पाकिस्तान (Pakistan) में नई सरकार तो बन गई है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को लेकर नए-नए खुलासे अब भी हो रहे हैं. सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने आरोप लगाया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान सत्ता में बने रहने के लिए इतने उतावले थे कि उन्होंने अपनी सरकार को बचाने के लिए सेना से आखिरी मिनट तक भीख मांगी थी. पाकिस्तान के 75 वर्षों के इतिहास में से आधे से अधिक समय तक देश पर सेना (Pakistan Army) का शासन रहा है, जहां कभी भी तख्तापलट होने की आशंका बनी रहती है. साथ ही सेना का सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में भी खासा दखल रहा है.
हालांकि सेना ने हाल में शहबाज शरीफ और खान के बीच हुए राजनीतिक संघर्ष से यह कहते हुए खुद को दूर कर लिया था कि उसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हैं. मरियम ने मंगलवार देर रात लाहौर में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कहा, ‘इमरान खान इतने हताश थे कि उन्होंने अंतिम क्षणों तक अपनी सरकार को बचाने के लिए सेना से भीख मांगी थी. यहां तक कि उन्होंने अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी तक से मदद का अनुरोध किया था.’
10 अप्रैल को हटाए गए थे इमरान खान
इमरान खान को 10 अप्रैल को नेशनल असेंबली में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था और वह संसद द्वारा अपदस्थ किए गए पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए.
ईद के बाद लौटेंगे नवाज शरीफ
वहीं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ अगले महीने ईद के बाद अदालतों का सामना करने के लिए लंदन से लौटेंगे. यह जानकारी पीएमएल-एन के एक नेता दी है. शरीफ को एक दिन पहले ही नई सरकार ने पासपोर्ट जारी किया गया है. 72 साल के पीएमएल-एन सुप्रीमो नवंबर 2019 में लंदन चले गए थे. उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय ने इलाज के वास्ते चार हफ्ते के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामलों में जांच शुरू की थी.
बिलावल भुट्टो बने हैं नए विदेश मंत्री
इसके साथ ही पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर अली भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नई सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगाई जा रही अटकलों को विराम लग गया है. बिलावल ऐसे वक्त में विदेश मंत्री बने हैं जब पाकिस्तान को बेहद नाजुक हालात से गुजरते हुए विदेश नीति को संतुलित बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है.