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Home Delhi नागरिकता मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही भाजपा, बंगाल में करेंगे लड़ाई का नेतृत्व : ममता 

नागरिकता मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही भाजपा, बंगाल में करेंगे लड़ाई का नेतृत्व : ममता 

by City Headline
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कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पश्चिम बंगाल में हर हाल में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) लागू करने की चेतावनी पर एक बार फिर ममता बनर्जी ने हमला बोला है। गुरुवार को उत्तर 24 परगना के देगंगा में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नागरिकता के मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस ही करेगी। ममता ने माकपा और कांग्रेस पर भाजपा से मिलीभगत का भी आरोप लगाया।

बनर्जी ने कहा कि तृणमूल आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करेगी। तृणमूल की प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा विपक्षी दलों के नेताओं पर चोर का ठप्पा लगा रही है। उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसी व्यवस्था बन गयी है जहां लोकतंत्र का संचालन केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। ममता ने कहा कि माकपा, भाजपा और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में गठबंधन बनाया है और सक्रिय रूप से हमारे खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (ईंडी गठबंधन) राष्ट्रव्यापी स्तर पर भाजपा का मुकाबला करेगा जबकि पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व तृणमूल ही करेगी।

मुख्यमंत्री ने उत्तर 24 परगना जिले में मतुआ लोगों की बड़ी आबादी तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए नागरिकता के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नागरिकता के मुद्दे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रही है। भाजपा इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है। पहले, जिलाधिकारी नागरिकता से जुड़े मामलों का फैसला करते थे, लेकिन अब उनसे ये शक्तियां छीन ली गई हैं। यदि लोगों के पास नागरिकता नहीं होगी, तो वे सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ कैसे उठा पाएंगे?

ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नागरिकता को लेकर दिए गए एक बयान के जवाब में यह टिप्पणी की है। अमित शाह ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। शाह ने बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था।