लखनऊ। खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि रमजान का चांद हो गया है। पहला रोजा मंगलवार को रखा जाएगा। मौलाना सैफ अब्बास नकवी और इदारा शरिया हिलाल कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने भी रमजान के चांद होने का एलान किया।
रमजान-उल-मुबारक का चांद होने का एलान होते ही सोमवार शाम को शहर का मिजाज भी बदल गया। इबादत के लिए मस्जिदें गुलजार हो गईं। राजधानी में मुसलमानों ने मस्जिदों और इबादतगाहों में तरावीह की नमाज जमात के साथ अदा की। एक-दूसरे को चांद दिखने की मुबारकबाद दी। पहला रोजा मंगलवार को रखा जाएगा।
इस्लामिक माह शाबान की 29 तारीख सोमवार को रमजान-उल-मुबारक का चांद देखने के लिए हर कोई बेकरार था। मरकजी चांद कमेटी ने चांद दिखने का एलान किया। कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि रमजान का चांद हो गया है। पहला रोजा मंगलवार को रखा जाएगा। वहीं शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी और इदारा शरिया हिलाल कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने भी रमजान के चांद होने का एलान किया।
फिजा में गूंजती रही कुरान की तिलावत
रमजान का चांद दिखने के बाद अलग-अलग मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गई। ऐशबाग ईदगाह, नदवा, शाहमीना शाह दरगाह, चौक सब्जी मंडी, डालीगंज अमीर खां मस्जिद, इरादत नगर मदार बख्श मस्जिद, लाहौरगंज, माल एवेन्यू स्थित दादा मियां दरगाह, कासिम शहीद बाबा दरगाह, बड़ा चांदगंज, खदरा, निशातगंज, हुसैनाबाद, अमीनाबाद, मौलवीगंज, नक्खास सहित पूरे शहर की मस्जिदों में देर रात तक तरावीह की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई।
बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
बाजारों में भी रमजान की रौनक सोमवार से ही छा गई। किसी ने रोजा इफ्तार तो किसी ने सहरी की तैयारी के सामान की खरीदारी की। दुकानदारों ने भी रोजेदारों के लिए विशेष सुविधाएं की हैं। इफ्तार में लोग पापड़, चिप्स और काबुली चने जैसीं चीजे ज्यादा पसंद करते हैं। इसे देखते हुए बाजार भी कई वैराइटी के चिप्स से सज गए।
अखिलेश ने रमजान की बधाई दी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देशवासियों को रमजान पर्व की बधाई देते हुए कहा कि रमजानुल मुबारक माह में हमदर्दी और सब्र की सीख मिलती है। इस माह में अल्लाह अपनी रहमतों और बरकतों की बारिश करता है। रमजान का मकसद बुराइयों से बचना और नेकियों पर चलना भी है। इसलिए रमजान को नेकियों का मौसम-ए-बहार भी कहा जाता है। यह पैगम्बर मोहम्मद की शिक्षा और उनके संदेश को याद करने का अवसर है। उनके जीवन से समानता व भाईचारे की शिक्षा लेना और उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए।