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हरियाणा के गृहमंत्री बोले, राठी हत्याकांड की सीबीआई जांच करवाएगी सरकार

विधानसभा में हत्याकांड पर काम रोको प्रस्ताव लाई कांग्रेस, विपक्ष ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर किया हंगामा

by City Headline
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चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्याकांड की हरियाणा सरकार सीबीआई से जांच करवाएगी। सोमवार को विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने यह जानकारी दी।

सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सभी सदस्यों ने इनेलो नेता नफे सिंह राठी को श्रद्धांजलि दी। प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त होते ही कांग्रेस विधायक एवं पूर्व स्पीकर रघुबीर कादयान ने राठी हत्याकांड को लेकर काम रोको प्रस्ताव सदन में पेश किया। विपक्ष के दबाव और हंगामे के चलते स्पीकर ने विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और इस पर चर्चा शुरू हो गई। कांग्रेस विधायक रघुबीर कादयान, गीता भुक्कल, बीबी बतरा तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राठी हत्याकांड पर सरकार को घेरा। इस मुद्दे पर सदन में काफी देर चर्चा चलती रही। समूचे विपक्ष ने इसे राजनीतिक हत्या करार देते हुए कहा कि इस मामले में पूर्व भाजपा विधायक का नाम भी सामने आया है। ऐसे में स्टेट पुलिस इस केस की निषपक्ष जांच नहीं कर सकती है। विपक्ष ने इस दौरान प्रदेश में हुई अपराधिक घटनाओं का मुद्दा भी सदन में उठाया।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के मामले की जांच सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) से करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हत्याकाण्ड के दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। गृह मंत्री ने इस हत्याकाण्ड पर दुख जताते हुए कहा कि यदि विधानसभा के सदन की तसल्ली सीबीआई जांच से होती है तो इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी।

विज ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है और नफे सिंह राठी उनके साथ वर्ष 1996 और 2000 में विधायक रहे और नफे सिंह उनके अच्छे मित्र भी थे। विज ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस हत्याकाण्ड की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से पुलिस महानिदेशक, झज्जर के पुलिस अधीक्षक और एसटीएफ के प्रमुख से बात की और इस मामले की जांच को एसटीएफ के प्रमुख को सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और जांच के संबंध में कई पहलुओं के बारे में वे सदन को नहीं बता सकते हैं लेकिन इस हत्याकांड की गहनता से जांच की जा रही है। गृह मंत्री ने कहा कि इस हत्याकाण्ड में नफे सिंह राठी के भतीजे ने राजनीतिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

सदन में इस हत्याकांड के संबंध में विपक्ष के नफे सिंह राठी को सुरक्षा न उपलब्ध कराने के सवाल के जवाब में गृह मंत्री विज ने कहा कि नफे सिंह राठी ने सुरक्षा मांगी थी और झज्जर के पुलिस अधीक्षक को 14 जुलाई, 2022 को सुरक्षा के संबंध पत्र प्रस्तुत किया था और इस संबंध में 343 नंबर मुकदमा दर्ज किया गया। इसके उपरांत पुलिस ने उनको मिलने वाली धमकियों के बारे में तफतीश की और तफतीश में पाया कि कोलकाता का एक व्यक्ति उन्हें टेलीफोन पर धमकियां देता था, जिसे पकडा गया। विज ने कहा कि इस बारे में उनके कार्यालय में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ था, यदि कोई पत्र उनके कार्यालय में आए और काम न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।’

आपराधिक घटनाओं के मुद्दे पर गृहमंत्री ने सदन में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हत्या के वर्ष 2005 में 784 मामले थे, जो 2014 में बढ़कर 1106 हुए। इसी प्रकार डकैती वर्ष 2005 में 88 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 172 हो गई। लूटपाट वर्ष 2005 में 390 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 874 हो गई। छीनाछपटी वर्ष 2005 में 461 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 1166 हो गई। बलात्कार वर्ष 2005 में 461 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 1174 हो गई। महिलाओं के विरूद्ध अपराध वर्ष 2005 में 380 था, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 1680 हो गया। बच्चों का अपहरण वर्ष 2005 में 492 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 3082 हो गई। हत्या का प्रयास वर्ष 2005 में 513 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 783 हो गई। दहेज हत्या वर्ष 2005 में 212 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 293 हो गई। विज ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि जो आप करके गए, उसे हमने थामा है।

उन्होंने बताया कि हत्या के मामलों में डिक्टशन दर 90.90 प्रतिशत, अपहरण में 87 प्रतिशत, डकैती में 89 प्रतिशत, लूटपाट में 78 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 98.30 प्रतिशत, बलात्कार में 99.70 प्रतिशत, दहेज हत्या में 100 प्रतिशत, दहेज उत्पीड़न में 99 प्रतिशत, महिला अपहरण में 99 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि गिरोहों को पकड़ने के लिए एसटीएफ का गठन किया हुआ है और वर्ष 2022 में 473 और वर्ष 2023 में 466 गिरोहों को पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में 18 करोड़ 12 लाख 18 हजार 425 रुपये गिरोहों से रिकवर किए गए और वर्ष 2023 में 14 करोड़ 89 लाख 4 हजार 395 रुपये रिकवर इन गिरोहों से किए गए हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2022 में 354 वांछित अपराधियों को पकड़ा गया है और ऐसे ही वर्ष 2023 में 436 वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

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