City Headlines

Home Uncategorized Russia Ukraine war: प्लांट में फंसे सैनिक की आपबीती- “अगर खाना खत्म हो जाता तो हम पक्षियों को पकड़ते”

Russia Ukraine war: प्लांट में फंसे सैनिक की आपबीती- “अगर खाना खत्म हो जाता तो हम पक्षियों को पकड़ते”

by

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई (Russia Ukraine war) खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और अब जंग 10वें हफ्ते में प्रवेश कर गई है. लंबे समय से जारी युद्ध की वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और आम जनजीवन (disturb life) बुरी तरह से ध्वस्त हो गया है. युद्धग्रस्त यूक्रेन में कई जगहों पर लोग फंसे हुए हैं. इस बीच यूक्रेन के लड़ाके एक स्टील प्लांट (Azovstal steel plant) में बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए थे, वहां से निकाले गए एक सैनिक का कहना है कि हालात बेहद खराब हो गए थे, अगर उनके पास भोजन खत्म हो जाता तो वे चिड़ियों को पकड़ना शुरू करते.

प्लांट में एक कप्तान के अनुसार, मारियुपोल में अजोवस्टल स्टील प्लांट में शरण लेने वाले नागरिकों और यूक्रेनी बलों को “नॉनस्टॉप” बमबारी का सामना करना पड़ रहा है, जरूरी चीजों की आपूर्ति कम हो गई है ऐसे में इन लोगों को निकालने की कोशिशें शुरू की गईं. यूक्रेनी आज़ोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर शिवतोस्लाव पालमार ने कहा, “हमले लगातार चल रहे हैं, यह टैंक आर्टिलरी, वॉली आर्टिलरी के जरिए हो रहा है, और हर तीन से पांच मिनट में हवाई बमबारी हो रही है.” उन्होंने कहा, “अभी भी नागरिक प्लांट में शरण लिए हुए हैं, और फिर भी दुश्मन की ओर से बमबारी लगातार जारी है.”

नहीं पता कितना सामान बचाः पालमार

जरूरी चीजों के बारे में पालमार ने कहा, “मैं आपको यह निश्चित रूप से नहीं बता सकता कि कितने दिनों के लिए बेहद जरूरी चीजें बची है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम बचत कर रहे हैं, हालांकि पानी और भोजन तथा विशेष रूप से गोला-बारूद के बिना बहुत भयभीत हैं.” उन्होंने कहा कि रेजिमेंट “नागरिकों के साथ हमारे पास जो कुछ भी है” साझा कर रही है.

उन्होंने यह भी कहा, “अगर सबसे खराब स्थिति आती और हमें भोजन के लिए निकलना पड़ता तो हम पक्षियों को पकड़ लेते. हम सब कुछ करने के लिए दृढ़ थे.”

दूसरी ओर, मारियुपोल की घेराबंदी से बच निकले लोगों ने यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में सोमवार को पहुंचने के बाद हफ्तों तक हुई बमबारी और क्षति का वर्णन किया, जहां राहत कर्मी एक स्टील प्लांट से मुक्त किए गए नागरिकों के इस पहले समूह की प्रतीक्षा कर रहे थे. यूक्रेन के बलों द्वारा रविवार को ऑनलाइन जारी वीडियो में बुजुर्ग महिलाओं और छोटे बच्चों वाली माताओं को अजोवस्ताल स्टील प्लांट से निकलकर मलबे के ढेर पर चढ़ते हुए और फिर एक बस में सवार होते हुए देखा गया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार प्लांट से 100 से अधिक नागरिक सोमवार को मारियुपोल के उत्तर पश्चिम में करीब 140 किलोमीटर दूर जापोरिज्जिया पहुंच सकते हैं.

अगर यह निकासी अभियान सफल हुआ तो करीब 10 सप्ताह से चल रहे युद्ध में मानव जाति को बचाने में दुर्लभ प्रगति को प्रदर्शित करेगा जो मारियुपोल में खासतौर पर प्रभावित हुई है. सी ऑफ अजोव और अन्य स्थानों पर सुरक्षित गलियारे खोलने के पहले किये गये प्रयास सफल नहीं हो सके. पहले रूस के कब्जे वाले इलाकों से निकलने की कोशिश करने वाले लोगों ने अपने वाहनों पर गोलीबारी किये जाने का आरोप लगाया था. यूक्रेन के अधिकारी भी बार-बार रूस की सेना पर उन इलाकों पर गोलाबारी करने का आरोप लगाते रहे हैं जहां सुरक्षित निकासी मार्ग बनाने पर सहमति बनी थी.

जेलेंस्की ने रविवार को अपने टेलीग्राम मैसेजिंग चैनल पर प्रसारित पूर्व में ही रिकॉर्ड किए गए भाषण में कहा, “आज, जंग के इतने दिनों में पहली बार इस बहुत जरूरी ग्रीन कॉरिडोर ने काम करना शुरू किया है.”

रूस पर बलपूर्वक निकालने का आरोप

प्लांट से निकाले गए कुछ लोगों को संभवत: मॉस्को समर्थित अलगाववादियों के नियंत्रण वाले एक गांव में ले जाया गया है, हालांकि रूस के सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि अगर वे चाहें तो उन्हें यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में ही रहने की अनुमति दी जाएगी.

यूक्रेन के अधिकारियों ने अतीत में मॉस्को के सैनिकों पर नागरिकों को उन इलाकों से बलपूर्वक निकालने का आरोप लगाया जिन पर रूस का कब्जा हो गया है, वहीं मॉस्को ने कहा कि लोग रूस जाना चाहते थे. आधिकारिक रूप से निकासी के लिए किए गए प्रयास सफल नहीं हुए हैं, लेकिन कई लोग पिछले कुछ सप्ताहों में खुद से मारियुपोल छोड़कर जा चुके हैं. कुछ लोग इसमें सफल नहीं रहे.

इस्पात संयंत्र में एक यूक्रेनी अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं से जख्मी लड़ाकों को निकालने का आग्रह किया है. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ घायलों तक पहुंचना मुश्किल है.

इनपुट- भाषा और एजेंसी

Leave a Comment