पूरी दुनिया में जब ईद-उल-फितर (Eid ul fitr) का त्योहार कल मंगलवार को पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा था उस समय ईरान एक बड़ा हादसा हो गया जिसमें 8 लोगों की जान चली गई. स्थानीय मीडिया की ओर से कहा गया है कि ईरानी शहर बंदर अब्बास (Bandar Abbas) में घर का बना दूषित शराब (homemade alcohol) पीने से आठ लोगों की मौत हो गई है. कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ईरान में शराब की खपत बढ़ी है क्योंकि यहां अफवाह है कि इसके सेवन से महामारी नहीं फैलती.
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर फतेमेह नौरूजियन (Dr Fatemeh Nowruzian) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जहरीली शराब पीने की वजह से 51 अन्य लोगों का भी इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनमें से 17 मरीजों की हालत गंभीर है और उनको गहन देखभाल (intensive care) में रखा गया है, जबकि 30 मरीजों का डायलिसिस पर इलाज चल रहा है.
अवैध शराब बनाने के मामले में 8 गिरफ्तारी
न्यूज वेबसाइट बीबीसी ने स्थानीय पुलिस के हवाले से कहा कि उन्होंने शराब बनाने और बांटने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.
ईरान एक इस्लामिक गणराज्य है और यहां पर केवल कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों के अपवाद के साथ, देश में शराब के निर्माण, बिक्री और खपत पूर्ण रूप से वर्जित है. नियम के अनुसार, एक मुसलमान की शराब पीने की सजा 80 कोड़े है.
ईरानी शहर बंदर अब्बास के अधिकारियों ने घर की शराब में मौजूद जहरीले पदार्थ की पहचान नहीं की, लेकिन हाल के वर्षों में मेथनॉल (methanol) के घातक स्तर वाले जहरीली शराब पीने की वजह से सैकड़ों ईरानी मारे जा चुके हैं.
मेथनॉल आमतौर पर एंटी-फ्रीज, सॉल्वैंट्स और ईंधन बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन कभी-कभी शराब की मात्रा को बढ़ाने के लिए अवैध रूप से उत्पादित स्प्रिट्स में मिला दिया जाता है. यह इतना खतरनाक हो जाता है कि यदि इसे कम मात्रा में भी लिया जाए तो इसकी वजह से अंधापन या मृत्यु का कारण बन सकता है.
ईरान में शराब के सेवन से कोरोना नहीं फैलने का अफवाह
ईरान में कोरोना संकट के बीच एक अफवाह फैल चुकी है कि शराब पीने या इसका गरारा करने से कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सकता है. महामारी की शुरुआत के बाद से ही ईरान में जहरीली मेथनॉल के इस्तेमाल में खासा वृद्धि हुई है.
2 साल पहले अप्रैल 2020 में, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि जहरीली शराब की वजह से तीन महीने में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि शराब के सेवन से बीमार पड़े 5,000 से अधिक लोगों का इलाज कराया गया.