सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को राजद्रोह कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राजद्रोह कानून के मामले में जवाब तैयार है. इसपर सीजेआई ने कहा आप जवाब दाखिल करें. फिर मेहता ने कहा कि दो दिन का समय चाहिए, क्योंकि जवाब में कुछेक बदलाव करने हैं. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) को जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दे दिया.
सुप्रीम कोर्ट आईपीसी की धारा 124 ए यानी देशद्रोह कानून (Sedition Law) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के मामले की सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट मामले में 5 मई को अंतिम सुनवाई करेगा. कोर्ट ने बीते साल भी एक सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि इस कानून को रद्द क्यों नहीं किया जा रहा है? इस कानून की संवैधानिकता पर सवाल उठाते हुए कहा जा रहा है कि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे लोगों की आवाज दबाने के लिए बनाया गया था. राजद्रोह कानून अंग्रेजों के समय में बनाया गया था.
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