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Russia-Ukraine War: रूस ने महीने भर के अंदर जर्मनी से लिया ‘बदला’, 40 राजनयिकों को किया निष्काषित

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रूस (Russia) ने जर्मनी के 40 राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है. जर्मनी (Germany) द्वारा भी इस महीने की शुरुआत में इतनी ही संख्या में रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया गया था. रूसी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने के स्पष्ट रूप से प्रतिकूल निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए जर्मन राजदूत गेजा एंड्रियास वॉन गेयर को तलब किया. मंत्रालय ने कहा कि वॉन गेयर को बताया गया कि रूस स्थित जर्मन राजनयिक (German diplomatic Staff) मिशन के 40 सदस्यों को निष्कासित किया जाएगा.

गौरतलब है कि जर्मनी ने चार अप्रैल को 40 रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा की थी. जर्मनी की तरफ से इन राजनयिकों को वहां आने से मना कर दिया गया था. जर्मनी द्वारा यह कार्रवाई यूक्रेन के बूचा में रूसी सैनिकों द्वारा किए गए ‘नरसंहार’ की प्रतिक्रिया में की गई थी. इससे पहले इटली ने भी सुरक्षा चिंताओं के कारण 30 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.

जर्मनी के फैसले पर क्रेमलिन ने क्या कहा था

कई यूरोपीय देशों द्वारा राजनयिकों के निष्कासन पर रूस ने कहा था कि वह भी जवाबी कदम उठाएगा तथा इससे अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिल होंगे. जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन उन देशों में शामिल हैं, जो रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर चुके हैं. इस पर रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘हम इसे नकारात्मक रूप से देखते हैं. हमें अफसोस है कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में राजनयिक संवाद के माध्यम को सीमित किया जा रहा है.’

जर्मनी के विदेश मंत्री ने की फैसले की निंदा

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने रूस की इस घोषणा की जमकर निंदा की है. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में 40 रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा पर कहा कि निष्काषित रूसी रूसी कर्मचारी राजनयिकों के बजाय जासूस थे. उन्होंने कहा कि हमें आज हुए फैसले की उम्मीद थी, लेकिन यह किसी भी सूरत में उचित कदम नहीं है. उनके मुताबिक, रूस द्वारा निष्कासित किए गए लोगों ने कुछ भी गलत नहीं किया था.

रूसी कब्जे के दौरान यूक्रेन के बुचा शहर में सामूहिक कब्रें मिलने और नागरिक हत्याओं की रिपोर्ट के बाद रूसी राजनयिकों को निष्काषित करने में जर्मनी कई यूरोपीय देशों में से एक था. रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन में हजारों सैनिकों को भेजा, जिसे उसने अपनी सैन्य क्षमताओं को नीचा दिखाने और खतरनाक राष्ट्रवादियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ‘विशेष अभियान’ कहा.

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