रविवार को उत्तर-पश्चिमी भारत में रह रहे लोगों को बारिश ने भीषण गर्मी से राहत दी. पश्चिम विक्षोभ के कारण दक्षिण हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में रविवार दोपहर को बारिश (Rain) होने से लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली. इससे अब और राज्यों में भी बारिश की संभावना बढ़ गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर और मध्य भारत में 3 मई के बाद लू की गंभीरता कम होने की उम्मीद जताई है. इससे निश्चित तौर पर देशभर में जारी बिजली संकट (Power Crisis) कम हो सकता है. मौसम विभाग ने 4 मई तक उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में गरज के साथ बारिश की भी भविष्यवाणी की है, जिससे बिजली की बढ़ती मांग को कम करने में भी मदद मिल सकती है.
बता दें कि रविवार को भारत की सबसे अधिक बिजली की मांग 200 गीगावाट (GW) से कम रही, हालांकि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने संख्या जारी नहीं की. बिजली की रिकॉर्ड मांग शनिवार को मामूली रूप से गिरकर 207.11 गीगावॉट से 203.94 गीगावॉट हो गई. गौरतलब है कि देश में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आयातित कोयला महंगा होने के मद्देनजर ईंधन की कमी से कुछ बिजलीघरों के उत्पादन पर असर पड़ा है. उत्पादन में कमी के चलते कई राज्यों में बिजली कटौती की जा रही है. इससे औद्योगिक गतिविधियों के साथ आम जनजीवन पर भी असर पड़ रहा है.
कोयले की कमी से गहराया बिजली संकट
कोयले की कमी की वजह से देश में बिजली संकट गहराने के बीच व्यस्त समय में बिजली की कमी भी बढ़ी है. पिछले सप्ताह सोमवार को बिजली की कमी जहां 5.24 गीगावॉट थी, वही गुरुवार को यह बढ़कर 10.77 गीगावॉट हो गई. राष्ट्रीय ग्रिड परिचालक, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि पिछले रविवार को व्यस्त समय में बिजली की कमी सिर्फ 2.64 गीगावॉट थी, जो सोमवार को 5.24 गीगावॉट, मंगलवार को 8.22 गीगावॉट, बुधवार को 10.29 गीगावॉट और बृहस्पतिवार को 10.77 गीगावॉट तक हो गई.
207.11 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई बिजली की मांग
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 29 अप्रैल, 2022 को अधिकतम पूरी की गई बिजली की मांग 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गई. इसके चलते शुक्रवार को बिजली की कमी घटकर 8.12 गीगावॉट रह गई. दिलचस्प तथ्य यह है कि देशभर में तेज गर्मी के बीच पिछले सप्ताह में बिजली की आपूर्ति तीन बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची. व्यस्त समय में अधिकतम पूरी गई बिजली की मांग पिछले मंगलवार को रिकॉर्ड 201.65 गीगावॉट पर पहुंच गई. यह सात जुलाई, 2021 को 200.53 गीगावॉट थी. विशेषज्ञों का कहना है कि इन आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि बिजली की मांग में तेजी आई है और कुछ ही दिनों में इसकी वजह से देश में बिजली संकट गहरा गया है.
भाषा इनपुट्स के साथ