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Myanmar: कम नहीं हो रही आंग सान सू ची की मुसीबतें, 550000 डॉलर की रिश्वत का लगा आरोप, हो सकती है 15 साल की सजा

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म्यांमार (Myanmar) की अपदस्थ नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) के एक नए मामले में सोमवार को मुकदमा चला है. यहां एक बिजनेसमैन ने उनके खिलाफ 550,000 अमरीकी डॉलर की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. इस तरह उन पर भ्रष्टाचार के कुल 12 मामले हैं, जिसमें हर एक मामले में अधिकतम जेल की सजा 15 साल तक है. सू ची को फरवरी 2021 में सेना द्वारा उनकी चुनी हुई सरकार को हटाने के बाद से हिरासत में लिया गया है और तब से उन्हें सार्वजनिक रूप से देखा या बोलने की अनुमति नहीं दी गई है.

उन पर बंद कोर्ट सेशन में मुकदमा चलाया जा रहा है और उनके वकील उनकी ओर से या उनके मुकदमे के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बोल सकते हैं क्योंकि उन पर एक रोक आदेश जारी किया गया है. सू ची के समर्थकों और मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि उनके खिलाफ मामले उन्हें बदनाम करने और सेना की सत्ता की जब्ती को वैध बनाने का एक प्रयास है, जिससे उनके संभावित 2023 के चुनाव में भाग लेने की संभावना समाप्त हो गई है.

पिछले सप्ताह मिली 5 साल की सजा

सोमवार को सू ची के खिलाफ मुकदमे की पुष्टि एक कानूनी अधिकारी ने की, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की. ऐसा इसलिए, क्योंकि वह जानकारी जारी करने के लिए अधिकृत नहीं थे. इस ताजा मामले में आंग सान पर 2019 और 2020 में एक बिजनेसमैन से पैसे मांगने का आरोप है, जो पहले मादक पदार्थों की तस्करी का दोषी था. इससे पहले सैन्य शासित म्यांमा की एक अदालत ने देश की पूर्व नेता आंग सान सू ची को भ्रष्टाचार के मामले में पिछले सप्ताह दोषी ठहराया और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी.

कई वर्ष नजरबंदी में बिता चुकी हैं आंग सान सू ची

सेना द्वारा पिछले साल फरवरी में तख्तापलट के बाद सत्ता से बाहर कर दी गईं सू ची ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था कि उनके एक शीर्ष राजनीतिक सहकर्मी ने घूस के तौर पर सोना और हजारों डॉलर लिए थे. उन्हें अन्य मामलों में पहले ही छह साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. अन्य मामलों में भी दोषी ठहराए जाने पर उन्हें कुल 100 साल से अधिक समय की जेल की सजा हो सकती है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सू ची सैन्य शासन की अवहेलना करने के लिए पहले ही कई वर्ष नजरबंदी में बिता चुकी हैं.

गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमा की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और सू ची तथा म्यांमा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था। सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना का कहना है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई। एक निगरानी समूह के अनुसार, सेना के देश की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद देशभर में हुए प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना के भीषण बल प्रयोग से करीब 1800 लोगों की मौत हुई है।

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