दिल्ली में जहांगीरपुरी हिंसा ( Jahangirpuri Violence ) के मामले में दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों ने पिछले महीने जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी में देरी के लिए पश्चिम बंगाल के अपने समकक्षों को दोषी ठहराया है और कहा है कि राज्य में छिपे छह मुख्य आरोपी इस वजह से गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़पों के बाद छह पश्चिम बंगाल (West Bengal Police) के विभिन्न हिस्सों में भाग गए थे. उनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन बंगाल पुलिस से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहे हैं.
दिल्ली पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने छह लोगों की पहचान कर ली है. उन्होंने कहा, “उनके ठिकाने को डिजिटल माध्यमों से ट्रैक किया गया है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.” हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
दिल्ली पुलिस ने बंगाल पुलिस पर लगाया मदद नहीं देने का आरोप
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,जब भी हमें आरोपी का सटीक स्थान मिलता है, हमें समर्थन के लिए स्थानीय पुलिस को सूचित करना होता है. जब तक उनकी मदद मंजूरी मिलती है, तब तक आरोपी हमें चकमा दे देते थे और फरार हो जाते हैं. हम आरोपियों के संभावित ठिकाने की स्थलाकृति से भी बहुत परिचित नहीं हैं, जिससे हमारे लिए चीजें काफी मुश्किल हो जाती हैं.” संपर्क करने पर पश्चिम बंगाल पुलिस के एक आईजी रैंक के अधिकारी ने कहा कि उन्हें ऐसे मामलों में कुछ औपचारिकताओं का पालन करना होगा. सभी क्षेत्र, जिनमें दिल्ली पुलिस कार्रवाई शुरू करना चाहती है, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील हैं. हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस तरह के ऑपरेशन से कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित न हो.’
बंगाल से कई आरोपियों की हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार शेख और सोनू शेख को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कबाड़ के कारोबारी अंसार का हल्दिया में दो मंजिला मकान है.हालांकि वह कई वर्षों से वहां नहीं रहता था, लेकिन कभी-कभी त्योहार पर वह अपने घर आता था. जब भी वह आता था कि अपने यार-दोस्तों के बीच जमकर पैसा उड़ाता था. उसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम बंगाल आई थी और विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर मुख्य आरोपी फरीद को भी गिरफ्तार किया था.