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IPL 2022: भारतीय क्रिकेट के तीन दिग्गजों ने की बहुत बड़ी गलती, अब पूरी टीम भुगत रही है सजा

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आईपीएल (IPL 2022) अपने आधे पड़ाव पर पहुंच गया है. आज 40वां लीग मैच खेला जाएगा. ये मुकाबला गुजरात टाइटन्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच है. इस लीग में अगर किसी बात ने क्रिकेट फैंस को सबसे ज्यादा चौंकाया तो वो है मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रदर्शन. मुंबई और चेन्नई (MI vs CSK) आईपीएल के इतिहास की सबसे कामयाब टीम हैं. मुंबई इंडियंस ने पांच बार और चेन्नई सुपरकिंग्स ने चार बार खिताब पर कब्जा किया है. लेकिन इस बार ये दोनों ही टीम आखिरी पायदान पर हैं. मुंबई की टीम अब तक खेले सभी 8 मैच हारी है. प्वाइंट टेबल (IPL 2022 Points Table) में उसका खाता ही नहीं खुला है. वो दसवीं पायदान पर है.

मौजूदा चैंपियन चेन्नई की टीम 8 मैच में 6 मैच हार चुकी है. दो जीत और सिर्फ 4 अंक के साथ प्वाइंट टेबल में वौ नौंवे नंबर पर है. दोनों टीम में स्टार खिलाड़ियों की भरमार है. रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, ईशान किशन, कीरॉन पोलार्ड जैसे खिलाड़ियों के रहते हुए भी चेन्नई और मुंबई की टीम का बुरा हाल है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर वो कौन सा मोर्चा है जहां चेन्नई और मुंबई की टीम चकमा खा गईं. आखिर दोनों टीम से सबसे बड़ी गलती क्या हुई? इस सवाल का जवाब खोजते हैं.

क्वालिटी स्पिनर की कमी है दोनों टीम की सबसे बड़ी दिक्कत

मेगा ऑक्शन के बाद ही ये दिख रहा था कि चेन्नई और मुंबई की टीम स्पिन गेंदबाजी के डिपार्टमेंट में कमजोर है. जिस चेन्नई की टीम में एक से बढ़कर एक दिग्गज स्पिनर होते थे. इस बार उसने मिचेल सैंटनर, महेश तीक्षणा और मोइन अली पर भरोसा किया. रवींद्र जडेजा के तौर पर एक और स्पिन विकल्प था. लेकिन महेश तीक्षणा को छोड़कर तीनों ने निराश किया. मिचेल सैंटनर को तीन मैच खेलने का ही मौका मिला. मोइन अली ने पांच मैच खेले, लेकिन उनसे सीमित गेंदबाजी कराई गई. रवींद्र जडेजा ने पांच विकेट लिए हैं. महेश तीक्षणा ने 5 मैच में 8 विकेट लिए हैं. कुछ ऐसा ही औसत प्रदर्शन मुंबई इंडियंस के स्पिन डिपार्टमेंट का भी है. मुंबई की टीम में मुरूगन अश्विन हैं. उन्होंने 6 मैच में 6 विकेट लिए हैं. मयंक मार्कण्डेय मुंबई की टीम में हैं लेकिन उन्हें अभी तक खेलने का मौका नहीं मिला है. मुंबई की टीम को क्रुणाल पांड्या, जयंत यादव, राहुल चहर जैसे स्पिनर्स की कमी साफ खल रही है.

स्पिन गेंदबाज का सही इस्तेमाल करने में भी हो रही है गलती

चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम से स्पिन गेंदबाजों के इस्तेमाल में भी भूल हुई है. मिचेल सैंटनर का रोल साफ नहीं है. उनको नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जा रहा है. मिचेल सैंटनर की पहचान उन खिलाड़ियों में कभी नहीं रही जो बल्लेबाजी क्रम में ऊपर जाकर ताबड़तोड़ रन बना दे. लेकिन चेन्नई की टीम ने जोखिम उठाया. टीम की रणनीति ये रही होगी कि मिचेल सैंटनर को उस रोल में रखा जाए जो कभी सुनील नारायण का हुआ करता था. लेकिन ये रणनीति सही साबित नहीं हुई है. रवींद्र जडेजा अपने कोटे के पूरे ओवर भी नहीं फेंक रहे हैं. चेन्नई की टीम में जडेजा की गेंदबाजी को धोनी ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन इस बार जडेजा बैकफुट पर हैं. उन्होंने अभी तक 8.19 की इकॉनमी से रन दिया है. कहीं ऐसा तो नहीं कि कप्तानी का दबाव उनके अंदर इस बात का डर पैदा कर रहा है कि वो रन न लुटा दें.

स्पिन गेंदबाजों का है बोलबाला

मुंबई और चेन्नई के मुकाबले बाकी टीम के स्पिन गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में टॉप 5 गेंदबाजों में से तीन स्पिनर हैं. कई दिन से पर्पल कैप पर कब्जा जमाए युजवेंद्र चहल 18 विकेट ले चुके हैं. चहल राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे हैं. उनका इकॉनमी रेट 7.09 का है. टॉप 5 में चौथे और पांचवें नंबर पर भी स्पिन गेंदबाज ही हैं. चौथे नंबर पर कुलदीप यादव हैं. कुलदीप दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेल रहे हैं. उन्होंने 8.47 की इकॉनमी से 13 विकेट लिए हैं. श्रीलंका के स्पिनर हसारंगा 13 विकेट लेकर पांचवें नंबर पर हैं. वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे हैं. हसारंगा की इकॉनमी रेट 8.16 की है. इस सीजन में वैसे भी ‘रिस्ट स्पिनर्स’ के बोलबाले पर खूब चर्चा हो रही है.

क्यों असरदार हैं स्पिन गेंदबाज

कोरोना के खतरे को कम करने के लिए इस सीजन में सभी मैच सिर्फ चार स्टेडियम में खेलने का फैसला किया गया. इस फैसले का सीधा असर ये हुआ कि पिच को जरूरी रख-रखाव के लिए जो समय मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है. पिच धीमा खेल रही है. गेंद फंस कर आ रही है. ऐसे में स्पिन गेंदबाजों का रोल काफी बढ़ गया है. मुंबई और पुणे में गर्मी भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पिच का टूटना स्वाभाविक है. समय कम होने की वजह से ग्राउंड स्टाफ पानी की बौछार तो करते हैं लेकिन मैदान में ‘स्प्रिंकल’ करने में और अच्छी तरह पानी डालने में फर्क होता है. स्प्रिंकल करने का असर ऊपरी सतह पर ही है, नीचे से विकेट टूट रहा है. इसका सीधा असर स्पिन गेंदबाजों को मिल रही मदद है.

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