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Heatwave in India: ज्यादा गर्मी के कारण हो सकती है दस्त और बुखार की समस्या: एक्सपर्ट

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देश भर में बढ़ते तापमान (Rise In temperature) और हीटवेव (Heatwave) के चलते केंद्र ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से आवश्यक दवाओं और सभी जरूरी उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए अपनी स्वास्थ्य सुविधा की तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है. साथ ही पर्याप्त पीने का पानी मुहैया कराने के लिए भी कहा है.शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए भारत के मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 2 मई तक उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में हीटवेव की स्थिति जारी रहेगी और उसके बाद समाप्त हो जाएगी. अप्रैल के महीने में पूरे भारत का औसत तापमान 35.05 डिग्री था जो 122 सालों में चौथी बार सबसे ज्यादा रहा है.

बढ़ते तापमान के चलते कई लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. खासकर जिन्हें हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) और डायबिटीज (Diabetes) है. दिल्ली के CK बिड़ला अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ. राजीव गुप्ता ने कहा कि हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित लोग गर्मी के महीनों में असहज महसूस करते हैं.

डॉ गुप्ता ने कहा, “हाइपरथायरायडिज्म में शरीर के अंदर का तापमान बढ़ जाता है. इससे पीड़ित लोगों में गर्मियों के दौरान पल्पीटेशन (Palpitations), पसीना आना और गर्मी लगने जैसी समस्याएं देखी जाती हैं. ज्यादा तापमान इन परेशानियों को ज्यादा बढ़ाता है. जैसा कि पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि तापमान बढ़ रहा है. ऐसे में उत्तर भारत के लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. अगर किसी बुजुर्ग को हाइपरथायरायडिज्महै तो उन्हें इन दिनों घर के अंदर रहना चाहिए.”

बुजुर्गों की सेहत का रखें खास ध्यान

सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट और जनरल फिजिशियन डॉ. सुमित अग्रवाल ने कहा कि गर्मी के साथ मेटाबॉलिक रेट में असंतुलन पैदा होता है. “इसका मतलब है कि यह दस्त, हीट स्ट्रोक, बुखार, टाइफॉयड, सर्दी और खांसी जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म देता है. आमतौर पर ऐसे बढ़ते तापमान में बुजुर्गों को घर के अंदर रहना चाहिए लेकिन अगर उन्हें बाहर निकलना पड़ता है तो युवाओं की तुलना में उन्हें ज्यादा खतरा है.

डॉ. के मुताबिक, इस मौसम में बुजुर्गों को केवल घर का बना ताजा खाना खाना चाहिए और शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए ज्यादा पानी पीना चाहिए. हमारे पास गैस्ट्रोएंटेराइटिस (gastroenteritis) के बहुत से पेशेंट इन दिनों आ रहे हैं. इसलिए सभी को सावधान रहने की जरूरत है.

अधिक मात्रा में पानी पीएं

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जो लोग बिस्तर पर हैं उन्हें भी खतरा है. “ऐसे लोगों को भूख कम लगती है, यहां तक कि वे पानी भी कम मात्रा में पीते हैं. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. यदि वे तरल पदार्थ का सेवन कम मात्रा में कर रहे हैं तो इसे बढ़ाना पड़ सकता है.”

डॉ अग्रवाल ने कहा कि बुजुर्ग सोच सकते हैं कि वे सुरक्षित हैं क्योंकि वे घर में AC में रहते हैं और जब कार से कहीं जाते हैं तो उसमें भी AC होता है. लेकिन सच यह है कि तापमान में अंतर होता है. उनको कार तक चलकर जाना पड़ता है. यहां तक कि तापमान में मामूली बदलाव भी उनके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. खांसी, सर्दी और वायरल आम समस्याएं हैं जिनसे वे पीड़ित हो सकते हैं. बुजुर्गों के लिए उन्हें होने वाली एक छोटी बीमारी भी बड़ी समस्या बन सकती है.

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