकडाउन ने निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर कर दिया है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस बैठक में इंट्रेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की. बाजार को उम्मीद है कि जून की बैठक में इसमें 75 बेसिस प्वाइंट्स की फिर से बढ़ोतरी की जा सकती है.
महंगाई चरम पर और यह समस्या हुई गंभीर
इधर बैंक ऑफ इंग्लैंड ने साल 2022 के लिए महंगाई का लक्ष्य बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है. इससे महंगाई का अंदाजा लगाना आसान हो गया है. यह महंगाई का ही नतीजा है कि रिजर्व बैंक ने फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद अचानक से रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान किया. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की तरफ से जिस तरह अग्रेसिव एक्शन लिए जा रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि महंगाई चरम पर है और यह समस्या गंभीर हो चुकी है.
रुपए पर बढ़ा दबाव
फेडरल के एक्शन के बाद भारतीय रुपए पर दबाव है. आज यह 36 पैसे की गिरावट के साथ 76.62 के स्तर पर खुला. डॉलर में भयंकर तेजी है. दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती दिखाने वाला इंडेक्स इस समय 20 सालों के उच्चतम स्तर पर है.