राजस्थान के अजमेर में नवजात बच्चों की मौत के मामले के बाद प्रदेश में कोटा शहर (kota) के सरकारी अस्पताल से एक और नया विवाद जुड़ गया है. कोटा के नए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (kota hospital) में रविवार रात बिजली सप्लाई पैनल और केबल में 3 घंटे का फॉल्ट आने के बाद वेंटिलेटर पर भर्ती एक महिला की मौत का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक शाम करीब 7 बजे अचानक बिजली लाइन में फाल्ट आने के बाद अस्पताल की लाइट (hospital power cut) गुल हो गई जिसके बाद अस्पताल (government hospital) में भर्ती मरीजों को गर्मी का सामना करना पड़ा. वहीं वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को बैकअप दिया गया लेकिन बैटरी खत्म होने के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया. बताया जा रहा है कि अस्पताल 3 घंटे तक अंधेरे के साये में रहा. अस्पताल में लाइट जाने के दौरान वेंटिलेटर पर भर्ती महिला 65 वर्षीय नंदू भाई की मौत (oxygen supply) मामले में डॉक्टरों और स्टॉफ का मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया. इस दौरान अस्पताल में करीब 300 मरीज भर्ती थे.
मृतका नंदू की बेटी मधु मौर्य ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि करीब 3 घण्टे तक लाइट की कोई व्यवस्था नहीं की गई जिससे उसकी मां को नहीं बचाया जा सका. बता दें कि मृतका नंदू बाई रावतभाटा की रहने वाली थी जिन्हें घटना के दिन ही सुबह करीब 10 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
कोटा अस्पताल में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण मेरी मां की मृत्यु हुई है, अस्पताल ने मेरी मां के इलाज में लापरवाही की है…: कोटा अस्पताल में बिजली उपलब्ध नहीं होने के कारण अपनी मां की मृत्यु पर उनकी बेटी मधु, कोटा, राजस्थान
(1 व 2 तस्वीरें वायरल वीडियो से हैं।) pic.twitter.com/R54G5YBcj9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 26, 2022
ऑक्सीजन सप्लाई रूकने से महिला की मौत : परिजन
वहीं अस्पताल में लाइट जाने के बाद यहां डॉक्टरों और स्टॉफ ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कई मरीजों को संभाला. डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की मदद से नंदू देवी को सीपीआर किया और एंबू बैग से सप्लाई भी दी लेकिन महिला ने दम तोड़ दिया. मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से मौत हुई है.
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है. बता दें कि कोटा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में लाइट जाने के बाद 11 बजे तक फिर से सप्लाई शुरू की गई इस दौरान सर्जिकल आईसीयू , इमरजेंसी और कोविड-19 वार्ड की बिजली भी बंद रही.
महिला गंभीर बीमार थी : अस्पताल
वहीं अस्पताल प्रशासन पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर सुशील ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि महिला की मौत बिजली बंद होने से नहीं हुई है. अधीक्षक के मुताबिक महिला को सुबह जब अस्पताल लाया गया तब ही वह सीरियस थी और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. वहीं बिजली बाधित होने को लेकर डॉक्टर सुशील ने बताया कि लाइन पूरी फॉल्ट हो गई थी और रविवार होने के चलते तुरंत लाइट की व्यवस्था करना संभव नहीं था, हालांकि मैंने लाइट सप्लाई चालू करने के लिए केबल की व्यवस्था की और जल्दी से जल्दी सप्लाई शुरू करवाई.
वहीं टॉर्च से इलाज करने को लेकर अधीक्षक ने कहा कि हमनें लाइट जाने के बाद भी गंभीर मरीजों को नहीं छोड़ा और टॉर्च की मदद से जितना हो सका उतनी कोशिश कर महिला को बचाने की कोशिश की और एंबू बैग की मदद से बचाने का प्रयास किया.
इधर मामले पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि कोटा अस्पताल में अचानक ओवर वोल्टेज के कारण केबल फॉल्ट हुआ, जिसके कारण लंबे समय तक बिजली गुल रही. मीणा के मुताबिक डॉक्टरों का कहना है कि महिला की मृत्यु गंभीर बीमारी के कारण हुई है.