पिछले कई वर्षों से बड़े पैमाने पर एक गोपनीय सर्वे चल रहा है. इसका उद्देश्य देश भर के लोगों के आईक्यू (IQ) पर डाटा एकत्र करना है, हालांकि वे नहीं जानते कि वे इस लॉन्ग-टर्म सर्वे में भाग ले रहे हैं. इरादा है, सोशल मीडिया और मैसेंजर ऐप्स के जरिए अविश्वसनीय-अकल्पनीय नॉन-फ़ैक्टॉइड (non-factoids) यानि असत्यापित सूचनाओं को अधिक से अधिक फैलाना और देखना कि कितने लोग भ्रमित होकर इसे सही मान लेते हैं. फैक्ट-चेकर (Fact-Checker) वेबसाइटों पर प्रश्न पत्र अक्सर जल्द ही लीक हो जाते हैं, लेकिन यह सर्वे डिजाइन का हिस्सा है. कितने लोग यह मानने के लिए तैयार हैं कि यूनेस्को (UNESCO) सर्वश्रेष्ठ एंथम (Anthem) के लिए पुरस्कार देता है, और इससे आगे, फैक्ट-चेक द्वारा अलर्ट किए जाने के बाद भी कितने लोग इसे सही मानने को तैयार हैं.
दिलचस्प है कि डेटासेट को पार्टी-वाइज संकलित किया जा रहा है, यानी बीजेपी समर्थकों के लिए एक औसत आईक्यू आंकड़ा है, दूसरा आप समर्थकों के लिए और इसी तरह अन्य पार्टियों के लिए भी. हालांकि इसके नतीजे दिलचस्प होते हैं, लेकिन अनुमान से परे नहीं. वैसे भी नेपाल में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति इस अभूतपूर्व राष्ट्रव्यापी कॉन्फिडेंशियल प्रोग्राम में सबसे नया है. अनौपचारिक पोशाक में राहुल को एक पब में देखा गया. जैसे ही इसका वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, बीजेपी ने इसका मजाक उड़ाया और कांग्रेस पार्टी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक दोस्त के विवाह समारोह में शामिल हो रहे थे.
एक नेपाली महिला को चीनी महिला में बदल दिया गया
इसमें कुछ भी गलत नहीं है, सभी राजनीतिक नेता ऐसे ही निजी कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. बात वहीं खत्म हो जानी चाहिए थी. लेकिन जल्द ही एक मैसेज वायरल होने लगा कि उनके बगल में खड़ी महिला नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी (Hou Yanqi) थी. यह काफी गंभीर लगता है. हमारे देश के विपक्ष के वर्चुअल लीडर एक ऐसे देश के राजनयिक के साथ मेलजोल बढ़ा रहे हैं जिससे हमारा वर्चुअल वॉर चल रहा है. कुछ लोगों ने गुस्से में भारत सरकार से जांच की मांग की है, कुछ उन पॉइंट्स को उठाने लगे जिससे यह बड़ी साजिश प्रतीत हो – नेहरू “ब्रिटिश एजेंट” के साथ, जैसे राजीव “केजीएफ (KGF) एजेंट” के साथ वैसे सोनिया और राहुल नेपाल में एक “चीनी एजेंट” के साथ. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इंदिरा को क्यों छोड़ दिया गया, या केजीएफ क्या है.
यह अलग बात है कि वह महिला चीनी राजदूत (Chinese envoy) नहीं है. उनकी पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन चीन की राजदूत की तुलना में पार्टी में मौजूद किसी नेपाली महिला अतिथि के होने की अधिक संभावना है. यह किशोर नस्लीय रूढ़िवादिता (juvenile racial stereotyping) का मामला है जिसने एक नेपाली महिला को चीनी महिला में बदल दिया है. भले ही वह होउ यांकी (Hou Yanqi) थीं, अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ मेलजोल करना कोई अपराध नहीं है. यह तब भी नहीं है जब नदी किनारे चीन के टॉप लीडर के साथ मेलजोल बढ़ाने को एक यादगार अवसर के रूप में गिना जाता है.
कांग्रेस समर्थक या कोई स्वतंत्र टिप्पणीकार भी शादी के निमंत्रण को स्वीकार करने का निर्णय लेने में राहुल की समझदारी पर सवाल उठा सकता है. शादियों और अन्य निजी समारोहों में शामिल होना पूरी तरह से तब तक ठीक है जब नेता मंच पर कदम रखते हैं, जोड़े को आशीर्वाद देते हैं और एक ग्रुप फोटो खिंचवाते हैं. तब नहीं जब वे किसी पब, ‘नाइट क्लब’ या गुलाबी रोशनी वाले होटल में जाते हैं, जब वे टी-शर्ट और जींस पहने होते हैं, और थिरकने के लिए तैयार लगते हैं. ऐसे मामलों में सामने रखी शराब की बोतलें भी मदद नहीं करती हैं.
देश उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है
देश ख़ास तौर से उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है. एक निर्दलीय विधायक हैं, जिन्होंने कथित रूप से फर्जीवाड़े के आरोप में जेल में समय बिताया है और अब चुनावी मैदान में वापस आ गए हैं. वे अगले चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य में लोगों को लामबंद करने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में व्यस्त हैं. अपने पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र में राहुल को हराने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) केरल में राहुल की इज्ज़त बचाने वाले निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रही हैं.
उनकी पार्टी के शासन वाले इकलौते राज्य राजस्थान में संकट गहराता जा रहा है. लेकिन पार्टी के भावी अध्यक्ष, सबसे पुरानी पार्टी के निर्विरोध नेता मौज-मस्ती करने में व्यस्त हैं. वह निश्चित रूप से 24×7 नेता के रूप में सामने नहीं आते हैं, जिनके लिए विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दे इतने आवश्यक हैं कि उनके पास ब्रेक के लिए समय नहीं है. इसके बजाय इस फ़्रीक्वेंट-फ़्लायर हॉलिडेमेकर (frequent-flyer holidaymaker) के लिए नेपाल एक नया ठिकाना है.
हालांकि, यह उनका निजी जीवन है, ठीक उसी पर जैसे हर दूसरे नेता पर्सनल लाइफ में थोड़ी गोपनीयता पसंद करते हैं. इस विवाह समारोह में शामिल होने का उनका निर्णय राजनीतिक तौर पर भोला-भाला था, लेकिन यह कोई अपराध नहीं है. प्रतिद्वंद्वी पार्टी सोशल मीडिया पर उन तस्वीरों की बौछार कर सकती है जो उनके हित में हो, और वे मामले को वहीं बनाए रखने में मदद करे. इसके बजाय जिंदादिल समर्थक डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) एडमिनिस्ट्रेशन के एक अधिकारी के ‘ऑल्टरनेटिव फैक्ट्स’ की तर्ज़ पर वाइल्ड कांस्पीरेसी गढ़ रहे हैं.
यदि उनके पास राहुल के खिलाफ और अधिक ठोस आरोप होते तो ऐसा प्रतीत होता है कि वे बीजेपी समर्थकों के लिए आईक्यू टेस्ट की सीरीज में इस नवीनतम के बजाय अल्टरनेटिव फैक्ट्स को पसंद करते. महात्मा गांधी को छोड़कर लगभग सभी नेताओं के राजनीतिक विचारों और व्यक्तिगत जीवन के बीच बेहद बारीक़ संबंध हैं. राहुल के मामले में उनकी जीवन शैली पर अजीब तरीके से फोकस करना राजनीतिक संवाद के स्तर को और छोटा कर रहा है और यह भी साबित करता है कि उनकी राजनीति के बारे में बहस के लायक कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)