मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉक्टर शकील अहमद और आरएमओ प्रतिक नवलाखे ने मिलकर जिला अस्पताल का कीमती सामान ओने-पौने दामों पर कबाड़ में बेच दिया था. जिसके बाद अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी के प्रतिवेदन के बाद उनके उपर एफआईआर (FIR On Doctors) दर्ज हो गई है और मामला न्यायालय में चल रहा है. लेकिन इसका खामियाजा अब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि जिला अस्पताल (Burhanpur District Hospital) के वार्डों में मरीजों के लिए इस भीषण गर्मी में कूलर की व्यवस्था तो छोड़िए पर्याप्त पंखे भी नहीं हैं. मरीज और तीमारदार अब प्रचंड गर्मी में परेशान होते नजर आ रहे हैं.
डॉक्टर और आरएमओ पर FIR
दरअसल जिला अस्पताल का कीमती सामान और अन्य उपयोगी वस्तुएं सिविल सर्जन डॉक्टर शकील अहमद और आरएमओ डॉक्टर प्रतिक नवलाखे ओने-पौने दामों पर कबाड़ में भेज दिए थे. यह मामला मीडिया में काफी सुर्खियों में रहा. जिसके बाद कलेक्टर प्रवीण सिंह ने अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी को जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने जांच प्रतिवेदन दिया. जिसमें सिविल सर्जन डॉक्टर शकील अहमद और आरएमओ डॉ. प्रतीक नवलाखे जिसमें दोषी पाए गए थे. जिसके बाद कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर मुख्य जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने लालबाग थाने में इन दोनों के खिलाफ एफआईआरदर्ज कराई थी. अब मामला न्यायालय में चल रहा है.
गर्मी से परेशान मरीज, वार्ड से पंखे गायब
अब जिला अस्पताल के डॉक्टरों के इस कांड का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि इस 43 से 44 डिग्री तापमान में मरीजों को जिला अस्पताल के वार्ड में पंखे भी नसीब नहीं हो रहे हैं. यहां पर्याप्त पंखों की व्यवस्था नहीं है और कूलर की तो बात क्या की जाए. अब यहां आने वाले मरीजों को अपने घर से ही कूलर लेकर अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है. जो गरीब मरीज गांव देहातों से आ रहे हैं. उनको इस गर्मी में हाथ पंखे का सहारा लेकर गर्मी से बचना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन अब दानदाताओं की ओर टकटकी लगा कर बैठा है कि कोई पंखे और कूलर दान करें. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों के अस्पताल में सुविधाएं आखिर मरीजों को क्यों नहीं दी जा रही है.
कबाड़ में बेच दिया अस्पताल का सामान
जिला अस्पताल में यह समस्या अस्पताल का कीमती सामान कबाड़ में बेचने के बाद ही सामने आई है. अब रोगी कल्याण समिति की जांच भी कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर हो रही है. जिसमें और खुलासे होने की संभावनाएं हैं. अब देखना यह होगा कि करोड़ों के बने अस्पताल में मरीजों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए पर्याप्त पंखे और कूलर की व्यवस्था की जाती है या नहीं.