महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत याचिका पर आज (2 मई, सोमवार) फैसला आएगा. राणा दंपत्ति को बेल मिलेगी या फिलहाल जेल में ही रहना होगा, यह कुछ ही देर में पता लग जाएगा. मुंबई सत्र न्यायालय (Mumbai Sessions Court) में इस मामले में आज सुनवाई है. नवनीत राणा अभी मुंबई की भायखला जेल में हैं और रवि राणा नवी मुंबई की तलोजा जेल में हैं. राणा दंपत्ति पर राजद्रोह के आरोप लगे हैं. इन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद की थी. मुंबई की खार पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था. शनिवार (30 मई) को हुई सुनवाई में दोनों पक्ष की ओर से बहस पूरी हो गई थी. कोर्ट न फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सरकारी वकील प्रदीप घरत ने राणा दंपत्ति की जमानत याचिका का विरोध किया है. उन्होंने यह दलील थी कि मामला सिर्फ मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का नहीं है. ऐसा कर के राणा दंपत्ति राज्य की कानून व्यवस्था से जुड़े हालात खराब करना चाह रहे थे. उनका मकसद राज्य में अराजकता की हालत पैदा करना और राज्य सरकार को अस्थिर करना था. वे महाराष्ट्र सरकार को हिंदू विरोधी दर्शाना चाह रहे थे और यह दर्शाना चाहते थे कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सक्षम नहीं है. सरकारी वकील ने कहा कि विधायक रवि राणा के खिलाफ 17 और सांसद नवनीत राणा के खिलाफ 6 केसेस दर्ज हैं. ऐसे मं अगर वे जमानत लेकर बाहर आते हैं तो कानून व्यवस्था से जुड़े हालात फिर खराब करने की कोशिश करेंगे.
नवनीत राणा की जमानत का खास तौर से किया गया विरोध, ये हैं आरोप
वकील प्रदीप घरत ने नवनीत राणा को जमानत दिए जाने का खास तौर से विरोध किया. उन्होंने कोर्ट को यह दलील दी कि नवनीत राणा के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र पेश करने के आरोप में केस चल रहा है. साथ ही मुंबई के मुलुंड पुलिस स्टेशन में भी उन पर एक गंभीर केस दर्ज है. प्रदीप घरत ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए राणा दंपत्ति को जमानत नहीं दिया जाना चाहिए.
राणा दंपत्ति के वकील ने जमानत के पक्ष में दी यह दलील
दूसरी और राणा दंपत्ति के वकील रिजवान मर्चंट ने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ना गुनाह कैसे हो सकता है. जब लंडन के टेम्स ब्रिज में खड़े होकर धार्मिक किताब पढ़ना गुनाह नहीं है तो मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना गुनाह कैसे हो सकता है. राणा दंपत्ति के वकील ने कहा कि अगर मान भी लिया जाए कि गलती हुई तो सिर्फ इतनी हुई कि पुलिस द्वारा धारा 149 के तहत नोटिस दिए जाने के बावजूद राणा दंपत्ति हनुमान चालीसा पढ़ने की मांग पर अड़े थे. लेकिन फिर तो पुलिस ने उन्हें मुंबई स्थित उनके घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी. राणा दंपत्ति घर से निकले ही नहीं, मातोश्री तक गए ही नहीं. बल्कि शिवसैनिक बैरिकेट्स तो़ड़ कर राणा दंपत्ति की बिल्डिंग तक पहुंच गए और उनका घेराव किया. ऐसे में राजद्रोह का केस कैसे लगाया जा सकता है?
इस बीच नवनीत राणा के वकील ने जेल अधिकारियों को पत्र लिख कर यह सूचित किया है कि नवनीत राणा को जेल में रह कर पीठ दर्द की शिकायत शुरू हो गई है.