महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray MNS) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. 1 मई को औरंगाबाद की रैली में भड़काऊ भाषण को लेकर केस दर्ज किया गया है. औरंगाबाद सिटी चौक पुलिस स्टेशन (Aurangabad Police) में केस दर्ज किया गया है. राज ठाकरे ने औरंगाबाद की रैली में अपना अल्टीमेटम दोहराते हुए कहा था कि अगर तीन तारीख के बाद भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर (Maharashtra loudspeaker controversy) नहीं उतारे गए तो जगह-जगह एमएनएस कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक सभा आयोजित करने से पहले राज ठाकरे को परमिशन देते वक्त जो 16 शर्तें बताई गई थीं, उनमें से 12 शर्तों का उल्लंघन हुआ है. एमएनएस नेता अविनाश जाधव ने हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी से बात करते हुए कहा कि इसकी आशंका पहले से ही थी. राज ठाकरे की गिरफ्तारी की यह तैयारी का पहला कदम है.
राज ठाकरे पर आईपीसी की धारा 153-A के तहत केस दर्ज किया गया है. यानी भड़काऊ भाषण के मामले में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा आईपीसी की 116, 117 और 1973 की उप धारा 135 भी लगाई गई हैं. समाज में तनाव पैदा करने के लिए भड़काऊ भाषण करने के आरोप में ये धाराएं लगाई गई हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस कानून 1951 के तहत भी केस दर्ज किया गया है. धारा 153-A के तहत केस नॉन बेलेबल ऑफेंस यानी गैर जमानती होता है. राज ठाकरे के अलावा राजीव जवड़ेकर और अन्य आयोजकों पर भी केस दर्ज किया गया है.
मुंबई पुलिस आयुक्त ने MNS के चार नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया
इस बीच मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने एमएनएस के चार पदाधिकारियों को मीटिंग करने के लिए बुलाया है. राज ठाकरे के अल्टीमेटम को ध्यान में रखते हुए एमएनएस के आगे के प्लान को लेकर चर्चा की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकिन कानून व्यवस्था से संबंधित संभावित गड़बड़ियों को लेकर पुलिस अपनी तैयारी दुरुस्त कर सके.
4 मई के अल्टीमेटम को लेकर पुलिस नोटिस देने जाएगी राज ठाकरे के घर
इस बीच हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि राज ठाकरे के 4 मई के अल्टीमेटम को लेकर पुलिस नोटिस देने राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पर जा सकती है और कानून-व्यवस्था से जुड़ी गड़बड़ियां पैदा ना हो, इसकी उन्हें हिदायत दी जा सकती है. इसके संबंध में मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के ऑफिस में एक अहम बैठक शुरू है. इस बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील भी मौजूद हैं.
केस दर्ज होने के बाद, MNS प्रवक्ता ने की TV9 भारतवर्ष डिजिटल से बात
राज ठाकरे पर केस दर्ज होने के बाद एमएनएस प्रवक्ता संदीप देशपांडे (Sandeep Deshpande MNS) ने TV9 भारतवर्ष डिजिटल से बात करते हुए कहा कि ठाकरे सरकार की यह कार्रवाई हम पर दबाव डालने की कोशिश है. लेकिन इन बातों से एमएनएस कार्यकर्ता और नेता डरने वाले नहीं हैं. उनके लिए राज ठाकरे का आदेश ही सब कुछ है और आगे भी राज साहेब का जो आदेश होगा, वो हमारे सर माथे पर होगा.
‘राज ठाकरे की सभा में जुटने लगी भीड़ तो ठाकरे सरकार हुई अस्थिर’
बीजपी नेता और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राज ठाकरे पर कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि राज ठाकरे की सभा में जो भीड़ जुट रही थी, उससे ठाकरे सरकार घबरा गई. यह राजनीतिक बदले के मकसद से की गई कार्रवाई की गई है. राज्य में अघोषित रूप से इमरजेंसी लागू है. सरकार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएगा उसे पूरी ताकत से कुचला जाएगा. प्रवीण दरेकर ने कहा कि लोकतंत्र जनता के काम के लिए होता है, मनमानी कारभार करने के लिए नहीं. यह सरकार अहंकार से भरी हुई है. एक तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल नहीं कर रही है और अगर कोई इसका विरोध करता है, लोकतांत्रिका अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आंदोलन करता है तो ठाकरे सरकार दमन की नीति अपनाती है. सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है राज हमारा है, पुलिस हमारी है. हम इसका अपनी मर्जी से इस्तेमाल करेंगे.’