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Russia-Ukraine War: नई दिल्ली में सोमवार से शुरू हुआ रायसीना डायलॉग, यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग का हल निकलने की उम्मीद

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आज यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच जारी जंग का 61वां दिन है. आज भी यूक्रेन के बैटलजोन में दोनों तरफ से बारूद का बवंडर उठा, लेकिन युद्ध, विनाश और तबाही के बीच एक जगह ऐसी भी है जहां दुनिया टकटकी लगाकर देख रही है और ये जगह है भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi). सोमवार को पीएम मोदी ने रायसीना डायलॉग 2022 का उद्घाटन किया. 25 अप्रैल से अगले 3 दिन तक नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग चलेगा. इस मेगाइवेंट की चीफ गेस्ट हैं यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट वॉन डेर लेयेन. ये रायसीना डायलॉग का सातवां एडिशन है, लेकिन इस बार ये बेहद स्पेशल है क्योंकि मुमकिन है कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग का हल इसी रायसीना डायलॉग से निकल जाए.

हम आपको रायसीना डायलॉग की पूरी हिस्ट्री और दुनिया पर इसका इम्पैक्ट बताएंगे. लेकिन सबसे पहले आपको ये समझाते हैं कि आखिर क्यों रायसीना डायलॉग से भारत ने अमन और तरक्की के दुश्मनों की नींद उड़ा दी है. इस रायसीना डायलॉग की 5 बड़ी बातें अगर आप समझ गए तो आप ये भी समझ जाएंगे कि संकट के इस दौर में भारत दुनिया की उम्मीद कैसे बन गया है. पहली बड़ी बात- रायसीना संवाद से यूक्रेन वॉर का हल निकालने की कोशिश. दूसरी बड़ी बात- इंडो-पैसिफिक में चीन की दादागीरी के खिलाफ विश्व को एकजुट करना. तीसरी बड़ी बात- यूरोपीय संघ के साथ भारत के नए व्यापारिक-आर्थिक रिश्ते होंगे कायम. चौथी बड़ी बात- क्लाइमेट चेंज के खिलाफ यूरोप को चाहिए एशिया का साथ. पांचवीं बड़ी बात- 5G,सेमीकंडक्टर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विवाद खत्म करना.

पूरे यूरोप के लिए बड़ा खतरा है यूक्रेन पर हमला- वॉन डेर लेयेन

रायसीना डायलॉग 2022 के ओपनिंग डे पर यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट वॉन डेर लेयेन ने रूस का यूक्रेन पर हमला पूरे यूरोप के लिए बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी आंखों से बूचा में बिखरी लाशें देखी हैं. साथ ही कहा कि रूस और चीन के बीच ‘अघोषित समझौता’ है. उन्होंने कहा कि चीन की भूमिका पर यूरोप की बारीक नजर है. फरवरी में रूस-चीन के बीच समझौता हुआ और फिर इसके बाद यूक्रेन पर हमला हुआ.

वहीं महासंकट में भारत ग्लोबल लीडर बना है. 20 मार्च 2022 को अमेरिका की नामी एजेंसी ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकर मार्निंग कंसल्ट ने मोदी का लोहा माना. 77 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ मोदी सबसे लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्ष बने. 20 मार्च 2022 को ही पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने माना कि भारत की विदेश नीति सबसे सॉलिड है. वहीं 1 अप्रैल 2022 को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने माना कि भारत की विदेश नीति पर बाहरी पश्चिमी देशों का दबाव भी असर नहीं करता. 21 अप्रैल 2022 को ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भारत दौरे पर आए और कहा कि भारत विरोधी संगठनों के लिए हमने एंटी-एक्सट्रीमिस्ट टास्क फोर्स बनाई है.

वहीं 24 मई 2022 को क्वाड की होने वाली मीटिंग में नरेंद्र मोदी से जापान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मिलना चाहते हैं. दरअसल रूस के खिलाफ अमेरिका भारत का समर्थन चाहता है. इस वक्त भारत में दुनिया के तमाम दिग्गज जुटे हैं. भारत में रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने का फॉर्मूला खोजा जा रहा है, लेकिन इस वक्त भी बैटल ग्राउंड में ताबड़तोड़ गोले बरस रहे हैं और आज पुतिन की सेना ने पांच ऐसी मिसाइलें भी दागी हैं, जिनका असर और संदेश दोनों ही बड़ा है.

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