आईपीसी की धारा 123-A के तहत राजद्रोह (Sedition) के केस से जमानत के लिए आज (26 अप्रैल, मंगलवार) महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ओर उनके विधायक पति मुंबई सत्र न्यायालय (Mumbai Sessions Court) में याचिका दायर करेंगे. उनकी जमानत याचिका पर आज ही सुनवाई भी होने की पूरी संभावना है. बांद्रा हॉलिडे कोर्ट ने उन्हें रविवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. साथ ही कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर तुरंत सुनवाई करने से भी इनकार कर दिया था और सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख दी. ऐसे में लोगों की नजरें बनी हुई हैं कि आज मुंबई सेशंस कोर्ट से राणा दंपत्ति को बेल मिलती है या फिर उन्हें 6 मई तक जेल में ही बने रहना पड़ेगा? फिलहाल नवनीत राणा मुंबई के भायखला जेल में और रवि राणा नवी मुंबई के तलोजा जेल में हैं. राणा दंपत्ति ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने की जिद की थी.
हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद करने पर पुलिस ने उनके मुंबई स्थित घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी थी. इस बीच शिवसैनिकों ने राणा दंपत्ति के घर के बाहर घेराव भी किया. इसके बाद राणा दंपत्ति ने अपना फैसला बदल लिया था. इसके बावजूद मुंबई की खार पुलिस ने भड़काऊ भाषण और समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश के मामले में केस दर्ज किया और अरेस्ट कर लिया. दूसरे दिन उन पर राजद्रोह यानी राज्य प्रशासन को चुनौती देने और उनके खिलाफ साजिश रचने का केस भी लगाया. आज इसी मामले में जमानत याचिका दायर की जाएगी और सुनवाई होगी. राजद्रोह के आरोप में जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेड कोर्ट को नहीं है. इसलिए वक्त ना बर्बाद करते हुए राणा दंपत्ति ने सीधे मुंबई सेशंस कोर्ट से जमानत लेने की कोशिश कर रही है.
हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने की मांग ठुकराई, नवनीत राणा को फटकार भी लगाई
इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में राणा दंपत्ति की अपील पर सुनवाई हुई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राजद्रोह की एफआईआर रद्द करने की राणा दंपत्ति की याचिका ठुकरा दी. सरकारी वकील कोर्ट को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे कि राणा दंपत्ति ने पुलिस के साथ हुज्जत की और उन पर दबाव बनाया और अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पुलिस स्टेशन जाने से इनकार किया था. इसके अलावा सरकारी वकील प्रदीप घरत ने कोर्ट में यह भी दलील दी कि राणा दंपत्ति ने पुलिस के साथ चेतावनी भरे अंदाज में बात की.इस वजह से राणा दंपत्ति के खिलाफ पुलिस के साथ दुर्व्यवहार से जुड़ी धाराएं भी लगी हैं.
राणा दंपत्ति की कोर्ट से थी यह मांग, कोर्ट ने दिया सांसद होने की जिम्मेदारियों का ज्ञान
राणा दंपत्ति की हाईकोर्ट से मांग थी कि उन पर एक ही दिन एक ही मामले में गिरफ्तारी हुई है तो अलग-अलग दो एफआईआर दर्ज क्यों की गई है. दोनों एफआईआर को एक में किया जाए और सभी धाराएं उन्हीं में शामिल की जाए. राणा दंपत्ति की यह भी मांग थी कि उन पर राजद्रोह की एफआईआर रद्द की जाए. कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग ठुकरा दी. इतनी राहत जरूर दी कि उन पर पुलिस कोई कार्रवाई करेगी तो उन्हें 72 घंटे पहले सूचित किया जाएगा. इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद करने को लेकर नवनीत राणा को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि उन्हें संसद से मिला हुआ विशेषाधिकार है तो सांसद होने के नाते कुछ जिम्मेदारियां भी हैं.