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Maoist Encounter: झारखंड के खूंटी में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, PLFI का सब जोनल कमांडर ढेर

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झारखंड ( JharkhandNaxalites ) के खूंटी में सुरक्षा बलों ने 40 से अधिक आपराधिक वारदात में शामिल उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सबजोनल कमांडर लाका पाहन को बुधवार तड़के भीषण मुठभेड़ में मार गिराया. खूंटी के पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने बताया कि मुरहू थाना क्षेत्र के कोटा इंडीपीढ़ी जंगल में तड़के पीएलएफआई के दस्ते के साथ सुरक्षा बलों (Security Forces) की हुई मुठभेड़ में यह सफलता मिली. अमन कुमार ने पीटीआई भाषा को बताया कि पीएलएफआई उग्रवादियों की संदिग्ध गतिविधियों की गुप्त सूचना पर जब सुरक्षा बल कोटा इंदीपिडी जंगल पहुंचे तो पीएलएफआई उग्रवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में पीएलएफआई का यह सबजोनल कमांडर मारा गया.

उन्होंने बताया कि गोलीबारी थमने के बाद जब पुलिस टीम ने मौके पर तलाशी अभियान चलाया तो वहां से एक उग्रवादी का शव मिला, जिसकी पहचान बाद में पीएलएफआई सबजोनल कमांडर लाका पाहन के रूप में हुई. मुठभेड़ में उसके अन्य सहयोगी जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले.

नक्सली लाका के खिलाफ दर्ज हैं 40 से ज्यादा मामले

अमन कुमार के अनुसार लाका पाहन पर 40 से ज्यादा नक्सली कांड दर्ज थे. फिलहाल पुलिस का तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि लाका पाहन पूर्व में 2012 में जेल जा चुका था और 2020 में जेल से छूटने के बाद वह फिर से संगठन में शामिल होकर उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम देने लगा था. संगठन के पूर्व सब जोनल कमांडर जीदन गुड़िया के पुलिस मुठभेड़ में पिछले वर्ष मारे जाने के बाद संगठन में लाका पाहन को सब जोनल कमांडर बनाया गया था. 2008 में लाका पहान संगठन में जुड़ा और लगातार कई हत्याकांडों, लूट, अपहरण, पुलिस पर हमला जैसे संगीन कांडो में शामिल था, इसका इलाके में आतंक था.संगठन में ओहदा बढ़ने के बाद वह लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहा था. पुलिस लाका पहान के मारे जाने को बड़ी सफलता मान रही है.

पांच लाख रुपए का इनामी नक्सली था लाका

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मारे गए लाका पाहन पर पांच लाख रुपये की इनामी राशि का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था जिसपर गृह विभाग का फैसला आना शेष था. हालांकि हाल ही में जब नक्सली संगठन का विस्तार हुआ था और दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमिटी बनाई गई थी तो उसमें लाका पाहन को सचिव बनाया गया था। ऐसे में उसके खिलाफ इनामी राशि के बढ़ने की भी संभावना थी. पुलिस कप्तान

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