खरीफ सीजन आने वाला है. देश में बेहतर मानसून की भविष्यवाणी के बाद किसानों (Farmers) के चेहरे खिले हुए हैं. केंद्र और राज्य सरकार इस सीजन में किसानों को लाभ देने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है. झारखंड में भी किसानों को लाभ देने के लिए सब्सिडी पर बीज (Seed Subsidy) दिया जा रहा है. सरकार ने राज्य के किसानो को आधे दाम पर धान के बीज देने का फैसला किया है. बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना के तहत किसानों को यह लाभ दिया जा रहा है. इसके इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 50 फीसदी के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराएं जा रहे हैं. योजना से उन छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा जो मंहगे दर पर धान के बीज खरीद पाने में असमर्थ होते हैं या उन्हें परेशानी होती है.
राज्य के वैसे किसान भाई जो बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना 2022 के तहत 50 फीसदी अनुदान पर धान के बीज लेना चाहते हैं, वो किसान अपने संबंधित जिले के कृषि विभाग या पैक्स में संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते हैं. राज्य की कृषि निदेशक निशा उरांव ने ट्वीट कर जानकारी दी की राज्य के इतिहास में पहली बार कृषि निदेशालय झारखंड द्वारा ब्लॉकचेन आधारित प्रणाली की मदद से किसानों के बीच बीज वितरण के लिए किसानों का पंजीकरण कराया जा रहा है. यह तकनीक पूर्ण पारदर्शिता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. ब्लॉकचैन आधारित तकनी बीज ट्रेसबिलिटी का बेहतर प्लेटफॉर्म है.
क्या है ब्लॉकचेन आधारित प्रणाली
ट्वीट के माध्यम से उन्होंने बताया है कि ब्लॉकचेन ट्रैकिंग प्रणाली बीज की खरीद, बीज प्रकार, गोदाम, आपूर्तिकर्ताओं का विवरण, बीज आपूर्ति, स्टॉक, गोदामों का चयन, बीज ले जाने वाले वाहन, वजन, समेत अन्य चीजों की पारदर्शी जानकारी प्रदान करेगा. साथ ही, सिस्टम के तहत पैनल में शामिल बीज आपूर्तिकर्ता प्राप्त आपूर्ति आदेश का विवरण, वेयरहाउस द्वारा जारी किए गए रसीद, आपूर्ति की स्थिति, और क्यूआर कोड सहित विभिन्न विशिष्ट पहचानकर्ताओं द्वारा बीज की आवाजाही को ट्रैक किया जा सकेगा. इससे बीज की कालाबाजारी नहीं हो सकेगी, और असली लाभुकों तक यह पहुंच पाएगा.
मई के पहले सप्ताह से शुरू होगा कार्यक्रम
इससे पहले ऑडियो संदेश जारी करते हुए झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा था कि राज्य के किसानों को सही समय पर सही बीज उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने बताया था कि मई महीने के पहले सप्ताह से खरीफ फसलों के लिए बीज का वितरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. पिछले साल भी मई महीने के पहले सप्ताह में किसानों को अनुदानित दर पर बीज बांटे गए थे. साथ ही बताया कि बीज वितरण योजना के पूरी तरह पारदर्शी और सफल बनाने के लिए इस बार कृषि विभाग द्वारा ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
किसान ट्रैक कर सकेंगे अपना बीज
इस तकनीक के माध्यम से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान भाई देख पाएंगे की उनका बीज कहां से निकला है औऱ कहा तक पहुंचा है. उन्हें यह जानकारी मिल पाएगी की उनके पास बीज कब तक पहुंच पाएगा. इस आधार पर किसान अपने खेत तैयार कर सकेंगे. साथ ही यह तकनीक यह भी सुनिश्चित करेगी की किसी भी किसानों को योजना का दोहरा लाभ नहीं मिल पाए.
योजना के तहत बीज लेने के के लिए किसानों को अपना फोन नंबर और आधार कार्ड (Aadhaar Card) पोर्टल पर अपलोड करना होगा. कृषि मंत्री ने कहा कि समय पर धान के बीज मिल जाने से किसान भाई सही समय पर धान की बुवाई कर सकेंगे. इस साल 1.25 लाख क्विंटल धान के बीज वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है.