राजस्थान के (Rajasthan) जोधपुर में ईद के (Jodhpur Communal violence) दिन सांप्रदायिक तनाव के बाद हिंसा भड़क गई जिसके बाद सोमवार रात और मंगलवार सुबह जमकर बवाल हुआ. माहौल खराब होते देख पुलिस ने मंगलवार को 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट को बंद कर दिया.वहीं उपद्रव की घटनाओं के संबंध में पुलिस ने अब तक 97 लोगों की गिरफ्तारी की है. घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. हिंसा के दौरान दो समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई जिसमें कई गाड़ियां फूंकी गई. इसी दौरान एक 7 साल की एक बच्ची उपद्रवियों के बीच फंस गई. हिंसा के दौरान घर से बाहर खड़ी बच्ची के पीछे कुछ युवक लाठी-डंडा लेकर दौड़े जिसके बाद बच्ची पर हमला किया गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची पर हमला होते देख उसके पड़ोसी ने अपनी जान पर खेलकर बच्ची को बचाया और खुद के ऊपर लाठी के वार ले लिए. पड़ोसी में किराना की दुकान चलाने वाले एक व्यापारी ने बच्ची को हमले से बचाया जिसके बाद उनके पीठ और कमर में काफी चोटें आई हैं.
पिता ने कहा भगवान के रूप में पड़ोसी ने बेटी को बचाया
बता दें कि मंगलवार सुबह करीब 11 बजे जब जोधपुर दंगों की आग में झुलस रहा था इस दौरान भीतरी शहर के इलाके में लोग अनजान थे. वहीं भजन की चौकी इलाके में पवन सिंघवी का मकान है जिन्हें घटना के बारे में उतनी जानकारी नहीं थी और उनकी 8 साल की बेटी माननीया सिंघवी घर के बाहर खड़ी थी.
इसी दौरान कुछ युवकों ने डंडों से माननीया पर हमला कर दिया. बच्ची के पिता के मुताबिक 15 से 20 मिनट के भीतर बहुत से लोग लाठियां और सरिया लेकर हमारी गली में आ गए और जिसे देखखर बेटी डर गई लेकिन बच्ची पर हमला होते देख पड़ोसी अजय बीच में आ गए और उसको बचाया.
बच्ची के लिए पड़ोसी ने खाए लाठी-डंडे
वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए बच्ची को बचाने वाले अजय पुरोहित ने बताया कि वह पवन सिंघवी की दुकान के सामने एक किराने की दुकान चलाते हैं. अजय के मुताबिक बच्ची के घर से बाहर खड़ी रहने के दौरान अचानक कुछ लोगों ने उस पर लाठी और सरियों से हमला किया जिसके बाद बच्ची के पिता उनके सामने हो गए और बच्ची पीछे छुप गई. अजय ने बताया कि जब उपद्रवी बच्ची को मारने के लिए दौड़े तब मैंने बीच में जाकर उनको रोका और इसके बाद दंगाइयों ने उनकी जमकर पिटाई की.