महाराष्ट्र नवनिर्माण प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray MNS) को मुंबई पुलिस (Mumbai Police Notice) की ओर से नोटिस भेजा गया है. सीआरपीसी की धारा 149 के तहत प्रतिबंधात्म कार्रवाई (Preventive Measures) के तौर पर यह नोटिस भेजा गया है. कानून व्यवस्था में गड़बड़ियों को रोकने के लिए राज ठाकरे को मुंबई पुलिस ने यह नोटिस भेजा है. इस नोटिस के तहत संबंधित व्यक्ति को यह हिदायत दी जाती है कि कि वह ऐसा कोई काम ना करे, जिससे कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था भंग हो, अन्यथा कार्रवाई करने की चेतावनी दी जाती है. राज ठाकरे ने मंगलवार शाम को अपने अल्टीमेटम पर कायम रहते हुए देश भर के हिंदुओं से यह अपील की कि कल (4 मई, बुधवार) से जहां-जहां मस्जिदों से लाउडस्पीकर (Loudspeaker) में अजान सुनाई दे, वहां-वहां दुगुनी आवाज में जाकर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ पढ़ें.
राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद की रैली में यह अल्टीमेटम दिया था कि अगर 3 मई के बाद भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे जाते हैं तो एमएनएस कार्यकर्ता जगह-जगह मस्जिदों के सामने दुगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. इसके बाद 3 मई की शाम को राज ठाकरे ने घोषणा कर दी कि कल से जहां-जहां मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान होती हुई सुनाई दे, वहां-वहां दुगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए. इसके बाद मुंबई पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए सीआरपीसी की धारा 149 के तहत राज ठाकरे पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की और नोटिस थमा दिया. यानी कल कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होगी तो राज ठाकरे कार्रवाई भोगने के लिए तैयार रहें.
राज ठाकरे पीछे हटने को तैयार नहीं, जहां-जहां लाउडस्पीकर, हनुमान चालीसा पाठ होगा वहीं
राज ठाकरे ने एक तमाम हिंदुओं के नाम एक पत्र लिख कर एमएनएस कार्यकर्ताओं और जनता से लाउडस्पीकर के विरोध में आंदोलन और तेज करने की अपील की है. उन्होंने पत्र लिख कर कहा है कि जहां अनधिकृत लाउडस्पीकर दिखाई दे वहां दुगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करें. उन्हें यह एहसास होने दें कि तकलीफ और परेशानी किसे कहते हैं. राज ठाकरे ने आगे कहा हे कि लाउडस्पीकर से जैसे ही अजान सुनाई दे, पुलिस को फोन कर शिकायत करें.
राज ठाकरे ने अपने पत्र के माध्यम से देश भर के हिंदुओं को यह संदेश दिया है कि बालासाहेब ठाकरे ने भी लाउडस्पीकर उतारने के लिए कहा था. राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवाल किया है कि बालासाहेब ठाकरे की सुनेंगे या शरद पवार की सुनेंगे?