यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia-Ukraine Crisis) से वापस अपने वतन आए मेडिकल छात्रों (Indian Medical Students) को यूक्रेन के शिक्षक आज भी ऑनलाइन क्लासेस दे रहे हैं (Online Classes from Ukraine). शिक्षक खौफ के साए में हैं लेकिन फिर भी वह अपना फर्ज निभा रहे है. यूक्रेन में मिसाइल और एयर स्ट्राइक के धमाकों की गूंज के बाद तमाम अन्य छात्रों की तरह बांदा (Banda) के छात्र तो निकल आए हैं लेकिन वहां शिक्षक आज भी इन बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज दे रहे हैं. रानीपुर गांव के रहने वाले मनीष शुक्ला का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं, युद्ध की विभीषिका एलरट सायरन लगे होते हैं शिक्षक बंकर में चले जाते हैं. एमबीबीएस कर रहे बांदा के तीन छात्रों ने भी भारत सरकार (Indian Government) से मांग की है कि कोई ऐसी व्यवस्था कराएं जिससे हम लोगों का भविष्य एक सही रास्ते पर चल सके.
बिसंडा निवासी छात्र नीरज गुप्ता ने बताया कि टीचर अभी ऑनलाइन क्लासेज तो ले रहे हैं लेकिन ऑफलाइन क्लासेस का अभी कुछ पता नहीं है. इसी तरह शहर के अलीगंज मोहल्ला निवासी महेंद्र ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस चल रही है प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं लेकिन वहां स्थिति बहुत खराब है. हम जहां रहते थे वहां से खबर आ रही है कि सब कुछ तहस-नहस हो चुका है और हम अगर हमें वापिस जाना पड़ा तो वहां पर रहने खाने का प्रबंध ही नहीं रहेगा तो हम क्या करेंगे.
कब कितनी देर में बमबारी शुरू हो जाए कुछ पता नहीं
क्रीम से मेडिकल की पढ़ाई कर रही नगर छावनी मोहल्ले निवासी अलीशा भी भारत में रह कर ऑनलाइन पढ़ाई कर रही है. इसके पिता रफीक मंसूरी ने बताया कि हमारा भारत सरकार से निवेदन है कि बच्चों के भविष्य के बारे में कुछ अल्टरनेट व्यवस्था करें जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में ना हो. यह सच है कि यूक्रेन देश के शिक्षक युद्ध चलने के बावजूद ऑनलाइन क्लासेज दे रहे है, पर वह आज पढ़ा रहे हैं कल का पता नहीं है क्योंकि कब कितनी देर में बमबारी शुरू हो जाए कुछ पता नहीं ऐसे में भारत सरकार को इस ओर सोचना चाहिए. परिजनों का कहना है कि बच्चे जो एमबीबीएस कर रहे हैं वह अपने भविष्य को लेकर जिस कदर चिंतित हैं उससे कुछ छात्र छात्राएं डिप्रेशन में चले गए हैं. मां-बाप परेशान हो गए हैं. कुछ के मां बाप ने आत्महत्या कर ली है. समस्या को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है कि हमारे बच्चों के बारे में कुछ सोचें.
छात्रों के परिजनों को PM मोदी से आस
यूक्रेन में पढ़ा रहे बच्चों के अभिभावक का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री भारत सरकार नरेंद्र मोदी बहुत बहादुर है जब हमारे बच्चों के प्राण संकट में थे उस समय प्रधानमंत्री जी ने यूक्रेन और रूस दोनों देशों के युद्ध के दौरान बात करके अपने बच्चों को भारत का झंडा लगाकर बॉर्डर के देशों तक पहुंचाया. लेकिन अब आगे इन बच्चों के भविष्य का सवाल है. इसलिए इस पर भी ध्यान देना चाहिए और इसका कुछ हल निकालना चाहिए.